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सज्जनगढ़ घटना के बाद वन विभाग ने बनाया मास्टर प्लान, जंगल की आग बुझाने को बनेंगे तीन वाटर टैंक...बायोलॉजिकल पार्क में बिछेगी पाइप लाइन - Rajasthan hindi news

उदयपुर के सज्जनगढ़ की पहाड़ियों में लगी आग से सबक लेते हुए अब विभाग ने इस समस्या पर काबू पाने के लिए मास्टर प्लान (Udaipur forest department master plan) तैयार कर लिया है. इसके तहत वन विभाग की ओर से 20-20 हजार के तीन वाटर टैंक बनाए जाएंगे. इसके लिए बायोलॉजिकल पार्क में पाइप लाइन भी बिछाई जाएगी.

Udaipur forest department master plan
आग बुझाने के लिए बनेंगे वाटर टैंक
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Published : Apr 23, 2022, 7:49 PM IST

Updated : Apr 23, 2022, 10:17 PM IST

उदयपुर. जिले के सज्जनगढ़ की पहाड़ियों पर लगी भीषण आग पर 3 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद मंगलवार को काबू पाया जा सका. इस दौरान जिला प्रशासन और वन विभाग के पसीने छूट गए. आग को बुझाने के लिए जल, थल के बाद नभ का भी सहारा लिया गया. भीषण आग के कारण सज्जनगढ़ पहाड़ी का बड़ा हिस्सा जल गया था, लेकिन इस घटना ने वन विभाग के अफसरों की आंखें खोल दी हैं.

सज्जनगढ़ की पहाड़ियों पर लगी भीषण आग के बाद अब वन विभाग अलर्ट मोड पर नजर आ रहा है. यही वजह है कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों और आग पर जल्द काबू पाने के लिए वन विभाग की ओर से विशेष प्लान (Udaipur forest department master plan) तैयार किया जा रहा है. ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए एक्शन प्लान पर काम शुरू कर दिया गया है. डीएफओ अजीत ओचोई ने बताया कि सज्जनगढ़ की पहाड़ी पर लगी भीषण आग को 3 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद काबू पाया जा सका लेकिन अब ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए अभ्यारण में 20-20 हजार लीटर की क्षमता के तीन वाटर टैंक बनाए (three water tanks will make to extinguish forest fires) जाएंगे.

आग बुझाने के लिए बनेंगे वाटर टैंक

पढ़ें. राजस्थान के सज्जनगढ़ की पहाड़ियां में भीषण आग, फायर ब्रिगेड का अभियान

बायोलॉजिकल पार्क में बिछेगी पाइप लाइन

वाटर टैंक में पानी सप्लाई के लिए पर्याप्त व्यवस्था भी की जाएगी. बायोलॉजिकल पार्क में पाइप लाइन बिछाई जाएगी. इससे भीषण आग और इस तरह की घटनाएं घटित होने पर उन पर समय रहते काबू पाया जा सके. उन्होंने बताया कि वाटर टैंक किले, गौरेला पॉइंट और बायो पार्क में बनाया जाएगा जिन्हें महादेव मंदिर के पास वाटर सोर्स से भरने का काम किया जाएगा. इसके अलावा हर एक किमी में 30 फीट चौड़ी फायर लाइन बनाने का भी प्रस्ताव है.

ऐसे में वाटर टैंक बनाने समेत इन सभी कार्यों में 20 से 25 लाख रुपए की लागत आएगी. वाटर टैंक के लिए केंद्र प्रायोजित योजना (सीएसएस) का प्रस्ताव इसी महीने भेजा जाएगा. इसके लिए अगस्त से सितंबर तक बजट मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. वहीं उदयपुर के जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा को पत्र लिखकर आपदा प्रबंधन या डीएमएफटी से फंड दिलाने का प्रस्ताव भी भेजे जाने की योजना बनाई है.

पढ़ें. Udaipur news: जिला प्रशासन के प्रभावी प्रयासों से सज्जनगढ़ आग पर पाया काबू, एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर ने निभाई अहम भूमिका

आग बुझाने के लिए जल-थल और नभ का लेना पड़ा था सहारा
सज्जनगढ़ के पहाड़ी क्षेत्र के रविवार अलसुबह आग लगने की सूचना मिली थी जिसके बाद वन विभाग के 50 से ज्यादा कर्मचारी आग बुझाने में जुटे लेकिन तेज हवा के कारण आग लगातार विकराल रूप धारण कर चुकी थी. ऐसे में बड़ी संख्या में फायर ब्रिगेड और जिला प्रशासन आग बुझाने में जुटा. आग बुझाने के लिए दमकल के 9 वाहन लगे थे. वहीं वन विभाग के 85 और फायर ब्रिगेड के साथ कुल 125 कर्मचारी आग बुझाने में लगे थे, लेकिन सज्जनगढ़ की ऊंची पहाड़ियों और चिलचिलाती धूप के कारण आग बुझाने के प्रयास विफल हो रहे थे.

