उदयपुर. राजस्थान के उदयपुर में बाल तस्करी के मामले (increasing cases of child trafficking in udaipur) रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. रविवार को एक बार फिर बाल तस्करी का एक बड़ा मामला सामने आया. जहां एक सरकारी शिक्षक की सूझबूझ से 20 से अधिक बालिकाएं बाल तस्करी के जाल में फंसने से बच गईं. झाड़ौल में एक सरकारी टीचर ने जीप को रुकवाकर 20 से ज्यादा बालिकाओं को मुक्त करवाया.
शिक्षक को ग्रामीणों से सूचना मिली थी कि 20 से आधिक बालिकाओं को बाल तस्करी कर मजदूरी के लिए गुजरात के राजकोट भेजा जा रहा है. डोडा-चूरा की खेती के काम के लिए एक एजेंट के जरिए इन बच्चियों को भेजा जा रहा था. प्राप्त जानकारी के अनुसार पारगिया पाड़ा गांव के सरकारी शिक्षक दुर्गराम को जब इस पूरे मामले की सूचना मिली तो उन्होंने बालिकाओं को ले जाती जीप को रुकवाया. जीप में इस दौरान ड्राइवर और एक एजेंट के अलावा दो दर्जन से ज्यादा बालिकाएं थीं. शिक्षक को देखते ही एजेंट और ड्राइवर दोनों मौके से भाग छूटे. दुर्गराम जीप को लेकर थाने पहुंचे और बाल तस्करी की रिपोर्ट दी.
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ऐसे बचीं बच्चियां : झाड़ौल थाना अधिकारी भरत सिंह ने बताया कि सरकारी स्कूल के शिक्षक दुर्गराम को सूचना मिली थी कि बालिकाओं को बाल तस्करी कर मजदूरी के लिए ले जाया जा रहा है. मौके पर पहुंची पुलिस उक्त गाड़ी में मौजूद युवतियों को लेकर आई. सरकारी शिक्षक दुर्गराम ने इस पूरे मामले को लेकर प्रकरण दर्ज कराया है. अब थाना पुलिस इन सभी बालिकाओं के परिजनों को बुलाकर उनसे पूछताछ करेगी.
वहीं, प्राथमिक जानकारी में सामने आया कि यह सभी बालिकाएं राजकोट में नमकीन की फैक्ट्री में कार्य करने के लिए जा रही थीं. शिक्षक दुर्गराम ने ये भी बताया कि रविवार को एक पुरागांव में नाबालिग बच्चियों को गुजरात में काम के लिए ले जाया जा रहा था, जिनकी संख्या 20 से 25 थी. मौके पर पुलिस को देखकर कुछ लड़कियां घबरा कर भागने लगीं. पुलिस अब इस मामले पर पूछताछ कर रही है.