कोटा. शहर के विज्ञान नगर थाना इलाके में नग्न अवस्था में मिली महिला की लाश के मामले में गिरफ्तार हत्यारे से कई खुलासा हुए है. कोटा पुलिस की गिरफ्त में आए साइको किलर ने ही कोटा में साल 1997 में दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया था. इस अपराधी ने दोहरे हत्याकांड को भी करना कबूला है.
बता दें कि उद्योग नगर थाने में 22 मई1997 में मां- बेटी की हत्या के मामले में आरोपी को विज्ञान नगर थाना पुलिस ने हत्या के मामले में किया था. जिससे पूछताछ में आरोपी ने यह जघन्य दोहरा हत्याकांड भी कबूला था. इस मामले में उद्योग नगर थाना पुलिस न्ययालय से आदेस प्राप्त कर जेल से थाने में लाकर पूछताछ कर रही है.
क्या है पूरा मामला जानिए...
उद्योग नगर थानाधिकारी विजय शंकर शर्मा ने बताया कि दिनांक 22 मई 1997 को सुरेश पुत्र बब्बन जाति यादव निवासी सूरसागर ने थाने पर आकर रिपोर्ट दी कि उसके पिता बब्बन यादव दो ढाई महीने से गांव बलिया यूपी गए हुए थे. मैं और मेरी मां सावित्री देवी बहन बबीता और भाई राजेश मय परिवार के निजामुद्दीन के प्लाट सूरसागर में रहते हैं. गत रात्रि को मैं व मेरी मां, भाई, बहन सब कमरे में सो गए थे. सुबह जब नींद खुली तो मेरी मां सावित्री देवी व बहन बबीता नजर नहीं आई. मैंने पास के बड़े कमरे में जाकर देखा तो मेरी मां और बहन बबीता मरी हुई पड़ी मिली. दोनों के शरीर पर कपड़े नहीं थे, कोई जान से मार गया.
रिपोर्ट पर मुकदमा दर्ज कर तत्कालीन थानाधिकारी सुरेंद्र कुमार दीक्षित द्वारा अनुसंधान प्रारंभ किया गया. मृतकों के पोस्टमार्टम कराए गए पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सावित्री की मृत्यु उसके शरीर पर आई चोटों व बबीता की मृत्यु गला घोंटने से होना बताया गया. आरोपी की तलाश की गई काफी तलाश के बाद भी अभियुक्तों का पता नहीं चला. वहीं थाना विज्ञान नगर के थानाधिकारी मुनेंद्र सिंह ने विज्ञान नगर में हुए हत्याकांड के दौरान मुलजिम मोहन सिंह उर्फ महावीर सिंह पुत्र भेरू सिंह उर्फ रामलाल निवासी खूरमेवदा जिला अजमेर को गिरफ्तार किया था. पूछताछ के दौरान अभियुक्त द्वारा यह घटना करना भी स्वीकार किया था.
साइको किलर इससे पहले तीन वारदात कर चुका है
बता दें कि कि हत्या का आरोपी महावीर उर्फ मोहन लाल ने सबसे पहले उद्योग नगर थाना इलाके में 1997 मां-बेटी की हत्या कर बीयर की बोतल से महिला के गुप्तांग को क्षत-विक्षत कर दिया था. जिसके बाद से वह निंबाहेड़ा में फरारी काट रहा था. इस दौरान भी उसने निंबाहेड़ा में एक वारदात को अंजाम दिया. जिसमें महिला मजदूर को अपनी हवस का शिकार बनाने की कोशिश में उसकी हत्या कर दी थी. जिसकी सजा 10 साल अजमेर की जेल में काटे. इसके बाद से सांगानेर खुली जेल में था, जहां से वह फरार हो गया था. इसके बाद से उसे मफरूर घोषित कर दिया था.