श्रीगंगानगर. जिले में अधिक तापमान के चलते जिलेभर के किसान परेशान हैं. अधिक तापमान रहने से जहां कॉटन की बुवाई की गई. फसल अंकुरित होने से पहले ही खराब हो रही है. वहीं जिले में पैदा हो रही सब्जियां पूरी तरह से खराब होने से किसानों को बड़ा नुक्सान हुआ है.
श्रीगंगानगर जिले में किसान बड़ी मात्रा में सब्जियां पैदा करते हैं, जिसके चलते यहां के किसानों को सब्जियों की फसल से अच्छा मुनाफा भी होता है. पिछ्ले कुछ सालों मे यहां की सब्जियां जिले से बाहर भी जाने लगी है. परम्परागत खेती के मुकाबले किसानों ने सब्जियां उगाने के पीछे दो फायदे देखे हैं.
पहला यह की किसानों को सब्जियों से आमदनी दूसरी खेती के मुकाबले अच्छी मिलती है. तो वहीं किसान का सब्जियां उगाने के पीछे यह भी एक कारण है की यह नगदी की फसल है. जिससे किसान को आढ़तिया पर भी निर्भर नही रहना पड़ता है.
श्रीगंगानगर शहर के आस-पास के करीब 20 गांव में किसान सब्जियां पैदा करते हैं. किसानों को सब्जियों से हर साल अच्छी आमदनी होती है. इस बार श्री गंगानगर जिले में तापमान अधिक रहने से किसानों की तैयार सब्जियों की फसल पूरी तरह से चौपट हो गई, जिससे किसान इस सब्जी की फसल से पूरी तरह घाटे में चला गया है. सब्जी उत्पादक किसानों ने अधिक तापमान से अपनी सब्जियों को बचाने के लाख जतन किए लेकिन तापमान 50 डिग्री से ऊपर जाने के चलते खेतों में खड़ी हरी सब्जियां खराब हो गई.
जिले में किसानों की खराब हुई सब्जी की फसल के कारण इन दिनों सब्जी मंडी में भी सब्जियों के भाव ऊपर जा रहे हैं. किसानों का कहना है कि सब्जी की फसल खराब होने के बाद उन्हें सरकार की तरफ से किसी प्रकार का कोई मुआवजा भी नहीं दिया जा रहा है. क्योंकि भारत सरकार की बीमा योजना में सब्जी फसल खराब होने पर मुआवजे को लेकर कोई प्रावधान नहीं है.
वहीं इतनी बड़ी संख्या में खेतों में तैयार हुई किसानों की सब्जियां खराब होने के बावजूद भी जिला प्रशासन ने अभी तक ना तो सब्जियों के खेतों में किसी प्रकार का सर्वे करवाया है और ना ही किसानों को किसी मद में आर्थिक सहायता की बात कही है. एसे में किसान सब्जियों की फसल खराब होने से कर्ज मे डूब गए है.