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सरकारी नौकरी छोड़ कृषि को अपना जीवन देने वाले सुंडाराम को पद्म श्री से किया जायेगा सम्मानित - सीकर न्यूज

गणतंत्र दिवस के पूर्व हुई पद्म श्री पुरस्कार की घोषणा में सीकर के किसान सुंडा राम वर्मा का नाम भी शामिल हैं. सरकारी नौकरी को छोड़ कृषि में उनके बेहतरीन योगदान के लिए उन्हें ये सम्मान प्राप्त हुआ है.

सीकर न्यूज, sikar news
एक लीटर पानी से पौधा तैयार करने वाले सीकर के किसान को मिला पद्म श्री
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Published : Jan 26, 2020, 1:05 AM IST

सीकर. गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म श्री पुरस्कार की घोषणा की गई है, जिनमें जिले के किसान सुंडा राम वर्मा का नाम भी शामिल है. इन्होंने 1 लीटर पानी से पौधा तैयार करने की तकनीक का विकास किया है. वहीं जीवन के शुरुआत में ही सरकारी सेवा में चयनित होने के बाद भी कृषि का रास्ता चुन कर समाज में बेहतरीन उदाहरण पेश किया है.

एक लीटर पानी से पौधा तैयार करने वाले सीकर के किसान को मिला पद्म श्री

कौन हैं सुंडाराम वर्मा

सीकर जिले के दाता रामगढ़ में जन्मे सुंडाराम वर्मा ने 1972 में बीएससी की परीक्षा पास की और उसके बाद इनका चयन तीन बार सरकारी विज्ञान के शिक्षक के तौर पर हुआ, लेकिन इन्होंने शिक्षक की नौकरी ज्वाइन नहीं की और कृषि का रास्ता चुना.

कृषि के क्षेत्र में मिल चुके हैं कई पुरस्कार

कृषि के क्षेत्र में सुंडाराम को सबसे पहला पुरस्कार कनाडा में वर्ष 1997 में एग्रोबायोडायवर्सिटी बायो अवार्ड से सम्मान मिला. दूसरी बार राष्ट्रीय पुरस्कार जगजीवन राम किसान पुरस्कार सन 1998 में मिला. तीसरा पुरस्कार राज्य सरकार द्वारा वन पंडित पुरस्कार मिला. इनके अलावा जिला स्तरीय पुरस्कार सहित कई पुरस्कारों से राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित हुए हैं.

पढ़ें- जयपुर के मुन्ना मास्टर होंगे पद्मश्री से सम्मानित...जानें उनके व्यक्तित्व की रोचक बातें

एक लीटर पानी से तैयार किए पौधे

बता दें कि कृषि के क्षेत्र में सुंडाराम ने कई नये तरीके खोजे और इस क्षेत्र का विकास किया. ऐसी ही एक नई तकनीक का विकास किया, जिसमें 1 लीटर पानी से पौधे तैयार किए. इसके अलावा उन्होंने 2000000 लीटर वर्षा के पानी का संग्रहण किया और 15 प्रश्नों की 700 से अधिक प्रजातियां विकसित की. पद्म श्री पुरस्कार की घोषणा के साथ ही उनके घर बधाई देने वालों का तांता लग गया और मिठाई बांटी गई.

सीकर. गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म श्री पुरस्कार की घोषणा की गई है, जिनमें जिले के किसान सुंडा राम वर्मा का नाम भी शामिल है. इन्होंने 1 लीटर पानी से पौधा तैयार करने की तकनीक का विकास किया है. वहीं जीवन के शुरुआत में ही सरकारी सेवा में चयनित होने के बाद भी कृषि का रास्ता चुन कर समाज में बेहतरीन उदाहरण पेश किया है.

