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स्पेशल रिपोर्ट: श्रीगंगानगर में ड्रिंक एंड ड्राइव मामलों में इजाफा, समझाइश अभियान का भी नहीं कोई असर

श्रीगंगानगर जिले में एक तरफ युवा नशे की जद में जकड़े जा रहे है..वहीं अब एक और नया खुलासा सामने आया है. नशे की लत से घिरे लोग अब वाहन भी सड़कों पर बेखौफ होकर दौड़ा रहे है, देखिए श्रीगंगानगर से स्पेशल रिपोर्ट...

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Published : Dec 25, 2019, 11:29 PM IST

Sriganganagar news, Drink and drive cases
श्रीगंगानगर में ड्रिंक एंड ड्राइव मामलों में इजाफा

श्रीगंगानगर. नशा करके सड़क पर वाहन चालना ना केवल खुद की जिन्दगी से खिलवाड़ करना है, बल्कि नशे में वाहन चलाने से सड़क पर ना जाने कितने लोगों की जान को जोखिम में डालना है. जिले में ड्रिंक एंड ड्राइव से लगातर सड़क पर दुर्घटनाओं का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. सड़क हादसे रोकने के लिए पुलिस की ओर से की जा रही कार्रवाई के दौरान नशे में वाहन चलाने वालों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है. पुलिस की ओर से नशे में वाहन चलाने वालो पर लगातर कारवाई की जा रही है, मगर फिर भी नशा करके सड़क पर वाहन दौड़ाने वालों की संख्या में इजाफा ही हो रहा है.

श्रीगंगानगर में ड्रिंक एंड ड्राइव मामलों में इजाफा

चौंकाने वाले आंकड़े आए सामने
पिछले कुछ समय में ही श्रीगंगानगर ट्रैफिक पुलिस ने 1400 से अधिक चालकों पर कार्रवाई कर वाहनों को सीज किया गया है. आंकड़े बता रहे है की नशा करके सड़क पर वाहन चलाने वालो की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. साल 2018 में ड्रिंक एंड ड्राइव करने वालों की संख्या जहां 1688 थी, तो साल 2019 में यह आंकड़ा बढ़कर 2200 से उपर चला गया है.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: नशे की जद में श्रीगंगानगर के युवा...गुजरात के रास्ते आ रही खेप

रोजाना सामने आ रहे ड्रिंक एंड ड्राइव केस
श्रीगंगानगर शहर के चारों तरफ जाने वाले मुख्य मार्गों पर तैनात पुलिसकर्मियों की ओर से शाम के समय जाने वाले वाहन चालकों की जांच की जाती है. जिसमें पुलिस संदिग्ध वाहन चालकों की ब्रीथ एनालाइजर से जांच करती है. ऐसे में यहां प्रतिदिन दो से तीन बाइक सवार या चौपाइया वाहन चालक नशे में पाए जाते हैं. जिनके वाहनों को सीज किया जाता है.

पढ़ें- विनती सुनो सरकार: 15 साल के दिव्यांग को मदद की दरकार, दर-दर ठोकर खा रहा परिवार

समझाइश के बाद भी नहीं मान रहे लोग
पुलिसकर्मियों का कहना है कि शाम के समय बाइक सवार शराब के नशे में रहते है. पहले समझाइश अभियान भी चलाया गया था. जिससे लोगों में नशे की कुछ कमी आई थी. लेकिन लोग नहीं मानते हैं. पिछले एक साल में ट्रैफिक पुलिस की ओर से वाहन जांच के दौरान करीब 2200 व्यक्तियों को नशे में वाहन चलाते मिले. इनके वाहनों को सीज किया गया. इसके अलावा इनके लाइसेंस को 3 माह निलंबन के लिए सिफारिश परिवहन विभाग को भेजी गई. बता दें कि यातायात पुलिस की ओर से शहर के मुख्य मार्गों व चौराहों पर वाहन जांच के दौरान ब्रीथ एनालाइजर से जांच की जाती है. यदि मशीन 30% से अधिक एल्कोहल बताती है तो वाहन को सीज कर दिया जाता है. इसके अलावा लाइसेंस को निलंबित के लिए भेजा जाता है.

श्रीगंगानगर. नशा करके सड़क पर वाहन चालना ना केवल खुद की जिन्दगी से खिलवाड़ करना है, बल्कि नशे में वाहन चलाने से सड़क पर ना जाने कितने लोगों की जान को जोखिम में डालना है. जिले में ड्रिंक एंड ड्राइव से लगातर सड़क पर दुर्घटनाओं का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. सड़क हादसे रोकने के लिए पुलिस की ओर से की जा रही कार्रवाई के दौरान नशे में वाहन चलाने वालों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है. पुलिस की ओर से नशे में वाहन चलाने वालो पर लगातर कारवाई की जा रही है, मगर फिर भी नशा करके सड़क पर वाहन दौड़ाने वालों की संख्या में इजाफा ही हो रहा है.

श्रीगंगानगर में ड्रिंक एंड ड्राइव मामलों में इजाफा

चौंकाने वाले आंकड़े आए सामने
पिछले कुछ समय में ही श्रीगंगानगर ट्रैफिक पुलिस ने 1400 से अधिक चालकों पर कार्रवाई कर वाहनों को सीज किया गया है. आंकड़े बता रहे है की नशा करके सड़क पर वाहन चलाने वालो की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. साल 2018 में ड्रिंक एंड ड्राइव करने वालों की संख्या जहां 1688 थी, तो साल 2019 में यह आंकड़ा बढ़कर 2200 से उपर चला गया है.