इस बीच जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने एयरपोर्ट के हेलीकॉप्टर के माध्यम से आग बुझाने का रेस्क्यू शुरू किया. इसके बाद आधा दर्जन से ज्यादा फायर ब्रिगेड की गाड़ियां 3 दिन तक 24 घंटे मौके पर आग पर काबू पाने का प्रयास करती रही. वहीं एयरपोर्ट के हेलीकॉप्टर ने 2 दिन में कई बार सज्जनगढ़ की पहाड़ियों पर राउंड लगाकर आग बुझाने में सहायता की. इसके बाद कहीं आग पर काबू पाया जा सका. हालांकि आग की घटना से कोई पशु-पक्षी का हताहत नहीं हुआ था.

उदयपुर. जिले के सज्जनगढ़ की पहाड़ियों पर लगी भीषण आग पर 3 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद मंगलवार को काबू पाया जा सका. इस दौरान जिला प्रशासन और वन विभाग के पसीने छूट गए. आग को बुझाने के लिए जल, थल के बाद नभ का भी सहारा लिया गया. भीषण आग के कारण सज्जनगढ़ पहाड़ी का बड़ा हिस्सा जल गया था, लेकिन इस घटना ने वन विभाग के अफसरों की आंखें खोल दी हैं.

सज्जनगढ़ की पहाड़ियों पर लगी भीषण आग के बाद अब वन विभाग अलर्ट मोड पर नजर आ रहा है. यही वजह है कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों और आग पर जल्द काबू पाने के लिए वन विभाग की ओर से विशेष प्लान (Udaipur forest department master plan) तैयार किया जा रहा है. ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए एक्शन प्लान पर काम शुरू कर दिया गया है. डीएफओ अजीत ओचोई ने बताया कि सज्जनगढ़ की पहाड़ी पर लगी भीषण आग को 3 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद काबू पाया जा सका लेकिन अब ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए अभ्यारण में 20-20 हजार लीटर की क्षमता के तीन वाटर टैंक बनाए (three water tanks will make to extinguish forest fires) जाएंगे.

आग बुझाने के लिए बनेंगे वाटर टैंक

पढ़ें. राजस्थान के सज्जनगढ़ की पहाड़ियां में भीषण आग, फायर ब्रिगेड का अभियान

बायोलॉजिकल पार्क में बिछेगी पाइप लाइन

वाटर टैंक में पानी सप्लाई के लिए पर्याप्त व्यवस्था भी की जाएगी. बायोलॉजिकल पार्क में पाइप लाइन बिछाई जाएगी. इससे भीषण आग और इस तरह की घटनाएं घटित होने पर उन पर समय रहते काबू पाया जा सके. उन्होंने बताया कि वाटर टैंक किले, गौरेला पॉइंट और बायो पार्क में बनाया जाएगा जिन्हें महादेव मंदिर के पास वाटर सोर्स से भरने का काम किया जाएगा. इसके अलावा हर एक किमी में 30 फीट चौड़ी फायर लाइन बनाने का भी प्रस्ताव है.

ऐसे में वाटर टैंक बनाने समेत इन सभी कार्यों में 20 से 25 लाख रुपए की लागत आएगी. वाटर टैंक के लिए केंद्र प्रायोजित योजना (सीएसएस) का प्रस्ताव इसी महीने भेजा जाएगा. इसके लिए अगस्त से सितंबर तक बजट मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. वहीं उदयपुर के जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा को पत्र लिखकर आपदा प्रबंधन या डीएमएफटी से फंड दिलाने का प्रस्ताव भी भेजे जाने की योजना बनाई है.

पढ़ें. Udaipur news: जिला प्रशासन के प्रभावी प्रयासों से सज्जनगढ़ आग पर पाया काबू, एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर ने निभाई अहम भूमिका

आग बुझाने के लिए जल-थल और नभ का लेना पड़ा था सहारा
सज्जनगढ़ के पहाड़ी क्षेत्र के रविवार अलसुबह आग लगने की सूचना मिली थी जिसके बाद वन विभाग के 50 से ज्यादा कर्मचारी आग बुझाने में जुटे लेकिन तेज हवा के कारण आग लगातार विकराल रूप धारण कर चुकी थी. ऐसे में बड़ी संख्या में फायर ब्रिगेड और जिला प्रशासन आग बुझाने में जुटा. आग बुझाने के लिए दमकल के 9 वाहन लगे थे. वहीं वन विभाग के 85 और फायर ब्रिगेड के साथ कुल 125 कर्मचारी आग बुझाने में लगे थे, लेकिन सज्जनगढ़ की ऊंची पहाड़ियों और चिलचिलाती धूप के कारण आग बुझाने के प्रयास विफल हो रहे थे.

इस बीच जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने एयरपोर्ट के हेलीकॉप्टर के माध्यम से आग बुझाने का रेस्क्यू शुरू किया. इसके बाद आधा दर्जन से ज्यादा फायर ब्रिगेड की गाड़ियां 3 दिन तक 24 घंटे मौके पर आग पर काबू पाने का प्रयास करती रही. वहीं एयरपोर्ट के हेलीकॉप्टर ने 2 दिन में कई बार सज्जनगढ़ की पहाड़ियों पर राउंड लगाकर आग बुझाने में सहायता की. इसके बाद कहीं आग पर काबू पाया जा सका. हालांकि आग की घटना से कोई पशु-पक्षी का हताहत नहीं हुआ था.

Last Updated : Apr 23, 2022, 10:17 PM IST
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