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श्रीगंगानगर में मिलावटखोरों पर कार्रवाई, लगाया 10 लाख रुपए का जुर्माना

मिलावटखोरों पर शिकंजा कसने के लिए लगातार अभियान चलाकर कार्रवाई की जा रही है, लेकिन फिर भी मिलावट पर अंकुश नहीं लग पा रहा है. इस बीच श्रीगंगानगर जिला प्रशासन ने खाद्य पदार्थ में मिलावट मिलने पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है.

Action on adulterant, health department, campaign against adulterant
श्रीगंगानगर में मिलावटखोरों पर कार्रवाई
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Published : Nov 10, 2020, 12:49 PM IST

श्रीगंगानगर. खाद्य पदार्थों में मिलावट आज बड़ी समस्या बन चुकी है. मिलावटी सामान बेचने से ना केवल उपभोक्ताओं के साथ धोखा हो रहा है, बल्कि स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है. मिलावटखोर मिलावटी सामान बेचकर खुद की चांदी बनाने में जुटे हुए हैं. हालांकि सरकार और संबंधित विभाग मिलावटखोरों पर शिकंजा कसने के लिए लगातार अभियान चलाकर कार्रवाई करता है, लेकिन फिर भी मिलावट पर अंकुश नहीं लग पा रहा है. राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री दिलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय समय पर नमूने लिए जा रहे हैं. नमूना अमानक पाए जाने पर जुर्माने का प्रावधान है. इसी क्रम में अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रशासन डॉ. गुंजन सोनी ने मिलावटी सामान बेचने पर फेक्ट्री मालिक को आर्थिक दंड से दंडित किया है.

जिला प्रशासन ने खाद्य पदार्थ में मिलावट मिलने पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाकर यह साफ संदेश दे दिया है कि अब मिलावटखोरों के खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा. वहीं इस त्योहारी सीजन में मिलावट करने वालों के खिलाफ आर्थिक रूप से दंडित करने का यह सबसे बड़ा फैसला है. लगातार मिलावटी सामान बेचने की खबरें मिलने से स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने अब मिलावटखोरों को सजा देने का मन बना लिया है. अतिरिक्त जिला कलेक्टर की अदालत में आए मामलो को अब सुनवाई करके सैंपल खराब मिलने पर दंडित करने का मन बनाया गया है.

श्रीविजयनगर कस्बे की बालाजी प्रोडक्ट का 2/2020 सरकार बनाम बालाजी प्रोडक्ट का कुकिंग ऑयल गीतांजलि रिफाइंड सोयाबीन तेल सब्सटेंडर्ड पाए जाने पर 7 लाख रुपए के जुर्माने से दंडित किया है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा लिए गए सैंपल के बाद अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रशासन की अदालत में इस्तगासा पेश किया गया, जिसमें सैम्पल फेल होने पर मिलावटी समान होना पाया गया. विभाग द्वारा सैंपल में मिलावटी सामान मिलने पर यह कार्रवाई की गई है. इसी तरह इसी फर्म से हल्दी पाउडर का सैम्पल लिया गया, जो अमानक पाए जाने पर 3 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है.

यह भी पढ़ें- गुर्जर आरक्षण आंदोलन का 9वां दिन, सरकार और बैंसला के बीच वार्ता विफल...आंदोलन रहेगा जारी

डॉ. गुंजन सोनी ने बताया कि खाद्य वस्तुओं में किसी प्रकार की मिलावट दंडनीय है. उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण खाद सामग्री मिले इसको लेकर राज्य सरकार एवं जिला कलेक्टर महावीर प्रसाद वर्मा के निर्देशन में वर्तमान में भी शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाया जा रहा है. खाद्य वस्तुओं के विक्रेता निर्धारित मानकों के अनुसार खाद्य वस्तुएं विक्रय करें, ताकि मिलावट सामग्री किसी उपभोक्ता को ना मिले.

श्रीगंगानगर. खाद्य पदार्थों में मिलावट आज बड़ी समस्या बन चुकी है. मिलावटी सामान बेचने से ना केवल उपभोक्ताओं के साथ धोखा हो रहा है, बल्कि स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है. मिलावटखोर मिलावटी सामान बेचकर खुद की चांदी बनाने में जुटे हुए हैं. हालांकि सरकार और संबंधित विभाग मिलावटखोरों पर शिकंजा कसने के लिए लगातार अभियान चलाकर कार्रवाई करता है, लेकिन फिर भी मिलावट पर अंकुश नहीं लग पा रहा है. राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री दिलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय समय पर नमूने लिए जा रहे हैं. नमूना अमानक पाए जाने पर जुर्माने का प्रावधान है. इसी क्रम में अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रशासन डॉ. गुंजन सोनी ने मिलावटी सामान बेचने पर फेक्ट्री मालिक को आर्थिक दंड से दंडित किया है.

जिला प्रशासन ने खाद्य पदार्थ में मिलावट मिलने पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाकर यह साफ संदेश दे दिया है कि अब मिलावटखोरों के खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा. वहीं इस त्योहारी सीजन में मिलावट करने वालों के खिलाफ आर्थिक रूप से दंडित करने का यह सबसे बड़ा फैसला है. लगातार मिलावटी सामान बेचने की खबरें मिलने से स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने अब मिलावटखोरों को सजा देने का मन बना लिया है. अतिरिक्त जिला कलेक्टर की अदालत में आए मामलो को अब सुनवाई करके सैंपल खराब मिलने पर दंडित करने का मन बनाया गया है.

श्रीविजयनगर कस्बे की बालाजी प्रोडक्ट का 2/2020 सरकार बनाम बालाजी प्रोडक्ट का कुकिंग ऑयल गीतांजलि रिफाइंड सोयाबीन तेल सब्सटेंडर्ड पाए जाने पर 7 लाख रुपए के जुर्माने से दंडित किया है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा लिए गए सैंपल के बाद अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रशासन की अदालत में इस्तगासा पेश किया गया, जिसमें सैम्पल फेल होने पर मिलावटी समान होना पाया गया. विभाग द्वारा सैंपल में मिलावटी सामान मिलने पर यह कार्रवाई की गई है. इसी तरह इसी फर्म से हल्दी पाउडर का सैम्पल लिया गया, जो अमानक पाए जाने पर 3 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है.

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डॉ. गुंजन सोनी ने बताया कि खाद्य वस्तुओं में किसी प्रकार की मिलावट दंडनीय है. उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण खाद सामग्री मिले इसको लेकर राज्य सरकार एवं जिला कलेक्टर महावीर प्रसाद वर्मा के निर्देशन में वर्तमान में भी शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाया जा रहा है. खाद्य वस्तुओं के विक्रेता निर्धारित मानकों के अनुसार खाद्य वस्तुएं विक्रय करें, ताकि मिलावट सामग्री किसी उपभोक्ता को ना मिले.

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