श्रीगंगानगर. पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा चलाया गया स्वच्छ भारत मिशन का असर अब नजर आने लगा है. यहीं कारण है कि स्वच्छ भारत अभियान का संकल्प अब स्थानीय स्तर के जनप्रतिनिधियों के जहन में भी डाला जाने लगा है. इसकी पहल की है चुनाव आयोग ने निकाय चुनाव में चुनकर आने वाले पार्षदों को स्वच्छता की शपथ दिलाकर.
आयोग ने चुने हुए जनप्रतिनिधियों को इस बार पद की शपथ के साथ अपने वार्ड, शहर,गांव और देश को स्वच्छ रखने का संकल्प दिलाया है ताकि ऐसे लोगों से प्रेरणा लेकर हर व्यक्ति स्वच्छता को बनाए रखें व गंदगी ना फैलाए. शपथ में बताया गया है कि दुनिया के जो भी देश स्वच्छ है. उनका सबसे बड़ा कारण वहां की सफाई व्यवस्था है. स्वच्छता को बनाए रखने के लिए सभी को जागरूक होना पड़ेगा, तभी स्वस्थ रहा जाएगा.
निकाय चुनाव में चुने हुए जनप्रतिनिधियों को इस बार चुनाव आयोग के निर्देश पर पद की शपथ के साथ-साथ स्वच्छ भारत मिशन की पालना करते हुए स्वच्छता व श्रमदान करने की शपथ दिलाई गई है. शपथ में पार्षदों को हर वर्ष 100 घंटे यानी सप्ताह में 2 घंटे श्रमदान करके स्वच्छता के इस मिशन को चरितार्थ करने का कहा है.
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पार्षदों ने शपथ में कहां है कि मेरा यह विश्वास है कि दुनिया में जो भी देश स्वस्थ दिखते है. उसका कारण यह है कि वहां के नागरिक न तो गंदगी फैलाते हैं और ना फैलाने देते हैं. पार्षदों ने दृढ़ विश्वास के साथ गांव-गांव और गली-गली स्वच्छ भारत मिशन का प्रचार करने की शपथ ली है. पार्षदों को चुनाव आयोग द्वारा दिलाई गई यह शपथ स्वच्छ भारत मिशन के तहत काफी मायने रखती है ताकि लोगो को स्वच्छता के प्रति और जागरूकता मिले.