नागौर. विश्वव्यापी कोरोना महामारी के खिलाफ नागौर की जनता और प्रशासन ने करीब 36 दिन तक मुस्तैदी से लड़ाई लड़ी. लेकिन 5 अप्रैल को बासनी गांव में 55 वर्षीय बुजुर्ग के रूप में पहला मरीज सामने आते ही अब तक सुरक्षित रहा नागौर भी अब कोरोना वायरस के पॉजिटिव केस वाले जिलों की सूची में शामिल हो गया है.
बासनी गांव में जो बुजुर्ग कोरोना संक्रमित मिला, वो 17 मार्च को मुम्बई से ट्रैन में नागौर आया था. उसे अब जयपुर रेफर किया गया है. जबकि उसके सात परिजनों को नागौर के जिला अस्पताल में आइसोलेट किया गया है. कलेक्टर ने बासनी के साथ ही कुम्हारी और दुकोसी गांव की सीमाओं को भी सील कर दिया है.
पॉजिटिव मिले इस बुजुर्ग ने बासनी आने के बाद एक निजी अस्पताल में भी अपनी जांच करवाई थी. ऐसे में उस अस्पताल के डॉक्टर और नर्सिंगकर्मियों के साथ ही अन्य लोगों को भी क्वॉरेंटाइन किया गया है. बासनी गांव में अतिरिक्त जाप्ता तैनात कर गांव के सभी लोगों की स्क्रीनिंग करवाई जा रही है. पूरे गांव को सैनिटाइज करवाया जा रहा है. इसके साथ ही तीन किमी के क्षेत्र में भी चिकित्सा विभाग द्वारा सर्वे करवाया जा रहा है.
पढ़ें- PM द्वारा एकता की अपील का उत्साही लोगों ने बना दिया मजाक, जला दिया गरीब का आशियाना
फिलहाल, बासनी में 8 मेडिकल टीम सर्वे और स्क्रीनिंग के काम में लगी है. यहां दूध, फल और सब्जी के वितरण का जिम्मा भी सरकारी महकमों से जुड़े नोडल अधिकारी ही देखेंगे. प्रशासन की ओर से ही यहां खाने के पैकेट्स और राशन सामग्री का वितरण किया जाएगा. इसके अलावा गांव में जारी पास और परमिट को भी निरस्त कर दिया गया है.