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बदहाल हालत में करोड़ों की लागत से बना किसान भवन - श्रीगंगानगर खबर

श्रीगंगानगर की सबसे बड़ी धानमंडी में अपने जींस लेकर आने वाले किसानों और व्यापारियों के विश्राम के लिए सरकार की ओर से बनवाया गया किसान भवन वर्तमान समय में जर्जर हो चुका है. प्रशासन की अनदेखी के चलते यह अब पूरी तरह से बदहाल हालातों में पहुंच चुका है.

श्रीगंगानगर किसान भवन, sriganganagar kisan bhavan
बदहाल हालत में किसान भवन
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Published : Mar 16, 2020, 8:56 AM IST

Updated : Mar 16, 2020, 9:09 AM IST

श्रीगंगानगर. पिछली अशोक गहलोत सरकार की ओर से बनवाया गया किसान भवन प्रशासन की लापरवाही के चलते वर्तमान समय में जर्जर हो चुका है. यह भवन जिले की सबसे बड़ी धानमंडी में आने वाले किसानों के लिए करोड़ों की लागत से बनवाया गया था.

बदहाल हालत में किसान भवन

2011 में बना ये किसान भवन अब पूरी तरह से बदहाल हालातों में पहुंच चुका है. दरअसल जिले की सबसे बड़ी धानमंडी में अपनी जींस लेकर आने वाले किसान और व्यापारियों के लिए रात को मण्डी में ही विश्राम करने को लेकर यह भवन बनाया गया था. जिससे कि किसानों और व्यापारियों को किसी प्रकार की दिक्कतें नहीं उठानी पड़ें.

किसान भवन में मंडी प्रशासन ने किसानों को ठहरने की व्यवस्था दी लेकिन बाद में भवन को किराए पर दे दिया. जिसका परिणाम यह हुआ कि देखरेख नहीं होने से यह पूरी तरह से जर्जर अवस्था में पहुंच गया. किराए पर दिए किसान भवन में होटल संचालित होने लगा. जिसके कारण भवन की मरम्मत और देखरेख नहीं हुई. पिछले 3 साल से बंद पड़ा किसान भवन अब पूरी तरह से बरबाद हो चुका है.

पढ़ें: अलवर पंचायत चुनावः बानसूर ग्राम पंचायत की नवनिर्वाचित सरपंच चुनी गई नीता शर्मा

किसान भवन की खस्ता हालत कृषि उपज मंडी प्रशासन को नजर नहीं आ रही है. जिसके चलते अब किसान भवन किसी काम का नहीं रहा है. मंडी व्यापारियों की मानें तो भवन जिस उद्देश्य के साथ मंडी में बनाया गया था, वह उद्देश्य मंडी प्रशासन की लापरवाही के चलते पूरा नहीं हुआ.

किसान भवन के जर्जर अवस्था में पहुंचने और बंद रहने से अब जिलेभर से आने वाले किसानों के रुकने की कोई व्यवस्था नहीं है. ऐसे किसान जो दूर दराज से आते हैं, वे अब या तो किसी धर्मशाला में या किसी होटल में पैसे देकर रात को विश्राम करते हैं. जिसके कारण किसानों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है.

श्रीगंगानगर. पिछली अशोक गहलोत सरकार की ओर से बनवाया गया किसान भवन प्रशासन की लापरवाही के चलते वर्तमान समय में जर्जर हो चुका है. यह भवन जिले की सबसे बड़ी धानमंडी में आने वाले किसानों के लिए करोड़ों की लागत से बनवाया गया था.

बदहाल हालत में किसान भवन

2011 में बना ये किसान भवन अब पूरी तरह से बदहाल हालातों में पहुंच चुका है. दरअसल जिले की सबसे बड़ी धानमंडी में अपनी जींस लेकर आने वाले किसान और व्यापारियों के लिए रात को मण्डी में ही विश्राम करने को लेकर यह भवन बनाया गया था. जिससे कि किसानों और व्यापारियों को किसी प्रकार की दिक्कतें नहीं उठानी पड़ें.

किसान भवन में मंडी प्रशासन ने किसानों को ठहरने की व्यवस्था दी लेकिन बाद में भवन को किराए पर दे दिया. जिसका परिणाम यह हुआ कि देखरेख नहीं होने से यह पूरी तरह से जर्जर अवस्था में पहुंच गया. किराए पर दिए किसान भवन में होटल संचालित होने लगा. जिसके कारण भवन की मरम्मत और देखरेख नहीं हुई. पिछले 3 साल से बंद पड़ा किसान भवन अब पूरी तरह से बरबाद हो चुका है.

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किसान भवन की खस्ता हालत कृषि उपज मंडी प्रशासन को नजर नहीं आ रही है. जिसके चलते अब किसान भवन किसी काम का नहीं रहा है. मंडी व्यापारियों की मानें तो भवन जिस उद्देश्य के साथ मंडी में बनाया गया था, वह उद्देश्य मंडी प्रशासन की लापरवाही के चलते पूरा नहीं हुआ.

किसान भवन के जर्जर अवस्था में पहुंचने और बंद रहने से अब जिलेभर से आने वाले किसानों के रुकने की कोई व्यवस्था नहीं है. ऐसे किसान जो दूर दराज से आते हैं, वे अब या तो किसी धर्मशाला में या किसी होटल में पैसे देकर रात को विश्राम करते हैं. जिसके कारण किसानों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है.

Last Updated : Mar 16, 2020, 9:09 AM IST
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