नागौर. आमतौर पर जीवन की भागदौड़ में समय नहीं मिलने का हवाला देकर अपने शौक या रचनात्मकता की धार कुंद कर लेने वाले लोगों के लिए लॉकडाउन के दो महीने किसी उपलब्धि से कम नहीं है. घरों में कैद कई लोग समय काटने के बहाने तलाश करते रहे. लेकिन इस दौरान कई ऐसे लोग भी सामने आए जो इस समय का सदुपयोग किया. ऐसी ही एक शख्सियत से आज हम आपको रूबरू करवाते हैं.
ये हैं डीडवाना के राजकीय बांगड़ कॉलेज में विद्यार्थियों को प्राणीशास्त्र पढ़ाने वाले प्रोफेसर जहांगीर कुरैशी. ये शौकिया तौर पर प्रकृति की खूबसूरत पेंटिंग्स बनाते हैं. लॉकडाउन के दो महीनों में इन्होंने नागौर के अहिछत्रपुर किले पर एक पेंटिंग सीरीज तैयार की है. इस सीरीज में 5 कलाकृतियों में वाटर कलर से इस किले की खूबसूरती को संजीदगी के साथ उकेरा गया है.
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बता दें कि प्रोफेसर कुरैशी ने इसके अलावा कोंकण फोर्ट की भी एक पेंटिंग बनाई है. साथ ही कुछ अन्य पेंटिंग्स भी प्रोफेसर कुरैशी ने लॉकडाउन के दौरान ही बनाई है. प्रोफेसर ने अपनी कलाकृतियों से नागौर किले की खूबसूरती को तो कैनवास पर उकेरा ही, साथ ही इस किले की भावनाओं को भी रंग दिए हैं.
'कोई शहर वहां आने वाले लोगों से खूबसूरत बनती है'
राजकीय बांगड़ कॉलेज के प्रोफेसर जहांगीर कुरैशी का कहना है, कि कोई भी शहर या खूबसूरत जगह वहां आने वाले लोगों से खूबसूरत बनती है. उनका कहना है कि इसलिए इस पेंटिंग सीरीज में वे नागौर के अहिछत्रपुर किले की अंतर्मन की भावना को उकेरा है. यह पेंटिंग संदेश देती है कि आज सब लोग घरों में स्वस्थ रहेंगे तो आने वाला कल बेशक खूबसूरत होगा.
प्रोफेसर जहांगीर कुरैशी का कहना है, कि यह समय बड़ा विकट है, जब सबको अपना काम-धंधा छोड़कर घरों में रहना पड़ रहा है. उनका कहना है कि घर में रहते इस समय को बोझिल समझकर काटने से अच्छा है कि इसका रचनात्मक तरीके से उपयोग किया जाए, चाहे वह किसी भी रूप में हो.