नागौर. राजस्थान में खारे पानी की सबसे बड़ी सांभर झील में पक्षियों की मौत का रहस्य अब भी अनसुलझा है. संभावना एवियन बोटूलिज्म से मौत की जताई जा रही है, लेकिन असल कारण जानने के लिए पक्षियों के शव भोपाल और बरेली भिजवाए गए थे. वहां से अभी तक पुख्ता रिपोर्ट नहीं आई है.
इस बीच सांभर झील में लगातार हो रही पक्षियों की मौत के मामले में शुक्रवार को हाइकोर्ट में सुनवाई होनी है. ऐसे में कोर्ट की ओर से नियुक्त न्याय मित्र नितिन जैन ने सांभर झील क्षेत्र का निरीक्षण किया और पक्षियों को बचाने के लिए किए जा रहे कार्यों का जायजा लिया. न्याय मित्र नितिन जैन का कहना है कि इस मामले में होने वाली सुनवाई के दौरान वे अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेंगे.
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बता दें कि सांभर झील क्षेत्र में बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पक्षियों की मौत का मामला सामने आने के बाद हाइकोर्ट ने 13 नवंबर को स्व प्रसंज्ञान लिया था. कोर्ट ने सरकार से इस पूरे मामले को लेकर रिपोर्ट मांगी थी. इसके बाद सरकार हरकत में आई थी और अब तक कई अधिकारियों के साथ ही पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया और पर्यावरण मंत्री सुखराम बिश्नोई भी झील क्षेत्र का दौरा कर चुके हैं. पक्षियों के शव और झील के पानी के नमूने जांच के लिए भिजवाए गए हैं. फिलहाल पुख्ता तौर पर यह सामने नहीं आया है कि इतनी बड़ी संख्या में पक्षियों की मौत का कारण क्या है.