उदयपुर. इकबाल सक्का को बचपन से ही कुछ हटकर करने का जुनून था. उन्होंने स्वर्ण शिल्पकारी के हुनर को अपनाया और फिर देखते ही देखते उसमें महारथ हासिल कर ली. परिवार से उन्हें हौसला भी मिला और स्वर्ण शिल्पकारी के क्षेत्र में अब तक वे 75 वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं.
इकबाल स्वर्ण की सूक्ष्म कलाकृतियों के कारण जाने जाते हैं. उन्होंने बेतहरीन सूक्ष्म कलाकृतियां तैयार की हैं, जिन्हें बनाने में उन्होंने दिन-रात एक कर दिये और वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया.
इकबाल बताते हैं कि बचपन में वे अखबार में स्वर्ण शिल्पकारी के बारे में पढ़ते थे. दुनिया के सबसे बेहतरीन स्वर्ण शिल्पकारी के रिकॉर्ड अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और चीन जैसे देशों के नाम थे. तभी से इकबाल चाहते थे कि इस क्षेत्र में भारत का नाम सबसे ऊंचा हो. इस काम की लगन लगी तो उन्होंने ऐसा हुनर दिखाया कि दुनिया उनकी कायल हो गई. अब वे सूक्ष्म स्वर्ण कलाकृतियां बनाने में विश्व रिकॉर्ड के शतक के करीब हैं.
इकबाल इतनी सूक्ष्म कलाकृतियां तैयार करते हैं कि उन्हें लैंस से देखना पड़ता है. अयोध्या में बन रहे भगवान राम के मंदिर के लिए भी उन्होंने तीन सूक्ष्म कलाकृतियों का निर्माण किया है. इनमें सोने की ईंट, घंटा और दो खड़ाऊं शामिल हैं. इकबाल अपनी ये कृतियां श्रीराम मंदिर अयोध्या को भेंट करना चाहते हैं. इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र भी लिखा है.
इकबाल ने विश्व की सबसे छोटी सोने-चांदी की पुस्तक भी बनाई है. पुस्तक में अरबी में अल्लाह, संस्कृत में ओम, ईसाई धर्म का क्रॉस, सिख धर्म का खण्डा उत्कीर्ण किया गया है. यह पुस्तक 64 पृष्ठों की है. इसके अलावा उन्होंने इस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर महज 0.5 मिलीमीटर तिरंगा झंडा भी बनाया था. इस झंडे की खासियत यह है कि यह दुनिया की सबसे पतली 12 नम्बर की सुई के छेद से निकाला जा सकता है.
इकबाल सबसे कम वजन की सबसे छोटी सोने की चेन बनाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा चुके हैं. विश्व की सबसे छोटी चाय की केतली भी इकबाल बना चुके हैं. इसके अलावा सबसे छोटा स्वर्ण स्टम्प बनाकर भी गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में उन्होंने अपना नाम दर्ज कराया. इकबाल सक्का इसी तरह अब तक 75 वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुके हैं, जो गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड, लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स, यूनिक वर्ल्ड रिकार्ड्स, इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स, वर्ल्ड अमेजिंग विश्व रिकार्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज हैं.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए इकबाल ने बताया कि वह देश के लिए कुछ कर गुजरना चाहते हैं. वे ऐसी ही कलाकृतियां बनाना चाहते हैं जिससे भारत का नाम विश्व पटल पर गुंजायमान हो. उन्होंने कहा कि भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था. अब देश तो सोने की चिड़िया नहीं रहा, लेकिन अगर उनकी स्वर्ण कृलाकृतियों के लिये एक संग्रहालय बन जाये तो यह लोगों के लिए काफी अच्छा अनुभव होगा. उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय को संग्रहालय बनाने के लिए पत्र भी लिखा है. इकबाल का यही सपना है कि उनकी तमाम कलाकृतियां संग्रहालय में रखी जाएं और लोग उन्हें देख सकें.