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आईरेड एप पर रोड एक्सीडेंट का डाटाबेस बनाने में उदयपुर अव्वल

NIC और IIT चेन्नई ने सड़क दुर्घटनाओं के कारणों को जानकर उनमें कमी लाने के उद्देश्य से आईरेड एप (IRAD APP) बनाया है. इस एप पर एंट्री करने के मामले में उदयपुर राजस्थान में अव्वल आया है.

Integrated Road Accident Database,  Udaipur tops in entry case on IRAD app
आईरेड एप
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Published : May 22, 2021, 7:18 PM IST

उदयपुर. राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (एनआईसी) और आईआईटी चेन्नई ने मिलकर एक ऐसा एप तैयार किया है, जिससे जिले में होने वाली हर सड़क दुर्घटना का डाटाबेस तैयार कर दुर्घटना के पीछे कारण और भविष्य में दुर्घटना न हो इसकी रणनीति तैयार की जा सकेगी. इस एप को आईरेड (इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस) नाम दिया है.

पढ़ें- SPECIAL : सरकारी PHC जाएंगे तो जांच में पॉजीटिव बताकर शहर में क्वारेंटीन कर देंगे...गांव-गांव में कोरोना संक्रमण को लेकर यही डर

उदयपुर जिले के लिए यह गौरव की बात है कि आईरेड (इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस ) एप पर एंट्री करने के मामले में उदयपुर पूरे राज्य में अव्वल आया है. उदयपुर जिले के थानों ने अब तक 188 हादसों की एंट्री की है, जो प्रदेश मे सबसे ज्यादा है. इस एप के इस्तेमाल से तमिलनाडु में सड़क हादसे करीब 30 फीसदी कम हुए हैं.

सवीना थाना सबसे एक्टिव

15 मार्च 2021 से राजस्थान के सभी जिलों में इस एप को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रयोग किया जा रहा है. उदयपुर के सवीना थाना ने आईरेड एप पर अभी तक सबसे अधिक एंट्री की है. जिले के सभी थानाअधिकारी और आईओ के मोबाइल में यह एप इंस्टॉल है.

हर एक्सीडेंट की होती है एंट्री

हर सड़क हादसे की जानकारी आईरेड एप पर कारण और फोटो सहित अपलोड की जाती है. उदयपुर जिले के एनआईसी के सीनियर टेक्निकल डायरेक्टर जितेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि एप पर जिले में होने वाले हर हादसे की एंट्री विधिवत की जाती है. पहले हादसा होने के 15वें दिन तक एप पर उसकी एंट्री की जा सकती थी, लेकिन पुलिस की व्यस्तता को देखते हुए अब यह अवधि बढ़ाकर 75 दिन कर दी गई है,

सड़क दुर्घटनाओं पर लगेगी लगाम

आईरेड एप के रोल आउट मैनेजर लक्की मित्तल ने बताया कि दुर्घटनाओं के कारणों को जानकर उनमें कमी लाने एवं नीति निर्माण ताकि मूलभूत सुधार किया जा सके, यही आईरेड प्रोजेक्ट का मूल उद्देश्य है. पुलिस प्रशासन ने भी इस नवाचार को सराहा है.

कोरोना के इस कठिन समय में भी उदयपुर पुलिस की ओर से जिले मे होने वाली हर दुर्घटना का इंद्राज समयबद्ध तरीके से आईरेड एप में किया जा रहा है. प्रोजेक्ट के जिला नोडल अधिकारी रतन कुमार चावला, उप अधीक्षक यातायात ने सभी थाना अधिकारी को समस्त दुर्घटनाओ की एंट्री आईरेड एप मे सुनिश्चिित करने के लिए निर्देश दिए हैं.

उदयपुर. राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (एनआईसी) और आईआईटी चेन्नई ने मिलकर एक ऐसा एप तैयार किया है, जिससे जिले में होने वाली हर सड़क दुर्घटना का डाटाबेस तैयार कर दुर्घटना के पीछे कारण और भविष्य में दुर्घटना न हो इसकी रणनीति तैयार की जा सकेगी. इस एप को आईरेड (इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस) नाम दिया है.

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उदयपुर जिले के लिए यह गौरव की बात है कि आईरेड (इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस ) एप पर एंट्री करने के मामले में उदयपुर पूरे राज्य में अव्वल आया है. उदयपुर जिले के थानों ने अब तक 188 हादसों की एंट्री की है, जो प्रदेश मे सबसे ज्यादा है. इस एप के इस्तेमाल से तमिलनाडु में सड़क हादसे करीब 30 फीसदी कम हुए हैं.

सवीना थाना सबसे एक्टिव

15 मार्च 2021 से राजस्थान के सभी जिलों में इस एप को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रयोग किया जा रहा है. उदयपुर के सवीना थाना ने आईरेड एप पर अभी तक सबसे अधिक एंट्री की है. जिले के सभी थानाअधिकारी और आईओ के मोबाइल में यह एप इंस्टॉल है.

हर एक्सीडेंट की होती है एंट्री

हर सड़क हादसे की जानकारी आईरेड एप पर कारण और फोटो सहित अपलोड की जाती है. उदयपुर जिले के एनआईसी के सीनियर टेक्निकल डायरेक्टर जितेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि एप पर जिले में होने वाले हर हादसे की एंट्री विधिवत की जाती है. पहले हादसा होने के 15वें दिन तक एप पर उसकी एंट्री की जा सकती थी, लेकिन पुलिस की व्यस्तता को देखते हुए अब यह अवधि बढ़ाकर 75 दिन कर दी गई है,

सड़क दुर्घटनाओं पर लगेगी लगाम

आईरेड एप के रोल आउट मैनेजर लक्की मित्तल ने बताया कि दुर्घटनाओं के कारणों को जानकर उनमें कमी लाने एवं नीति निर्माण ताकि मूलभूत सुधार किया जा सके, यही आईरेड प्रोजेक्ट का मूल उद्देश्य है. पुलिस प्रशासन ने भी इस नवाचार को सराहा है.

कोरोना के इस कठिन समय में भी उदयपुर पुलिस की ओर से जिले मे होने वाली हर दुर्घटना का इंद्राज समयबद्ध तरीके से आईरेड एप में किया जा रहा है. प्रोजेक्ट के जिला नोडल अधिकारी रतन कुमार चावला, उप अधीक्षक यातायात ने सभी थाना अधिकारी को समस्त दुर्घटनाओ की एंट्री आईरेड एप मे सुनिश्चिित करने के लिए निर्देश दिए हैं.

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