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सीमावर्ती इलाके में चिकित्सा सुविधाओं की कमी, जुगाड़ से चल रही एक्सरे मशीन

श्रीगंगानगर के सीमावर्ती स्थान गजसिंहपुर के स्वास्थ्य केंद्र में 23 साल पुरानी तकनीक की एक्स रे मशीन खराब होने से स्वास्थ्य केंद्र में आने वाले मरीजों को अब परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

जुगाड़ से चल रही एक्सरे मशीन
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Published : May 20, 2019, 10:31 PM IST

श्रीगंगानगर . गजसिंहपुर के अस्पताल में एक्स रे मशीन 3 साल से खराब पड़ी है. लेकिन अस्पताल प्रशासन इसे ठीक करवाने की बजाय मशीन को जुगाड़ से चला कर मरीजों को संतुष्ट कर रहे हैं. जुगाड़ तकनीक पर चलाई जा रही इस एक्स रे मशीन ने अब लगभग काम करना बंद कर दिया है. 28 फरवरी से खराब पड़ी इस मशीन के कारण मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मरीज डिजिटल एक्सरे के लिए गजसिंहपुर से 60 किलोमीटर दूर श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय पर निजी अस्पतालों में महंगा इलाज करवाने पर मजबूर है.

जुगाड़ से चल रही एक्सरे मशीन

बात करें यहां की आपात सेवा की तो आपात सेवा के नाम पर कोई सुविधा नहीं दी जा रही है. इस अस्पताल में ही मरीजों को औपचारिक इलाज के नाम पर खानापूर्ति करने के बाद एंबुलेंस द्वारा 60 किलोमीटर दूर भगवान भरोसे श्रीगंगानगर भेजा जाता है. छोटा सा कस्बा गजसिंहपुर भारत पाक सीमा से महज 14 किलोमीटर दूरी पर स्थित है.

गौरतलब है कि सीमावर्ती इलाका से यहां चिकित्सा सुविधाएं की कमी है. चिकित्सालय में आज तक किसी उच्च अधिकारी ने सुविधाएं बढ़वाने की जहमत नहीं उठाई.ना ही कभी यहां उच्च चिकित्सक उपलब्ध करवाए हैं.

पिछले कई वर्षों से यहां पर चिकित्सालय में सुविधा बढ़ाने की बात की जा रही है. सीमावर्ती क्षेत्र होने से अगर कोई आपदा आ जाए तो इस चिकित्सालय में सुविधाओं के लिए कोई विकल्प नहीं है. चिकित्सा प्रभारी रोहित चौधरी ने बताया कि पिछले 5 वर्षों से चिकित्सा अधिकारियों द्वारा इस परिसर में सुविधा विस्तार के लिए कई बार मांग की पर उच्चाधिकारियों ने आज तक इस मांग को अनदेखा किया है.

श्रीगंगानगर . गजसिंहपुर के अस्पताल में एक्स रे मशीन 3 साल से खराब पड़ी है. लेकिन अस्पताल प्रशासन इसे ठीक करवाने की बजाय मशीन को जुगाड़ से चला कर मरीजों को संतुष्ट कर रहे हैं. जुगाड़ तकनीक पर चलाई जा रही इस एक्स रे मशीन ने अब लगभग काम करना बंद कर दिया है. 28 फरवरी से खराब पड़ी इस मशीन के कारण मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मरीज डिजिटल एक्सरे के लिए गजसिंहपुर से 60 किलोमीटर दूर श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय पर निजी अस्पतालों में महंगा इलाज करवाने पर मजबूर है.

जुगाड़ से चल रही एक्सरे मशीन

बात करें यहां की आपात सेवा की तो आपात सेवा के नाम पर कोई सुविधा नहीं दी जा रही है. इस अस्पताल में ही मरीजों को औपचारिक इलाज के नाम पर खानापूर्ति करने के बाद एंबुलेंस द्वारा 60 किलोमीटर दूर भगवान भरोसे श्रीगंगानगर भेजा जाता है. छोटा सा कस्बा गजसिंहपुर भारत पाक सीमा से महज 14 किलोमीटर दूरी पर स्थित है.

गौरतलब है कि सीमावर्ती इलाका से यहां चिकित्सा सुविधाएं की कमी है. चिकित्सालय में आज तक किसी उच्च अधिकारी ने सुविधाएं बढ़वाने की जहमत नहीं उठाई.ना ही कभी यहां उच्च चिकित्सक उपलब्ध करवाए हैं.

पिछले कई वर्षों से यहां पर चिकित्सालय में सुविधा बढ़ाने की बात की जा रही है. सीमावर्ती क्षेत्र होने से अगर कोई आपदा आ जाए तो इस चिकित्सालय में सुविधाओं के लिए कोई विकल्प नहीं है. चिकित्सा प्रभारी रोहित चौधरी ने बताया कि पिछले 5 वर्षों से चिकित्सा अधिकारियों द्वारा इस परिसर में सुविधा विस्तार के लिए कई बार मांग की पर उच्चाधिकारियों ने आज तक इस मांग को अनदेखा किया है.

Intro:श्री गंगानगर के गजसिंहपुर स्वास्थ्य केंद्र में 23 साल पुरानी तकनीक की लगी एक्स रे मशीन खराब होने के स्वास्थ्य केंद्र में आने वाले मरीजों को अब परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है


Body:गजसिंहपुर के अस्पताल मे एक्स रे मशीन 3 साल से खराब पड़ी है।लेकिन अस्पताल प्रशासन इसे ठीक करवाने की वजह मशीन को जुगाड़ से चला कर मरीजों को संतुष्ट कर रहे हैं। जुगाड़ तकनीक पर चलाई जा रही इस एक्स रे मशीन ने अब बिल्कुल भी काम करना छोड़ दिया है। 28 फरवरी से खराब पड़ी इस मशीन के कारण मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अब मरीजों को डिजिटल एक्सरे के लिए गजसिंहपुर से 60 किलोमीटर दूर श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय पर निजी अस्पतालों में महंगा इलाज करवाने पर मजबूर है। बात करें यहां की आपात सेवा की तो आपात सेवा के नाम पर कोई सुविधा नहीं दी जा रही है।इस अस्पताल में ही मरीजों को औपचारिक इलाज के नाम पर खानापूर्ति करने के बाद एंबुलेंस द्वारा 60 किलोमीटर दूर भगवान भरोसे श्रीगंगानगर भेजा जाता है। छोटा सा कस्बा गजसिंहपुर भारत पाक सीमा से महज 14 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। सीमावर्ती इलाका होने पर यहां चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है। इस चिकित्सालय में आज तक किसी उच्च अधिकारि ने सुविधा करवाने जहमत नहीं उठाई और ना ही कभी यहां अच्छे चिकित्सक दिए हैं। पिछले कई वर्षों से यहां पर चिकित्सालय के लिए सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। सीमावर्ती क्षेत्र होने पर अगर कोई आपदा आ जाए तो इस चिकित्सालय में सुविधाओं के लिए कोई विकल्प नहीं है चिकित्सा प्रभारी रोहित चौधरी ने बताया कि पिछले 5 वर्षों से चिकित्सा अधिकारियों द्वारा इस परिसर में सुविधा विस्तार के लिए कई बार मांग की पर उच्चाधिकारियों ने आज तक इस मांग को अनदेखा किया है।

बाइट : सुनील कुमार बांग्ला असिस्टेंट रेडियोग्राफर सिविल हॉस्पिटल गजसिंहपुर


Conclusion:अस्पताल में लापरवाही
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