श्रीगंगानगर. जिले में वेतन नहीं मिलने से परेशान होकर आत्महत्या करने वाले श्रमिक के परिजनों और कर्मचारियों का धरना गुरुवार तक जारी रहा. परिजन और कर्मचारी मृतक श्रमिक का बकाया वेतन और एक करोड़ रुपए का मुआवजा की मांग कर रहे हैं. इस बीच सदर थाने में पूर्व विधायक कामिनी जिंदल सहित चार लोगों पर आत्महत्या दुष्प्रेरण के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ है.
जिला प्रशासन और पुलिस की मौजूदगी में कंपनी परिसर में गुरुवार को हुई वार्ता में कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारियों ने कर्मचारियों को 14 महीने से वेतन नहीं मिलने की जानकारी दी. पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि वेतन नहीं मिलने से परेशान होकर ही श्रमिक ने बुधवार रात को कंपनी में फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया. वेतन नहीं मिलने से नाराज कर्मचारियों ने प्रदर्शन करते हुए कंपनी प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी भी की.
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कर्मचारी यूनियन ने मृतक के परिजनों को एक करोड़ रुपए का मुआवजा देने की मांग की है, जबकि फैक्ट्री मैनेजमेंट ने 15 महीने का बकाया वेतन और पीएफ राशि देने की पेशकश की. इसे यूनियन ने ठुकरा दिया. बाद में मैनेजमेंट ने 21 लाख रुपए पर सहमति जताई, लेकिन पदाधिकारी नहीं माने.
कर्मचारी शव को लेकर धरने पर बैठे रहे, लेकिन शाम को परिजन मृतक का शव लेकर घर चले गए. इससे पहले कंपनी के बाहर यूनियन से जुड़े पदाधिकारियों और श्रमिक नेताओं सहित अनेक लोग धरने में मौजूद रहे.