एक लीटर पानी से पौधा तैयार करने वाले सीकर के किसान को मिला पद्म श्री

कौन हैं सुंडाराम वर्मा

सीकर जिले के दाता रामगढ़ में जन्मे सुंडाराम वर्मा ने 1972 में बीएससी की परीक्षा पास की और उसके बाद इनका चयन तीन बार सरकारी विज्ञान के शिक्षक के तौर पर हुआ, लेकिन इन्होंने शिक्षक की नौकरी ज्वाइन नहीं की और कृषि का रास्ता चुना.

कृषि के क्षेत्र में मिल चुके हैं कई पुरस्कार

कृषि के क्षेत्र में सुंडाराम को सबसे पहला पुरस्कार कनाडा में वर्ष 1997 में एग्रोबायोडायवर्सिटी बायो अवार्ड से सम्मान मिला. दूसरी बार राष्ट्रीय पुरस्कार जगजीवन राम किसान पुरस्कार सन 1998 में मिला. तीसरा पुरस्कार राज्य सरकार द्वारा वन पंडित पुरस्कार मिला. इनके अलावा जिला स्तरीय पुरस्कार सहित कई पुरस्कारों से राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित हुए हैं.

पढ़ें- जयपुर के मुन्ना मास्टर होंगे पद्मश्री से सम्मानित...जानें उनके व्यक्तित्व की रोचक बातें

एक लीटर पानी से तैयार किए पौधे

बता दें कि कृषि के क्षेत्र में सुंडाराम ने कई नये तरीके खोजे और इस क्षेत्र का विकास किया. ऐसी ही एक नई तकनीक का विकास किया, जिसमें 1 लीटर पानी से पौधे तैयार किए. इसके अलावा उन्होंने 2000000 लीटर वर्षा के पानी का संग्रहण किया और 15 प्रश्नों की 700 से अधिक प्रजातियां विकसित की. पद्म श्री पुरस्कार की घोषणा के साथ ही उनके घर बधाई देने वालों का तांता लग गया और मिठाई बांटी गई.

Intro:सीकर
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पदम श्री पुरस्कार की घोषणा हो गई है। इन पुरस्कारों में सीकर जिले के किसान सुंडा राम वर्मा को भी शामिल किया गया है। सीकर जिले के इस किसान की खासियत यह है कि इन्होंने 1 लीटर पानी से पौधा तैयार करने की तकनीक का विकास किया। सरकारी सेवा में चयनित होने के बाद भी उन्होंने कृषि का रास्ता चुना और आज पदम श्री से नवाजा गया है।

Body:जानकारी के मुताबिक सुंडाराम वर्मा का जन्म सीकर जिले के दाता रामगढ़ में में हुआ था । इन्होंने 1972 में सीकर में बीएससी की परीक्षा पास की और उसके बाद इनका चयन तीन बार सरकारी विज्ञान के शिक्षक के तौर पर हुआ लेकिन इन्होंने शिक्षक की नौकरी ज्वाइन नहीं की और कृषि का रास्ता चुना। कृषि के क्षेत्र में सबसे पहला पुरस्कार कनाडा मैं सन 1997 मैं एग्रोबायोडायवर्सिटी बायो अवार्ड से सम्मान मिला। दूसरी बार राष्ट्रीय पुरस्कार जगजीवन राम किसान पुरस्कार सन 1998 में मिला। तीसरा पुरस्कार राज्य सरकार द्वारा वन पंडित पुरस्कार मिला। इसके अलावा जिला स्तरीय पुरस्कार सहित कई पुरस्कारों से राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित हुए।
एक लीटर पानी से तैयार किए पौधे
सुंडारामने एक नई तकनीक का विकास किया और 1 लीटर पानी से पौधे तैयार किए। इसके अलावा इन्होंने 2000000 लीटर वर्षा के पानी का संग्रहण किया और 15 प्रश्नों की 700 से अधिक प्रजातियां विकसित की। पदम श्री पुरस्कार की घोषणा के साथ ही उनके घर बधाई देने वालों का तांता लग गया और मिठाई बांटी गई।

Conclusion:बाईट
सुंडाराम वर्मा
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