उदयपुर. लेक सिटी उदयपुर में शुक्रवार से 21वीं राष्ट्रीय पैरा स्विमिंग चैंपियशिप की शुरुआत (National Para Swimming competition in udaipur) हुई. इसका आगाज पैरा ओलंपियन पद्मविभूषण देवेंद्र झाझरिया (National Para Swimming championship inaugurated by Devendra Jhajharia) ने किया. इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने देश के कई नामचीन दिव्यांग तैराक उदयपुर पहुंचे हैं. किसी तैराक के दोनों हाथ नहीं थे, तो किसी के दोनों पांव, कोई देख नहीं सकता था, तो किसी के हाथ-पांव अविकसित थे. लेकिन एक बात सबसे सामान्य थी, वो था जोश और जीतने का जज़्बा, जीवन में किसी भी परेशानी से हार नहीं मानने का संकल्प.
अपनी प्रतिभा और क्षमता से पानी में हैरतअंगेज करतबों को सबने सराहा. यह नजारा था उदयपुर के महाराणा प्रताप खेलगांव में शुरू इुई तीन दिवसीय 21 वीं राष्ट्रीय पैरा तैराकी चैम्पियनशिप का. जिसमें सेना की एक टीम सहित 23 राज्यों के 400 दिव्यांग तैराकों ने भाग लिया. पैरालिम्पिक कमेटी ऑफ इंडिया और नारायण सेवा संस्थान के संयुक्त तत्वावधान और महाराणा प्रताप खेलगांव सोसायटी के सहयोग से आयोजित इस चैम्पियनशिप के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि पद्मभूषण एवं पैरा ऑलम्पियन देवेंद्र झाझरिया थे. समारोह के दौरान देवेंद्र झाझरिया ने कहा कि दिव्यांग खिलाड़ियों को समाज और सरकार ने जो सुविधाएं उपलब्ध कराई है, उससे निश्चित रूप से दिव्यांगों का हौसला बढ़ा है. उन्होंने पिछले ऑलम्पिक में 19 पदक हासिल कर इस बात को सिद्ध कर दिया है कि शारिरिक अक्षमता जैसी कोई चीज नहीं होती. हौसलें और उचित प्रशिक्षण से कोई भी मुश्किल आसान हो जाती है.
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