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श्रीगंगानगरः टिड्डी हमले की आशंका के बीच कृषि विभाग अलर्ट

राजस्थान के कई हिस्सों में आ रही टिड्डियों से बड़ा नुकसान हुआ है. कृषि विभाग के अधिकारियों की मानें तो जून माह के अंतिम सप्ताह या जुलाई में टिड्डियों का बड़ा अटैक होने की आशंका है. विभाग के अधिकारियों की माने तो अफ्रीका के विभिन्न प्रांतों में जो टिड्डियों की ब्रीडिंग हुई है वहां से अटैक होने की आशंका है.

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श्रीगंगानगरः टिड्डी हमले की आशंका के बीच कृषि विभाग अलर्ट
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Published : Jun 12, 2020, 10:43 PM IST

श्रीगंगानगर. राजस्थान के कई हिस्सों में आ रही टिड्डियों से बड़ा नुकसान हुआ है. बड़ी संख्या में लगातार टिड्डियों के आने से सीमावर्ती एरिया में किसानों की फसलें पूरी तरह चौपट भी हुई है. टिड्डियों को मारने के लिए लगातार कृषि विभाग और टिड्डी मंडल दल सक्रिय हैं.

श्रीगंगानगरः टिड्डी हमले की आशंका के बीच कृषि विभाग अलर्ट

किसानों द्वारा टिड्डियों को मारने के लिए ड्रोन से स्प्रे का छिड़काव करने की मांग की जा रही है. मगर सरकार ने अभी तक टिड्डियों को मारने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल नहीं किया है. एक बार फिर ईरान और अफ्रीकन देशों से बड़ी संख्या में टिड्डियों के आने का एफएओ और टिड्डियों चेतावनी मंडल की ओर से अलर्ट जारी किया गया है. कृषि विभाग के अधिकारियों की मानें तो जून माह के अंतिम सप्ताह या जुलाई में टिड्डियों का बड़ा अटैक होने की आशंका है. विभाग के अधिकारियों की माने तो अफ्रीका के विभिन्न प्रांतों में जो टिड्डियों की ब्रीडिंग हुई है वहां से अटैक होने की आशंका है.

अफ्रीका के विभिन्न प्रांतों में टिड्डियों की हुई ब्रीडिंग का मोमेंट फॉर्म बनना शुरू हो रहा है. जिसके जून और जुलाई माह में पहुंचने की आशंका है. टिड्डियों के आक्रमण को देखते हुए कृषि विभाग ने तैयारियां की है. विभाग ने जिले में कंट्रोल रूम स्थापित कर लिए हैं. वहीं सर्वे के लिए भी टीमें गठित कर सर्वे शुरू करवाया गया है. जिला प्रशासन कृषि विभाग राजस्व विभाग और टिड्डी चेतावनी संगठन सभी मिलकर प्रयास में लगे हुए हैं कि टिड्डियों के आने पर नियंत्रण किया जाएगा.

पढ़ेंः अजमेर के भिनाय में टिड्डी अटैक, फसल चौपट होने से बढ़ी किसानों की मुश्किलें

कृषि उपनिदेशक मटोरिया बताते हैं कि पिछले साल अफ्रीकन देशों और ईरान में लगातार बारिश होने के बाद वहां टिड्डियों कि ज्यादा ब्रीडिंग हुई है. ऐसे में टिड्डियां ईरान और अफ्रीकन देशों से होकर अफगानिस्तान के रास्ते भारत में आने वाली है.

पढ़ेंः पाली के जैतारण में एक बार फिर पहुंचा टिड्डी दल, लोगों ने कुछ इस तरह किया फसलों का बचाव

टिड्डियां अरब कंट्री से गुजरात होते हुए राजस्थान की सीमा में आती है. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में अभी भी टिड्डियों की आबादी है. हवा के रुख के हिसाब से टिड्डी बढ़ने की आशंका है. उपनिदेशक जीआर मटोरिया ने बताया कि जब भी टिड्डी आएगी निश्चित रूप से कंट्रोल करने की कोशिश की जाएगी. वहीं कुछ देशों में वेल्यू मानकर टिड्डियों को खाने की बात पर डिप्टी डायरेक्टर मटोरिया कहते हैं कि सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर कुछ वीडियो जरूर टिड्डियों के खाने के सामने आए हैं, जिसमें बताया जा रहा है कि टिड्डियों की मेडिसिनल वैल्यू है, लेकिन भारत जैसे देश में इस प्रकार की मेडिसिनल वैल्यू की खबर अभी तक ठीक नहीं है.

