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नागौरः हर्षोल्लास के साथ मनाई गई गुरु गोविन्द सिंह की जयंति

नागौर के विभिन्न गुरुद्वारों पर सिखों के गुरु गोविंद सिंह की जयंती को बड़े आस्था और श्रद्धा के साथ मनाई गई. इस अवसर पर गुरुद्वारे में प्रात: गुरुवाणी का पाठ हुआ. इसके साथ ही निशान साहिब का चौला भी चढाया गया.

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चला गुरु का अटूट लंगर
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Published : Jan 2, 2020, 7:07 PM IST

नागौर. जिले में बाई पास सडक़ मार्ग स्थित गुरुद्वारे में गुरूवार को गुरू गोविंदसिंह जयंति पारम्परिक ढंग से हर्षोल्लास के साथ मनाई गई. गुरु गोविन्द सिंह जयंती के अवसर पर गुरुद्वारे में प्रात: गुरुवाणी का पाठ हुआ. इसके साथ ही निशान साहिब का चौला भी चढाया गया और भक्तगणों के द्वारा यहां पर मत्था टेककर कामनाएं भी की गई.

गुरु गोविन्द सिंह की जयंति

बता दें कि संगतों को गुरुवाणी कीर्तन और गुरुमत विचारों द्वारा निहाल किये जाने के साथ ही कई प्रकार के धार्मिक कार्यक्रम भी आयोजित हुए. साथ ही गुरुद्वारे में पूरे दिन धार्मिक कार्यक्रम जारी रहे. धार्मिक कार्यक्रम के दौरान निशान साहेब का झण्डे की रश्म भी निभाई गई. वहीं गुरुद्वारे में धार्मिक अनुष्ठानों के साथ अटूट लंगर भी बरसाया गया.

इस अवसर पर सेवादार बाबा ईशर सिंह ने कहा कि सेवा सेवा होनी चाहिए और सेवा में किसी भी प्रकार का प्रलोभन नहीं होना चाहिए। प्रलोभन करने वालों के द्वारा की गई सेवा का कोई औचित्य नहीं है. सेवा के कार्य मात्र प्राणियों को राहत प्रदान करना होना चाहिए. ऐसा करने वालों पर ईश्वर की असीम कृपा बनी रहती है. वहीं मानव के दुखों को बांटने से ही दुखों को कम किया जा सकता है.

पढ़ेंः मूंग और मूंगफली उत्पादन 130 केंद्रों पर पंजीयन सीमा को बढ़ाया, शुक्रवार से पंजीयन शुरू

साथ ही कहा कि ईशर सिंह ने कहा मनुष्य को सृष्टि के प्राणियों की रक्षा करनी चाहिए और किसी भी प्रकार से क्रोध नहीं करे, साथ ही इंसान की वाणी उसके व्यवहार का दर्पण होती है. मृदुभाषी व्यक्ति जहां अपने मधुर वचनों से सबका मन मोह लेता है और सबका चहेता होता है. कटु भाषा से के शाब्दिक प्रहारों से गहरे जख्मों की प्राप्ती होती है. वहीं मृदुभाषा गहरे से गहरे जख्मों को मरहम की तरह ठीक कर देती है.

इस दौरान बाबा अवतार सिंह, लाभ सिंह, सुरजीत सिंह, सीमरनदीप सिंह, अल्लाहनूर, पूर्व पार्षद मंसूर अख्तर चौधरी, श्याम सुन्दर स्वामी, महेन्द्र झामनानी, खेमचंद, अनिल कुमार, करतारसिंह सहित कई श्रद्धालुओं ने भाग लिया.

नागौर. जिले में बाई पास सडक़ मार्ग स्थित गुरुद्वारे में गुरूवार को गुरू गोविंदसिंह जयंति पारम्परिक ढंग से हर्षोल्लास के साथ मनाई गई. गुरु गोविन्द सिंह जयंती के अवसर पर गुरुद्वारे में प्रात: गुरुवाणी का पाठ हुआ. इसके साथ ही निशान साहिब का चौला भी चढाया गया और भक्तगणों के द्वारा यहां पर मत्था टेककर कामनाएं भी की गई.

गुरु गोविन्द सिंह की जयंति

बता दें कि संगतों को गुरुवाणी कीर्तन और गुरुमत विचारों द्वारा निहाल किये जाने के साथ ही कई प्रकार के धार्मिक कार्यक्रम भी आयोजित हुए. साथ ही गुरुद्वारे में पूरे दिन धार्मिक कार्यक्रम जारी रहे. धार्मिक कार्यक्रम के दौरान निशान साहेब का झण्डे की रश्म भी निभाई गई. वहीं गुरुद्वारे में धार्मिक अनुष्ठानों के साथ अटूट लंगर भी बरसाया गया.

