उदयपुर. पेट्रोल और डीजल के बढ़ते रेट ने आम लोगों की बजट को बिगाड़ कर रख दिया है. प्रदेश के कई जिलों में तो पेट्रोल की रेट ₹100 से ऊपर पहुंच गई है लेकिन इस बीच भाजपा और कांग्रेस के नेता एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं. इस बीच ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने गहलोत सरकार पर भी निशाना साधा.
मुख्यमंत्री गहलोत ने केंद्र सरकार पर पेट्रोल और डीजल की नीतियों के खिलाफ आरोप लगाया था. इसे लेकर गुलाबचंद कटारिया ने पलटवार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत को यह सोचना चाहिए कि यह नीति कब तय हुई. यूपीए की सरकार में मनमोहन सिंह के समय तय हुई थी कि कंपनी को अपने अधिकार दे दिया. जिसके बाद आज भी वही व्यवस्था चल रही है. गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि निश्चित रूप से पेट्रोल और डीजल महंगा हो रहा है. जिससे सामान्य जनता को तकलीफ है.
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साथ ही नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं है लेकिन राजस्थान की सरकार को पहले यह सोचना चाहिए कि हिंदुस्तान में सबसे ज्यादा वैट राजस्थान में पेट्रोल और डीजल पर है. उन्होंने कहा कि आज भी पेट्रोल और डीजल गुजरात में 10 रुपए कम मिलता है. कटारिया ने कहा कि हमारे बॉर्डर के जितने भी स्टेट हैं, उनके यहां पेट्रोल का रेट कम है. इसलिए मैं सोचता हूं कि बाकी स्टेट के बराबर रेट लाकर उन्हें उदाहरण पेश करना चाहिए.
फाइलों की स्वीकृति के चक्कर में अपराधी बच जाता है
वहीं उन्होंने कहा कि ऐसे भी लगातार गहलोत सरकार बड़ी-बड़े लोगों को पकड़ने का काम कर रही है. एसीबी भी बहुत मेहनत करके संगीन केस बनाती है. उन्होंने कहा कि राजस्थान इस काम के लिए भाग्यशाली है कि बड़े से बड़े अधिकारी को भी एसीबी ने नहीं छोड़ा लेकिन जब तक सरकार से उसके चालान पेश करने की स्वीकृति नहीं मिलती, इसे लेकर चाहे कार्मिक विभाग दे या अन्य विभाग तब जाकर चालान पेश करते हैं. हमारी सरकार से लेकर भी अब तक कई केस की फाइल ऐसे पड़ी हैं, उनकी स्वीकृति बाकी है. कई बार सरकार स्वीकृति नहीं देती है. इसको लेकर चाहे हमारी सरकार हो या कांग्रेस की इस कारण से अपराधी बच जाता है.
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उपचुनाव में बीजेपी मजबूती से लड़ेगी
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बीजेपी मजबूती के साथ राजस्थान विधानसभा के चार सीटों पर उपचुनाव लड़ेगी. वल्लभनगर में भी भाजपा मजबूत हुई है और अन्य सीटों पर भी हमारा प्रदर्शन अच्छा रहेगा. वहीं उन्होंने प्रदेश भाजपा की गुटबाजी को लेकर कहा कि कौन क्या कह रहा है, उसका जवाब वही दे सकते हैं. बीजेपी नेताओं की पार्टी नहीं है. यह कार्यकर्ताओं की पार्टी है और बीजेपी में जो भी निर्णय होता है और सामूहिक बैठकर होता है. व्यक्तिगत निर्णय का उतना महत्व नहीं होता है, जितना सामूहिक निर्णय लेकिन वर्तमान में कौन सा चुनाव हो रहा है. किस को मुख्यमंत्री बनाना है.
पार्लियामेंट्री बोर्ड कहेगा तो वसुंधरा जी के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे
उन्होंने कहा कि अभी चुनाव में ढाई से 3 साल बाकी है. यह सब बेकार की बातें हैं. जब समय आएगा तो हमारा पार्लियामेंट्री बोर्ड तय करेगा. वह जो कहेंगे वह उसी प्रकार काम करेंगे. वह कहेंगे कि वसुंधरा जी के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे तो सौ परसेंट उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे. दमखम के साथ चुनाव लड़ेंगे. अगर वह कहेंगे कि किसी को भी डिक्लेअर नहीं करके चुनाव लड़ना तो भी लड़ेंगे.