बांसवाड़ा. लोकसभा क्षेत्र बांसवाड़ा-डूंगरपुर को भले ही विकास के मामले में आज भी पिछड़ा हुआ माना जाता है. लेकिन लोकतंत्र के पर्व में यह क्षेत्र अन्य जिलों से बेहतर रहा है. यहां ग्रामीण क्षेत्र के मतदाता, शहरी क्षेत्र के मतदाताओं के मुकाबले ज्यादा सजग नजर आए. इस लोकसभा सीट में डूंगरपुर जिला भी शामिल है. 29 अप्रैल को हुए मतदान में 72.81 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. हालांकि विधानसभा चुनाव के मुकाबले वोट परसेंटेज कम रहा है.
लेकिन आजादी के बाद से अब तक के मतदान में बांसवाड़ा सीट पर 29 अप्रैल को हुए मतदान को सर्वाधिक मतदान माना जा रहा है. इसे लेकर 13 सीटों में से बांसवाड़ा बाड़मेर के बाद प्रदेश में दूसरे पायदान पर है. वहीं विधानसभा वार मतदान के आंकड़े देखे तो घाटोल विधानसभा मतदान में प्रदेश में पहले स्थान पर रही है. यहां कुल 260463 मतदाता में से 81.17 प्रतिशत मतदान हुआ, जो कि विधानसभा चुनाव 2018 के मुकाबले 3.09 फीसदी कम रहा. स्वीप प्रकोष्ठ के अतिरिक्त प्रभारी कमलेश शर्मा के मुताबिक जिला निर्वाचन विभाग की मेहनत रंग लाई है.
उन्होंने बताया कि हमने तदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से सतरंगी सप्ताह में विभिन्न प्रकार के जनता से जुड़े कार्यक्रम कराए. जनता को मतदान करने के लिए प्रेरित किया. एक साथ सवा तीन लाख लोगों को मतदान की शपथ दिलाना महत्वपूर्ण कड़ी मानी जा सकती है. ग्रामीण क्षेत्रों से मतदान के लिए भयंकर गर्मी के बावजूद मतदाता बाहर निकले. हमारी यही कोशिश थी कि मतदाता किसी भी प्रकार मतदान केंद्र तक पहुंचे जो सफल रहा.