इस अवसर पर सेवादार बाबा ईशर सिंह ने कहा कि सेवा सेवा होनी चाहिए और सेवा में किसी भी प्रकार का प्रलोभन नहीं होना चाहिए। प्रलोभन करने वालों के द्वारा की गई सेवा का कोई औचित्य नहीं है. सेवा के कार्य मात्र प्राणियों को राहत प्रदान करना होना चाहिए. ऐसा करने वालों पर ईश्वर की असीम कृपा बनी रहती है. वहीं मानव के दुखों को बांटने से ही दुखों को कम किया जा सकता है.

पढ़ेंः मूंग और मूंगफली उत्पादन 130 केंद्रों पर पंजीयन सीमा को बढ़ाया, शुक्रवार से पंजीयन शुरू

साथ ही कहा कि ईशर सिंह ने कहा मनुष्य को सृष्टि के प्राणियों की रक्षा करनी चाहिए और किसी भी प्रकार से क्रोध नहीं करे, साथ ही इंसान की वाणी उसके व्यवहार का दर्पण होती है. मृदुभाषी व्यक्ति जहां अपने मधुर वचनों से सबका मन मोह लेता है और सबका चहेता होता है. कटु भाषा से के शाब्दिक प्रहारों से गहरे जख्मों की प्राप्ती होती है. वहीं मृदुभाषा गहरे से गहरे जख्मों को मरहम की तरह ठीक कर देती है.

इस दौरान बाबा अवतार सिंह, लाभ सिंह, सुरजीत सिंह, सीमरनदीप सिंह, अल्लाहनूर, पूर्व पार्षद मंसूर अख्तर चौधरी, श्याम सुन्दर स्वामी, महेन्द्र झामनानी, खेमचंद, अनिल कुमार, करतारसिंह सहित कई श्रद्धालुओं ने भाग लिया.

Intro:गुरू गोविन्दसिंह की जयंति पर चला अटुट लंगर
नगर के बाई पास सडक़ मार्ग स्थित गुरूद्वारे में गुरूवार को गुरू गोविंदसिंह जयंति पारम्परिक ढंग से हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। गुरू गोविन्द सिंह जयंती के अवसर पर गुरूद्वारे में प्रात: गुरूवाणी का पाठ हुआ। Body:इसके साथ ही निशान साहिब का चौला भी चढाया गया और भक्तगणों के द्वारा यहां पर मत्था टेककर कामनाएं की। वही संगतों को गुरूवाणी कीर्तन और गुरूमत विचारों द्वारा निहाल किये जाने के साथ ही कई प्रकार के धार्मिक कार्यक्रम भी आयोजित हुए। गुरूद्वारे में पूरे दिन धार्मिक कार्यक्रम जारी रहे। धार्मिक कार्यक्रम के दौरान निशान साहेब का झण्डे की रश्म भी निभाई गई। Conclusion:गुरूद्वारे में धार्मिक अनुष्ठानों के साथ अटूट लंगर भी बरसाया गया। इस अवसर पर सेवादार बाबा ईशर सिंह ने कहा कि सेवा सेवा होनी चाहिए और सेवा में किसी भी प्रकार का प्रलोभन नहीं होना चाहिए। प्रलोभन करने वालों के द्वारा की गई सेवा का कोई औचित्य नहीं है। सेवा के कार्य मात्र प्राणियों को राहत प्रदान करना होना चाहिए। ऐसा करने वालों पर ईश्वर की असीम कृपा बनी रहती है। उन्होने कहा कि मानव के दुखों को बाटने से ही दुखों को कम किया जा सकता है। मनुष्य को सृष्टि के प्राणियों की रक्षा करनी चाहिए और किसी भी प्रकार से क्रोध, हिन्सा नहीं करे। इंसान की वाणी उसके व्यवहार का दर्पण होती है। मृदुभाषी व्यक्ति जहां अपने मधुर वचनों से सबका मन मोह लेता है और सबका चहेता होता है। कटु भाषा से किये गये शाब्दिक प्रहारों से गहरे जख्मों की प्राप्ती होती है। वहीं मृदुभाषा गहरे से गहरे जख्मों को मरहम की तरह ठीक कर देती है। श्रद्धालु ईष्र्या भाव नहीं रखे। छूआछूत से दूर रहते हुए ऊंच नीच की भावना का परित्याग करें। इंसान वही सदा सुखी रहता है जो स्वहित के बजाय लोगों की सेवा में लीन रहता हो। इस दौरान बाबा अवतार सिंह, लाभ सिंह, सुरजीत सिंह, सीमरनदीप सिंह, अल्लाहनूर, पूर्व पार्षद मंसूर अख्तर चौधरी, श्याम सुन्दर स्वामी, महेन्द्र झामनानी, खेमचंद, अनिल कुमार, करतारसिंह सहित कई श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
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