श्रीगंगानगर. राजस्थान के कई हिस्सों में आ रही टिड्डियों से बड़ा नुकसान हुआ है. बड़ी संख्या में लगातार टिड्डियों के आने से सीमावर्ती एरिया में किसानों की फसलें पूरी तरह चौपट भी हुई है. टिड्डियों को मारने के लिए लगातार कृषि विभाग और टिड्डी मंडल दल सक्रिय हैं.

श्रीगंगानगरः टिड्डी हमले की आशंका के बीच कृषि विभाग अलर्ट

किसानों द्वारा टिड्डियों को मारने के लिए ड्रोन से स्प्रे का छिड़काव करने की मांग की जा रही है. मगर सरकार ने अभी तक टिड्डियों को मारने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल नहीं किया है. एक बार फिर ईरान और अफ्रीकन देशों से बड़ी संख्या में टिड्डियों के आने का एफएओ और टिड्डियों चेतावनी मंडल की ओर से अलर्ट जारी किया गया है. कृषि विभाग के अधिकारियों की मानें तो जून माह के अंतिम सप्ताह या जुलाई में टिड्डियों का बड़ा अटैक होने की आशंका है. विभाग के अधिकारियों की माने तो अफ्रीका के विभिन्न प्रांतों में जो टिड्डियों की ब्रीडिंग हुई है वहां से अटैक होने की आशंका है.

अफ्रीका के विभिन्न प्रांतों में टिड्डियों की हुई ब्रीडिंग का मोमेंट फॉर्म बनना शुरू हो रहा है. जिसके जून और जुलाई माह में पहुंचने की आशंका है. टिड्डियों के आक्रमण को देखते हुए कृषि विभाग ने तैयारियां की है. विभाग ने जिले में कंट्रोल रूम स्थापित कर लिए हैं. वहीं सर्वे के लिए भी टीमें गठित कर सर्वे शुरू करवाया गया है. जिला प्रशासन कृषि विभाग राजस्व विभाग और टिड्डी चेतावनी संगठन सभी मिलकर प्रयास में लगे हुए हैं कि टिड्डियों के आने पर नियंत्रण किया जाएगा.

पढ़ेंः अजमेर के भिनाय में टिड्डी अटैक, फसल चौपट होने से बढ़ी किसानों की मुश्किलें

कृषि उपनिदेशक मटोरिया बताते हैं कि पिछले साल अफ्रीकन देशों और ईरान में लगातार बारिश होने के बाद वहां टिड्डियों कि ज्यादा ब्रीडिंग हुई है. ऐसे में टिड्डियां ईरान और अफ्रीकन देशों से होकर अफगानिस्तान के रास्ते भारत में आने वाली है.

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टिड्डियां अरब कंट्री से गुजरात होते हुए राजस्थान की सीमा में आती है. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में अभी भी टिड्डियों की आबादी है. हवा के रुख के हिसाब से टिड्डी बढ़ने की आशंका है. उपनिदेशक जीआर मटोरिया ने बताया कि जब भी टिड्डी आएगी निश्चित रूप से कंट्रोल करने की कोशिश की जाएगी. वहीं कुछ देशों में वेल्यू मानकर टिड्डियों को खाने की बात पर डिप्टी डायरेक्टर मटोरिया कहते हैं कि सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर कुछ वीडियो जरूर टिड्डियों के खाने के सामने आए हैं, जिसमें बताया जा रहा है कि टिड्डियों की मेडिसिनल वैल्यू है, लेकिन भारत जैसे देश में इस प्रकार की मेडिसिनल वैल्यू की खबर अभी तक ठीक नहीं है.

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