उदयपुर. राजस्थान के उदयपुर जिले के निवासी हितेंद्र गरासिया की दिवंगत देह को 17 जुलाई 2021 को रूस में मौत के 5 माह बाद भी भारत नहीं भेजने के मामले में परिजनों ने शुक्रवार को नई दिल्ली जंतर मंतर पर प्रदर्शन करते हुए धरना दिया. प्रदर्शन के साथ ही दिल्ली पुलिस के अधिकारियों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस. जयशंकर व भारत में रूस के राजदूत के नाम ज्ञापन देते हुए भारत सरकार से गरासिया के शव को भारत लाने या फिर पीड़ित परिवार को परिवार को रूस के राष्ट्रपति के समक्ष आत्मदाह (Demand to allow self immolation) की अनुमति देने की मांग की.
पत्नी आशा की आंसू भरी फरियाद...
जंतर मंतर पर धरने के दौरान हितेंद्र गरासिया की धर्मपत्नी आशा देवी, पुत्री उर्वशी व पुत्र पीयूष गरासिया की आंखें नम हो उठीं. उन्होंने भारत सरकार से दिवंगत देह को भारत लाने के लिए त्वरित कदम उठाने का आग्रह किया. गरासिया की पत्नी आशा देवी ने शुक्रवार को रोते हुये कहा कि हमने कौन सा जुर्म कर दिया, जिसकी सजा हमें दी जा रही है.
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बेटी फिर बोली आत्मदाह करूंगी...
दिवंगत हितेंद्र गरासिया की बेटी उर्वशी ने कहा कि हमारे परिवार को अंतिम संस्कार के लिए पापा की बॉडी चाहिए. उर्वशी शुक्रवार को जंतर मंतर पर कहा कि फिर कहा कि रूस के राष्ट्रपति इस मामले में हस्तक्षेप कर उनके पिता के शव को भारत लाएं, अन्यथा पूतिन की भारत यात्रा के दौरान मजबूरी में हमारे परिवार को आत्मदाह (Daughter Warned of Self Immolation) करना पड़ेगा.
रूसी दूतावास पर किया था विरोध-प्रदर्शन...
उदयपुर जिले के निवासी हितेंद्र गरासिया की रूस में मौत के बाद दिवंगत देह को भारत नहीं भेजने के मामले में परिजनों ने गुरुवार को नई दिल्ली में विरोध-प्रदर्शन किया था. दूतावास पर परिजनों ने रूसी राष्ट्रपति पूतिन (Memorandum to Russian President Vladimir Putin) के नाम ज्ञापन देते हुए 6 दिसंबर को भारत आने से पहले रूस से हितेंद्र गरासिया के शव को तत्काल भारत भेजने की मांग की थी. हितेंद्र गरासिया की बेटी उर्वशी ने कहा था कि हम रूस के राष्ट्रपति से हाथ जोड़कर आग्रह (Request to President Putin) करते हैं कि वह मेरे पापा की डेड बॉडी को अंतिम संस्कार के लिए हमारे पास भेज दें. उर्वशी ने उसके पिता की डेड बॉडी को भारत नहीं भेजने पर राष्ट्रपति पूतिन के समक्ष आत्मदाह की चेतावनी दी है.