सीकर. गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म श्री पुरस्कार की घोषणा की गई है, जिनमें जिले के किसान सुंडा राम वर्मा का नाम भी शामिल है. इन्होंने 1 लीटर पानी से पौधा तैयार करने की तकनीक का विकास किया है. वहीं जीवन के शुरुआत में ही सरकारी सेवा में चयनित होने के बाद भी कृषि का रास्ता चुन कर समाज में बेहतरीन उदाहरण पेश किया है.
कौन हैं सुंडाराम वर्मा
सीकर जिले के दाता रामगढ़ में जन्मे सुंडाराम वर्मा ने 1972 में बीएससी की परीक्षा पास की और उसके बाद इनका चयन तीन बार सरकारी विज्ञान के शिक्षक के तौर पर हुआ, लेकिन इन्होंने शिक्षक की नौकरी ज्वाइन नहीं की और कृषि का रास्ता चुना.
कृषि के क्षेत्र में मिल चुके हैं कई पुरस्कार
कृषि के क्षेत्र में सुंडाराम को सबसे पहला पुरस्कार कनाडा में वर्ष 1997 में एग्रोबायोडायवर्सिटी बायो अवार्ड से सम्मान मिला. दूसरी बार राष्ट्रीय पुरस्कार जगजीवन राम किसान पुरस्कार सन 1998 में मिला. तीसरा पुरस्कार राज्य सरकार द्वारा वन पंडित पुरस्कार मिला. इनके अलावा जिला स्तरीय पुरस्कार सहित कई पुरस्कारों से राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित हुए हैं.
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एक लीटर पानी से तैयार किए पौधे
बता दें कि कृषि के क्षेत्र में सुंडाराम ने कई नये तरीके खोजे और इस क्षेत्र का विकास किया. ऐसी ही एक नई तकनीक का विकास किया, जिसमें 1 लीटर पानी से पौधे तैयार किए. इसके अलावा उन्होंने 2000000 लीटर वर्षा के पानी का संग्रहण किया और 15 प्रश्नों की 700 से अधिक प्रजातियां विकसित की. पद्म श्री पुरस्कार की घोषणा के साथ ही उनके घर बधाई देने वालों का तांता लग गया और मिठाई बांटी गई.