नागौर. लॉकडाउन का तीसरा चरण शुरू होने के बाद अन्य प्रदेशों में रहने वाले नागौर जिले के प्रवासियों के मन में असमंजस की हालत बनी हुई है. शायद यही कारण है कि जिले के करीब 62 हजार प्रवासियों ने घर वापसी के लिए ऑनलाइन पंजीयन करवाया हैं.
ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में लोगों के जिले में आने पर हर तरह की व्यवस्था को सुचारू बनाए रखना और बाहर से आने वाले लोगों की मेडिकल जांच और उन्हें क्वॉरेंटाइन करने की व्यवस्था करना एक बड़ी चुनौती हो सकती हैं. वहीं पुलिस ने इसके लिए कवायद शुरू कर दी है.
एसपी डॉ. विकास पाठक का कहना है कि बाहर से आने वाले लोगों की उपखंडवार सूचियां तैयार की गई हैं. अब सभी थानों की हर बीट के हिसाब से सूची तैयार हो रही है. जिससे इतनी बड़ी संख्या में जब प्रवासी लौटे तो किसी प्रकार की अव्यवस्था नहीं हो. इसके साथ ही जिले के सीमावर्ती 17 थानों की पुलिस को खास तौर पर मुस्तैद रहने के निर्देश भी दिए गए हैं.
हालांकि, अभी प्राथमिकता के हिसाब से दूसरे प्रदेशों में फंसे जिले के मजदूरों को वापस लाने की कवायद चल रही है. लेकिन उम्मीद है कि सरकारी स्तर पर प्रबंध होने पर दूसरे प्रदेशों में रह रहे अन्य लोग भी अपने घर लौटेंगे.
इधर, हैदराबाद, सूरत और अन्य शहरों में रहने वाले प्रवासी अपने निजी वाहनों से घर लौटने लगे हैं. इन लोगों को स्क्रीनिंग और कोरोना जांच संबंधी सैंपल लेने के बाद क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. फिलहाल, ट्रैन या बसों से केवल प्रवासी मजदूरों को प्राथमिकता के हिसाब से घर पहुंचाया जा रहा है. लेकिन उम्मीद है कि अन्य प्रवासियों की भी जल्द घर वापसी होगी.