श्रीगंगानगर. कोरोना संक्रमण के चलते लगे लॉकडाउन के दौरान गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन पहुंचाने के लिए सरकार ने भले ही रसद विभाग को राशन सामग्री वितरण करने के लिए निर्देशित किया है, लेकिन दूसरी तरफ कुछ सामाजिक संस्थाएं अभी भी जरूरतमंद और गरीबों को भोजन वितरण करने में निस्वार्थ भाव से जुटी हुई है. श्रीगंगानगर शहर में खालसा प्रबंधन कमेटी, सरबत दा भला ट्रस्ट और सेवादारों द्वारा लगातार निचली आबादियों में रहने वाले गरीब और जरूरतमंदों को भोजन का वितरण रोजाना किया जा रहा है.
संस्थाओं द्वारा लगातार करीब 5000 लोगों को शहर के अलग-अलग हिस्सों में लंगर वितरण कर किसी को भूखा नहीं सोने देने का प्रण लिया गया है. खालसा प्रबंधन कमेटी के सदस्य मनिंदर सिंह मान ने बताया कि लॉकडाउन शुरू होने के बाद संस्था की ओर से लंगर की सेवाएं शुरू की गई थी, जो अभी तक जारी है. उन्होंने बताया कि लगभग 5000 से अधिक जरूरतमंदों को रोजाना लंगर वितरण किया जा रहा है.
लंगर शहर की ऐसी बस्तियों में वितरण किया जा रहा है, जहां रसद विभाग और सरकार की तरफ से कोई वितरण करने नहीं पहुंच पा रहा है. ऐसी कॉलोनियों में संस्थाओं द्वारा जरूरतमंदों को लंगर वितरण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि संस्था ऐसे लोगों को खाना भेज रही है, जो काम धंधे नहीं होने की वजह से घरों में बैठे हैं और ऐसे लोग खाना ना बना पाने के कारण भूखे रह रहे हैं.
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सरबत दा भला ट्रस्ट, खालसा कॉलेज मैनेजमेंट और सेवादारों की ओर से लंगर वितरण का कार्य लगातार चलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सभी ने एक सोच के साथ प्रण लिया है कि कोरोना जैसी महामारी में भूख से किसी की मौत ना हो, इसके लिए सभी संस्थाएं लंगर की सेवा लगातार कर रही है. उन्होंने कहा कि लंगर वितरण की सेवाएं आगे भी जारी रहेंगी. वहीं उन्होंने बताया कि लॉकडाऊन की शुरुआत में सूखा राशन बांटा गया था, लेकिन व्यवस्था ना बैठने के कारण पिछले 2 महीनों से पका हुआ राशन वितरण किया जा रहा है.