सीकर. नवंबर में प्रदेश में नगर निकाय के चुनाव प्रस्तावित हैं. सीकर नगर परिषद के मौजूदा बोर्ड का 5 साल का कार्यकाल लगभग पूरा हो चुका है. इन 5 साल में नगर परिषद में कांग्रेस का बोर्ड रहा. सीकर शहर की बात करें तो यह शहर वैसे तो विकास कार्यों में पिछड़ा तो नहीं माना जाता. लेकिन नगर परिषद के कामों की बात की जाए तो अभी भी बहुत कुछ करने की जरूरत है. यहां के नेता भी नगर परिषद के मूल कामों से भटककर या तो केंद्र सरकार की उपलब्धि गिनाते हैं या फिर राज्य सरकार की. पिछले 5 साल के कार्यकाल को लेकर कोई चर्चा नहीं होती.
पहले 50 वार्ड अब परिसीमन के बाद 65 वार्ड
वार्डों के परिसीमन के बाद सीकर नगर परिषद में पहले जहां 50 वार्ड थे. वहीं अब 65 वार्ड हो गए है. वहीं इस चुनाव में सीकर में 2 लाख 44 हजार 497 की आबादी रहेगी. पिछले 5 साल में सीकर में कई बार सफाई को लेकर आंदोलन हुए, पट्टों में और प्रमाण पत्रों में भ्रष्टाचार के आरोप लगे. ऐसे में इस बार नगर परिषद चुनाव भी काफी दिलचस्प हो गए है.
कांग्रेस के जीवन खान मौजूदा सभापति
सीकर नगर परिषद में 5 साल पहले हुए चुनाव में कांग्रेस के जीवन खान सभापति चुने गए थे. 5 साल में से 4 साल प्रदेश में भाजपा की सरकार रही और कई बार नगर परिषद और सरकार के बीच टकराव भी हुआ. नगर परिषद के मूल कामों की बात की जाए तो हर शहर में सफाई व्यवस्था ठीक से करवाना, शहर में रोशनी की समुचित व्यवस्था करवाना और शहर की सड़कें अच्छी रखना. इसके अलावा कई तरह के कागजी प्रमाण पत्र जो लोगों को जरूरी होते हैं नगर परिषद बनाती है. पिछले 5 साल में भी सीकर शहर के लोगों को इन समस्याओं से कोई बड़ी निजात नहीं मिल पाई. अब एक बार फिर से चुनाव होने हैं. खुद कांग्रेस के सभापति ही स्थानीय विधायक की उपलब्धियां गिनाते हैं लेकिन नगर परिषद ने 5 साल में क्या किया यह नहीं बताते. वहीं भाजपा के नेता प्रतिपक्ष है. जो केंद्र सरकार के फैसले बताते हैं लेकिन नगर परिषद में उन्होंने 5 साल में परिषद के बोर्ड को कितना काम करने के लिए मजबूर किया यह नहीं बताते.
वहीं अगर सीकर की जनता के मुद्दों की बात करें तो वो अभी भी शहर की इन परेशानियों से लोगों को रोजाना दो-चार होना पड़ता है.
- शहर की सड़कों की हालत खराब है.
- सीवरेज की स्थिति भी ठीक नहीं है.
- मामूली बारिश में जलजमाव की स्थिति पैदा हो जाती है.
- शहर में साफ-सफाई का खास इंतजाम नहीं है.
- शहर में आवारा पशुओं का जमावड़ा रहता है.
अभी भी इन मुद्दों पर सवार कांग्रेस
नगर परिषद के मुद्दों की बात की जाए तो कांग्रेस के सभापति सीकर नगर परिषद के नए भवन, यहां के समृति वन और बजाज ऑडिटोरियम जैसी उपलब्धियां बताते हैं. यह काम तो वह काम है जो पिछली गहलोत सरकार ने जब सीकर शहर के विधायक राजेंद्र पारीक मंत्री थे. उस वक्त स्वीकृत हो गए थे और काम शुरू हो गए थे. नगर परिषद ने 5 साल में क्या किया यह नहीं बताते हैं यहां के सभापति.
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भाजपा केंद्र की उपलब्धियों पर सवार
सीकर नगर परिषद के नेता प्रतिपक्ष अशोक चौधरी का कहना है कि कांग्रेस ने पिछले 5 साल में सीकर शहर में कोई काम नहीं किया. उनका कहना है कि इस बार उनका नगर परिषद में बोर्ड बनेगा. पिछले 5 साल में सीकर में भाजपा की उपलब्धियों के बारे में उनसे पूछा जाए तो केवल केंद्र सरकार की उपलब्धियां बताते हैं.