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सूफी हमीदुद्दीन नागौरी की दरगाह में बड़ा उर्स, अजमेर शरीफ से आई चादर - Nagaur news

नागौर सहित मारवाड़ में सूफी परंपरा को आगे बढ़ाने वाले हजरत हमीदुद्दीन नागौरी का बड़ा उर्स सोमवार को  अकीदत और एहतराम के साथ मनाया गया. वहीं अजमेर की ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह से चादर आई. जिसे जुलूस के रूप में गाजे-बाजे के साथ दरगाह में लाया गया. अजमेर दरगाह से चादर पेश करने के लिए

नागौर सूफी परंपरा,  Nagaur Sufi Hamiduddin Urs
नागौर में गाजे-बाजे के साथ निकाला जुलूस
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Published : Dec 30, 2019, 8:59 PM IST

नागौर. ख्वाजा गरीब नवाज के मुरीद सूफी हजरत हमीदुद्दीन नागौरी के बड़े उर्स के मौके पर सोमवार को अजमेर दरगाह से चढ़ाने के लिए चादर नागौर आई, जिसका नागौर के तहसील चौक से गाजे-बाजे के साथ जुलूस निकाला गया. इस जुलूस में कलंदरों ने करतब दिखाए और कव्वालों ने कलाम पेश किए. शहर के प्रमुख मार्गों से निकले जुलूस का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया.

नागौर में गाजे-बाजे के साथ निकाला जुलूस

इसके बाद सूफी हमीदुद्दीन नागौरी की दरगाह पर चादर चढ़ाकर अकीदत के फूल पेश किए गए. जुलूस में शहर काजी मेहराज उस्मानी, दरगाह बड़े पीर साहब के सज्जाद नशीन सैयद सदाकत अली जिलानी और जोधपुर शहर काजी यूसुफ अली ने चादर के जुलूस में शिरकत की. इस परंपरागत जुलूस को ऊंटनी का जुलूस भी कहा जाता है.

पढ़ें: बाड़मेर पहुंचे सीएम गहलोत, अधिकारियों के साथ टिड्डी दल को लेकर बड़ी बैठक

बता दें कि सूफी हमीदुद्दीन नागौरी की दरगाह के बुलंद दरवाजा पर झंडे की रस्म के साथ 25 दिसंबर को उर्स का आगाज हुआ था. इसके बाद 27, 28 और 29 दिसंबर को क्रमशः पहला, दूसरा और तीसरा उर्स मनाया गया. जिसमें प्रदेश के कई नामचीन कव्वालों ने कलाम पेश किए. साथ ही देश-प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से आए जायरीनों ने जियारत की और चादर चढ़ाई. वहीं उर्स का समापन 31 दिसंबर को कुल की रस्म के साथ किया जाएगा.

नागौर. ख्वाजा गरीब नवाज के मुरीद सूफी हजरत हमीदुद्दीन नागौरी के बड़े उर्स के मौके पर सोमवार को अजमेर दरगाह से चढ़ाने के लिए चादर नागौर आई, जिसका नागौर के तहसील चौक से गाजे-बाजे के साथ जुलूस निकाला गया. इस जुलूस में कलंदरों ने करतब दिखाए और कव्वालों ने कलाम पेश किए. शहर के प्रमुख मार्गों से निकले जुलूस का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया.

नागौर में गाजे-बाजे के साथ निकाला जुलूस

इसके बाद सूफी हमीदुद्दीन नागौरी की दरगाह पर चादर चढ़ाकर अकीदत के फूल पेश किए गए. जुलूस में शहर काजी मेहराज उस्मानी, दरगाह बड़े पीर साहब के सज्जाद नशीन सैयद सदाकत अली जिलानी और जोधपुर शहर काजी यूसुफ अली ने चादर के जुलूस में शिरकत की. इस परंपरागत जुलूस को ऊंटनी का जुलूस भी कहा जाता है.

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बता दें कि सूफी हमीदुद्दीन नागौरी की दरगाह के बुलंद दरवाजा पर झंडे की रस्म के साथ 25 दिसंबर को उर्स का आगाज हुआ था. इसके बाद 27, 28 और 29 दिसंबर को क्रमशः पहला, दूसरा और तीसरा उर्स मनाया गया. जिसमें प्रदेश के कई नामचीन कव्वालों ने कलाम पेश किए. साथ ही देश-प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से आए जायरीनों ने जियारत की और चादर चढ़ाई. वहीं उर्स का समापन 31 दिसंबर को कुल की रस्म के साथ किया जाएगा.

Intro:नागौर सहित मारवाड़ में सूफी परंपरा को आगे बढ़ाने वाले हजरत हमीदुद्दीन नागौरी का बड़ा उर्स आज अकीदत और एहतराम के साथ मनाया गया। खास तौर पर अजमेर की ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह से चादर आई। जिसे जुलूस के रूप में गाजे-बाजे के साथ दरगाह ले जाया गया। उर्स का कल समापन होगा।


Body:नागौर. ख्वाजा गरीब नवाज के मुरीद सूफी हजरत हमीदुद्दीन नागौरी के बड़े उर्स के मौके पर आज खास तौर पर अजमेर की दरगाह से चादर नागौर आई। जिसका नागौर के तहसील चौक से गाजे-बाजे के साथ जुलूस निकाला गया। इस जुलूस में कलंदरों ने करतब दिखाए और कव्वालों ने कलाम पेश किए। शहर के प्रमुख मार्गों से निकले जुलूस का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। इसके बाद सूफी हमीदुद्दीन नागौरी की दरगाह पर चादर चढ़ाकर अकीदत के फूल पेश किए गए। जुलूस में शहर काजी मेहराज उस्मानी, दरगाह बड़े पीर साहब के सज्जाद नशीन सैयद सदाकत अली जिलानी और जोधपुर शहर काजी यूसुफ अली ने चादर के जुलूस में शिरकत की। इस परंपरागत जुलूस को ऊंटनी का जुलूस भी कहा जाता है।



Conclusion:सूफी हमीदुद्दीन नागौरी की दरगाह के बुलंद दरवाजा पर झंडे की रस्म के साथ 25 दिसंबर को उर्स का आगाज हुआ था। इसके बाद 27, 28 और 29 दिसंबर को क्रमशः पहला, दूसरा और तीसरा उर्स मनाया गया। जिसमें प्रदेश के कई नामचीन कव्वालों ने कलाम पेश किए। आज बड़ा उर्स है। जिसमें देश-प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से आए जायरीनों ने जियारत की और चादर चढ़ाई। उर्स का समापन 31 दिसंबर को कुल की रस्म के साथ होगा।
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बाईट- मकबूल अंसारी, उर्स कमेटी कार्यकर्ता।
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