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रोजाना सामने आ रहे ड्रिंक एंड ड्राइव केस
श्रीगंगानगर शहर के चारों तरफ जाने वाले मुख्य मार्गों पर तैनात पुलिसकर्मियों की ओर से शाम के समय जाने वाले वाहन चालकों की जांच की जाती है. जिसमें पुलिस संदिग्ध वाहन चालकों की ब्रीथ एनालाइजर से जांच करती है. ऐसे में यहां प्रतिदिन दो से तीन बाइक सवार या चौपाइया वाहन चालक नशे में पाए जाते हैं. जिनके वाहनों को सीज किया जाता है.

पढ़ें- विनती सुनो सरकार: 15 साल के दिव्यांग को मदद की दरकार, दर-दर ठोकर खा रहा परिवार

समझाइश के बाद भी नहीं मान रहे लोग
पुलिसकर्मियों का कहना है कि शाम के समय बाइक सवार शराब के नशे में रहते है. पहले समझाइश अभियान भी चलाया गया था. जिससे लोगों में नशे की कुछ कमी आई थी. लेकिन लोग नहीं मानते हैं. पिछले एक साल में ट्रैफिक पुलिस की ओर से वाहन जांच के दौरान करीब 2200 व्यक्तियों को नशे में वाहन चलाते मिले. इनके वाहनों को सीज किया गया. इसके अलावा इनके लाइसेंस को 3 माह निलंबन के लिए सिफारिश परिवहन विभाग को भेजी गई. बता दें कि यातायात पुलिस की ओर से शहर के मुख्य मार्गों व चौराहों पर वाहन जांच के दौरान ब्रीथ एनालाइजर से जांच की जाती है. यदि मशीन 30% से अधिक एल्कोहल बताती है तो वाहन को सीज कर दिया जाता है. इसके अलावा लाइसेंस को निलंबित के लिए भेजा जाता है.

Intro:श्रीगंगानगर : नशा करके सडक पर वाहन चालना ना केवल खुद की जिन्दगी से खिलवाड़ करना है बल्कि नशे में वाहन चलाने से सडक पर ना जाने कितने लोगो की जान को जोखिम में डालना है।नशा करके वाहन चलाने से लगातर सडक पर दुर्घटनाओ का आँकड़ा बढता जा रहा है।सड़क हादसे रोकने के लिए पुलिस की ओर से की जा रही कार्रवाई के दौरान नशे में वाहन चलाने वालों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है.पुलिस की ओर से नशे में वाहन चलाने वालो पर लगातर कारवाई की जा रही है मगर फिर भी नशा करके सडक पर वाहन दौड़ाने वालो की संख्या में इजाफा हो र्हा है।पिछ्ले कुछ समय में ही ट्रेफिक पुलिस ने 1400 से अधिक चालकों पर कार्रवाई कर वाहनों को सीज किया गया है.आँकड़े बता रहे है की नशा करके सडक पर वाहन चलाने वालो की संख्या में इजाफा हो रहा है।साल 2018 में नशा करके ड्राईव करने वालो की संख्या जहाँ 1688 थी तो 2019में यह आंकड़ा बढकर 2200 से उपर चला गया है।





Body:श्रीगंगानगर शहर के चारों तरफ जाने वाले मुख्य मार्गों पर तैनात पुलिसकर्मियों की ओर से शाम के समय जाने वाले वाहन चालकों की जांच की जाती है.जिसमें पुलिस संदिग्ध वाहन चालकों की ब्रीथ एनालाइजर से जांच करती है।ऐसे में यहां प्रतिदिन दो से तीन बाइक सवार या चौपाईया वाहन चालक नशे में पाए जाते हैं।
जिनके वाहनों को सीज किया जाता है।पुलिसकर्मियों का कहना है कि शाम के समय कार्य पूर्ण करने के बाद गांव की तरफ जाने वाले व्यक्तियों में कई लोग नशा करके बाइकों व दो पहिया वाहनों में जाते हैं।इसके लिए पूर्व में समझाइश अभियान भी चलाया गया था।जिससे लोगों में नशे की कुछ कमी आई थी। नशा करके वाहन चलाने पर हादसे की आशंका अधिक रहती है। इसलिए वाहन चालकों की नियमित जांच की जाती है। लोगों को नशे में वाहन नहीं चलाने के लिए पुलिस की ओर से समझाइश अभियान भी चलाए जाते हैं,लेकिन लोग नहीं मानते हैं।पिछले एक साल में ट्रैफिक पुलिस की ओर से वाहन जांच के दौरान करीब 2200 व्यक्तियों को नशे में वाहन चलाते मिले। इनके वाहनों को सीज किया गया। इसके अलावा इनके लाइसेंस को 3 माह निलंबन के लिए सिफारिश परिवहन विभाग को भेजी गई। ट्रेफिक प्रभारी कुलदीप चारण ने बताया कि नशे में वाहन नहीं चलाने की जागरूकता के लिए शहर में मुख्य चौराहा सुखाड़िया सर्किल सहित अन्य मार्गों पर भी जागरूकता के लिए बोर्ड लगाए गए हैं। जिस पर नशा करके वाहन नही चलाने के लिए आग्रह किया गया है।वहीं अभियान के तहत लोगों को नशे में वाहन नहीं चलाने की अपील की जाती है।यातायात पुलिस की ओर से शहर के मुख्य मार्गों व चौराहों पर वाहन जांच के दौरान ब्रीथ एनालाइजर से जांच की जाती है। यदि मशीन 30% से अधिक एल्कोहल बताती है तो वाहन को सीज कर दिया जाता है। इसके अलावा लाइसेंस को निलंबित के लिए भेजा जाता है।

बाइट : कुलदीप चारण,प्रभारी ट्रेफिक थाना।


Conclusion:नशे में वाहन चलाने के बढ़े मामले।

नोट : स्पेशल स्टोरी मांगी गयी।जिसमें वोइस ओवर नही करने का कहां।
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