सीकर. जिले की 375 ग्राम पंचायतों में पेयजल संकट गहरा सकता है. आने वाले समय में गर्मी के मौसम में हालात बिगड़ सकते हैं. इसकी वजह है कि जनता जल योजना के तहत ग्राम पंचायतों को सरकार ने पैसा नहीं दिया है. इस वजह से ग्राम पंचायतों के जल स्रोतों के बिजली के बिल बकाया पड़े हैं. बिजली विभाग ग्राम पंचायतों को कनेक्शन काटने के नोटिस दे रहा है, तो वहीं पेयजल से जुड़े अन्य काम भी नहीं हो पा रहे हैं. देखें ये खास रिपोर्ट
गहरा सकता है पेयजल संकट...
अब गर्मी का मौसम शुरू हो गया है. आने वाले समय में तापमान में बढ़ोतरी होगी. ऐसे में लोगों को पानी के लिए परेशान होना पड़ सकता है. ग्राम पंचायतों के सरपंच भी इसको लेकर लामबंद होने लगे हैं और सरपंच संघ ने आंदोलन का ऐलान भी किया है. ग्राम पंचायतों को पांचवें वित्त आयोग का जनता जल योजना का पैसा नहीं दिया है. जानकारी के मुताबिक, पिछले 2 साल से ग्राम पंचायतों को जनता जल योजना के तहत सरकार ने बजट जारी नहीं किया है. हालांकि, अन्य विकास कार्यों के लिए भी बजट नहीं दिया गया, लेकिन जनता जल योजना का पैसा नहीं मिलने की वजह से पेयजल का संकट गहराने लगा है.
टंकियों और पंप सेट की नहीं हुई मरम्मत...
जिले की 375 ग्राम पंचायतों में पाइपलाइन पानी की टंकियों और पंप सेट की मरम्मत तक नहीं करवाई गई है. इसके साथ-साथ सबसे बड़ा संकट यह है कि बिजली निगम ने ग्राम पंचायतों को नोटिस जारी कर दिए हैं और पंचायतों के बिजली कनेक्शन काटे जा सकते हैं. जिले में काफी ग्राम पंचायत है ऐसी हैं, जो इस साल नई बनी है. वहां पर बिल्कुल भी बजट नहीं होने की वजह से बिल जमा करवाना मुश्किल हो रहा है. जिले की सभी ग्राम पंचायतों को 35 से 40 लाख रुपए का बजट मिलना है. राज्य सरकार ने अभी तक पांचवें राज्य वित्त आयोग का पैसा भी ग्राम पंचायतों को नहीं जारी किया है और छठे वित्त आयोग का भी गठन नहीं हुआ है.
8 करोड़ से ज्यादा का बिजली बिल बकाया
ग्राम पंचायतों को पैसा नहीं मिलने की वजह से पिछले 1 साल से पंचायतों का 8 करोड़ रुपये से ज्यादा के बिजली के बिल बकाया चल रहे हैं. बिल जमा नहीं होने की वजह से बिजली निगम बार-बार कनेक्शन काटने के नोटिस जारी कर रहा है. बिजली निगम के साथ-साथ ग्राम पंचायतों के जल स्रोतों के मेंटेनेंस के लिए भी पैसा नहीं है. इस वजह से काफी जगह पाइप लाइन टूटी हुई है. सरकार पैसा जारी करे, तो उनकी मरम्मत हो सकती है.