श्रीगंगानगर. सरकारी अस्पताल में तैनात एक डॉक्टर ने तनाव के चलते अपने क्वार्टर में जहर खा लिया. जहर खाने पर डॉक्टर की हालत बिगड़ गई. हालत बिगड़ने पर डॉक्टर को सरकारी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती करवाया गया है, जहां डॉक्टरों द्वारा उसका इलाज किया जा रहा है. वहीं डॉक्टर खतरे से बाहर बताया जा रहा है. घटना की सूचना मिलने पर सरकारी डॉक्टर भी जिला अस्पताल में पहुंच गए. डॉक्टर के रात को ही बीकानेर मेडिकल कॉलेज में सेवा देने के जयपुर से आदेश जारी हुए थे. इसी आदेश से आहत होकर डॉक्टर भाटिया ने मानसिक तनाव के चलते यह कदम उठा लिया. शिवपुर हेड के सरकारी अस्पताल में तैनात डॉक्टर प्रिंस भाटिया ने बुधवार सुबह जहर खाया था. परिजनों ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती करवाया है. डॉक्टर प्रिंस भाटिया वर्तमान में साधुवाली चेक पोस्ट पर तैनात है.
डॉक्टर के जहर खाने की घटना के बाद डॉक्टर ने सीएमएचओ कार्यालय के एक बाबू पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है, जबकि बाबू ने संबंधित डॉक्टर से किसी प्रकार का विवाद होने से साफ इंकार किया है. सीएमएचओ गिरधारी लाल मेहरड़ा ने डॉक्टर भाटिया की हालत खतरे से बाहर बताई है. फिलहाल डॉक्टर को आईसीयू वार्ड में रखा गया है. वहीं सीएमएचओ डॉक्टर गिरधारी लाल ने बताया कि डॉ. प्रिंस द्वारा जहर खाने के कारण का पता लगाया जा रहा है. हालांकी उन्होने बताया की डॉक्टर भाटिया मानसिक अवसाद के दौर से गुजर रहा है और पूर्व में भी उस्के खिलाफ इसी प्रकार की शिकायत मिली थी.
डॉक्टर को प्रताड़ित करने की बात पर उन्होंने कहा कि मंगलवार रात को राज्य सरकार के चिकित्सा विभाग के आदेश पर 15 डॉक्टरों को अलग-अलग मेडिकल कॉलेजों में भेजने के निर्देश दिए थे. इनमें डॉक्टर प्रिंस भाटिया का भी नाम है. करोना को देखते हुए डॉक्टर प्रिंस को बीकानेर के मेडिकल कॉलेज में लगाया गया था. सीएमएचओ ने बताया कि डॉ प्रिंस भाटिया द्वारा बापू पर आरोप लगाना प्रताड़ित करना मनगढ़ंत और झूठ है.
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डॉ. भाटिया हिंदूमलकोट थाना क्षेत्र के शिवपुर के सरकारी अस्पताल परिसर में बने क्वार्टरों में डॉक्टर रहता है. वह मूल रूप से श्रीगंगानगर के सेतिया फार्म का निवासी है. जहर खाने के कारणों का पता लगाया जा रहा है. डॉक्टर भाटिया के बयान लेने के लिए पुलिस की एक टीम को जिला अस्पताल भेजा गया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. वहीं सीएमएचओ गिरधारी लाल मेहरडा ने डॉक्टर द्वारा जहर खाने की घटना पर जांच करवाने की बात कहते हुए मामले में डॉक्टर के खिलाफ कानूनी कारवाई करने की बात कहीं है.