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कोरोना से कैसे लड़ रहा आयुर्वेद विभाग, यहां देखें...

दुनिया में कोरोना महामारी से निपटने के लिए हर देश वैक्सीन बनाने के काम में जुटा हुआ है. ऐसे में श्रीगंगानगर में इस संक्रमण के प्रभाव को कम करने के लिए आयुर्वेद विभाग देसी नुस्खों का इस्तेमाल करके पॉजिटिव रोगियों की संख्या में कमी लाने में लगातार जुड़ा हुआ है. देखिए यह रिपोर्ट...

कोरोना से लड़ रहा आयुर्वेद विभाग, Ayurveda department fighting against Corona
कोरोना से लड़ रहा आयुर्वेद विभाग
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Published : Jul 10, 2020, 1:07 PM IST

श्रीगंगानगर. दुनिया भर में फैली कोरोना वायरस की महामारी भारत के लिए भी किसी चुनौती से कम नहीं है, इसका सामना करने के लिए देश का हर वैज्ञानिक रिसर्च में जुटा हुआ है. उधर कोरोना वायरस के प्रभाव को कम करने के लिए आयुर्वेद विभाग अपने नुस्खों का इस्तेमाल करके पॉजिटिव रोगियों की संख्या में कमी लाने में लगातार जुड़ा हुआ है.

कोरोना से लड़ रहा आयुर्वेद विभाग

विभाग ना केवल पॉजिटिव रोगियों को बल्कि कोरोना संकट में ड्यूटी कर रहे कोरोना वॉरियर्स को लगातार देसी नुस्खा और जड़ी बूटियों से बने काढ़े का इस्तेमाल करके इम्यून सिस्टम बढ़ाकर संक्रमण को खत्म करने में लगा है. आयुर्वेद विभाग की मानें तो अब तक कई हजार लोगों को देशी काढा पिलाकर कोरोना संक्रमण से बचाया गया है. वहीं विभाग का कहना है कि संक्रमण को रोकने के लिए आयुर्वेद का काढ़ा काफी कारगर साबित हो रहा है.

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आयुर्वेद विभाग के प्रभारी राजकुमार पारीक की मानें, तो कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए जिले में काढ़े का लगातार वितरण किया जा रहा है. जिसमें प्रथम चरण में कोविड सेंटरों में उसके बाद कोरोना वॉरियर्स और तीसरे चरण में भर्ती हुए पॉजिटिव रोगियों को काढा पिलाया जा रहा है. कोविड में भर्ती रोगियों को काढ़ा पिलाया जा रहा है. जिसके कारण उनकी रिकवरी और ज्यादा फास्ट हुई है.

यही कारण है कि कुछ पॉजिटिव रोगियों की 3 से 5 दिन में नेगिटिव रिपोर्ट आई है, जिनकों डिस्चार्ज किया गया है. आयुर्वेद में कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए इम्यूनिटी बूस्टर दवाई काफी कारगर साबित हो रही है. वे कहते हैं कि कोरोना संक्रमण आयुर्वेद की दृष्टिकोण से एक वायरल फीवर है, जिसको सही करने के लिए आयुर्वेद में काफी देसी जड़ी बूटियां हैं. जिनका इस्तेमाल करके बचा जा सकता है.

पढ़ेंः जोधपुर: कोरोना से पूर्व मुख्यमंत्री जय नारायण व्यास के पौत्र की मौत

वहीं विभाग की तरफ से जल्द नई मेडिसिन आने वाली है, जो कोरोना पॉजिटिव रोगियों को सही करने में काफी कारगर साबित होगी. फिलहाल आयुर्वेद विभाग अपने देसी नुस्खे और तमाम प्रकार की जड़ी बूटियों से बने काढ़े का इस्तेमाल करके कोरोना से बचने के लिए आमजन को जागरूक कर रहा है.

श्रीगंगानगर. दुनिया भर में फैली कोरोना वायरस की महामारी भारत के लिए भी किसी चुनौती से कम नहीं है, इसका सामना करने के लिए देश का हर वैज्ञानिक रिसर्च में जुटा हुआ है. उधर कोरोना वायरस के प्रभाव को कम करने के लिए आयुर्वेद विभाग अपने नुस्खों का इस्तेमाल करके पॉजिटिव रोगियों की संख्या में कमी लाने में लगातार जुड़ा हुआ है.

कोरोना से लड़ रहा आयुर्वेद विभाग

विभाग ना केवल पॉजिटिव रोगियों को बल्कि कोरोना संकट में ड्यूटी कर रहे कोरोना वॉरियर्स को लगातार देसी नुस्खा और जड़ी बूटियों से बने काढ़े का इस्तेमाल करके इम्यून सिस्टम बढ़ाकर संक्रमण को खत्म करने में लगा है. आयुर्वेद विभाग की मानें तो अब तक कई हजार लोगों को देशी काढा पिलाकर कोरोना संक्रमण से बचाया गया है. वहीं विभाग का कहना है कि संक्रमण को रोकने के लिए आयुर्वेद का काढ़ा काफी कारगर साबित हो रहा है.

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आयुर्वेद विभाग के प्रभारी राजकुमार पारीक की मानें, तो कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए जिले में काढ़े का लगातार वितरण किया जा रहा है. जिसमें प्रथम चरण में कोविड सेंटरों में उसके बाद कोरोना वॉरियर्स और तीसरे चरण में भर्ती हुए पॉजिटिव रोगियों को काढा पिलाया जा रहा है. कोविड में भर्ती रोगियों को काढ़ा पिलाया जा रहा है. जिसके कारण उनकी रिकवरी और ज्यादा फास्ट हुई है.

यही कारण है कि कुछ पॉजिटिव रोगियों की 3 से 5 दिन में नेगिटिव रिपोर्ट आई है, जिनकों डिस्चार्ज किया गया है. आयुर्वेद में कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए इम्यूनिटी बूस्टर दवाई काफी कारगर साबित हो रही है. वे कहते हैं कि कोरोना संक्रमण आयुर्वेद की दृष्टिकोण से एक वायरल फीवर है, जिसको सही करने के लिए आयुर्वेद में काफी देसी जड़ी बूटियां हैं. जिनका इस्तेमाल करके बचा जा सकता है.

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वहीं विभाग की तरफ से जल्द नई मेडिसिन आने वाली है, जो कोरोना पॉजिटिव रोगियों को सही करने में काफी कारगर साबित होगी. फिलहाल आयुर्वेद विभाग अपने देसी नुस्खे और तमाम प्रकार की जड़ी बूटियों से बने काढ़े का इस्तेमाल करके कोरोना से बचने के लिए आमजन को जागरूक कर रहा है.

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