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नागौर के 7 बड़े अस्पतालों में ऑक्सीजन और बेड की कमी, जानें मामला - नागौर अस्पताल में ऑक्सीजन बेड की कमी

कोरोना का संक्रमण चारों ओर अपना कहर बरपा रहा है. जहां अब धीरे-धीरे नागौर के 7 बड़े अस्पताल में 737 कुल बेड है, जिनमें से 423 बेड कोविड-19 संक्रमित मरीजों के लिए आरक्षित है. उन 423 में से सिर्फ 214 बेड ही ऑक्सीजन सपोर्टेड है.

नागौर अस्पताल में ऑक्सीजन बेड की कमी, Lack of oxygen beds in Nagaur Hospital
नागौर अस्पताल में ऑक्सीजन बेड की कमी
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Published : Apr 30, 2021, 7:32 AM IST

नागौर. कोरोना के मौत का तांडव देश और प्रदेश के तकरीबन हर इलाके में नजर आ रहा है. चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ प्रशासन और सरकार भी कोरोना से जंग लड़ रहे है. इस जंग में सबसे बड़ी परेशानी अस्पतालों में ऑक्सीजन और बेड की कमी के रूप में सामने आ रही है. जहां जिले में यह कमी अभी तक उस विकराल रूप में सामने नहीं आई है, जितनी प्रदेश के बाकी इलाकों में दिखाई दे रही है. इसका श्रेय जिला कलेक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी और उनकी टीम को दिया जाना चाहिए, जो पूरे 24 घंटे अपना प्रयास कर रही है.

नागौर अस्पताल में ऑक्सीजन बेड की कमी

हालांकि अब कहीं-कहीं यह समस्या नजर आने लगी है, किसी अस्पताल में ऑक्सीजन का स्टॉक खत्म होने के कगार पर है, तो किस अस्पताल में नए आने वाले मरीजों के लिए जगह ही नहीं है. जिले भर की बात करे तो जिले के 7 बड़े अस्पताल में 737 कुल बेड है, जिनमें से 423 बेड कोविड-19 संक्रमित मरीजों के लिए आरक्षित है. उन 423 में से सिर्फ 214 बेड ही ऑक्सीजन सपोर्टेड है. सरकारी और निजी चिकित्सालयों की बात करे तो जिलेभर में 315 बेड राजकीय अस्पताल में, वहीं 108 बेड निजी चिकित्सालयों में है.

जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर चौधरीं को जिला कलेक्टर डॉ. जीतेन्द्र कुमार सोनी ने बेड और ऑक्सीजन व्यवस्था का नोडल अधिकारी बनाया है. वे जिलेभर में बेड और ऑक्सीजन की उपलब्धता की मॉनिटरिंग कर रहे है. आरएएस जवाहर चौधरीं ने बताया कि सरकार के निर्देशों के मुताबिक दिन में 3 बार पोर्टल पर और व्हाट्सएप्प ग्रुप पर जिलेभर के अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की स्थिति को अपडेट किया जा रहा है. आज के हालात के मुताबिक जिले भर में सिर्फ 4 बेड ही खाली है.

उन्होंने बताया कि अस्पतालों में आगामी 24 से 36 घंटे का ऑक्सीजन का स्टॉक लेकर चल रहे हैं, नागौर जिले के जेएलएन अस्पताल और डीडवाना के बांगड़ चिकित्सालय में ही ऑक्सीजन प्लांट है, बाकी जगह सिलेंडर आधारित व्यवस्था है. जयपुर, चित्तौड़गढ़, बीकानेर और राजसमंद क्षेत्रों से भी जिले में ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति हुई है और कोशिश की जा रही है कि ऑक्सीजन की कमी जिले के किसी अस्पताल में ना हो. इसके लिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की व्यवस्था भी की जा रही है.

पढ़ें- बैंकों से निकलकर RBI पहुंचे 100 और 50 रुपए के नकली नोट, FIR दर्ज

इस मशीन के जरिए ऑक्सीजन जनरेट होती है और सिलेंडर की जरूरत नहीं रहती है. नागौर जिला कलेक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी, नागौर एसपी सहित नोडल अधिकारी जवाहर चौधरी, ADM मनोज कुमार, ADM रिछपाल सिंह और उनकी टीम जिले भर में कोरोना से दो-दो हाथ कर रही हैं. वहीं दूसरी ओर जिले की 10 विधानसभाओं के जनप्रतिनिधियों का इसमें सहयोग कुछ खास नहीं रहा है. हालांकि डीडवाना विधायक चेतन डूडी ने अपने कोष से 10 लाख रुपए देकर डीडवाना में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन की खरीद की स्वीकृति दी है और लाडनू विधायक मुकेश भाकर ने 15 लाख रुपये के ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन की अनुशंषा की है.

नागौर. कोरोना के मौत का तांडव देश और प्रदेश के तकरीबन हर इलाके में नजर आ रहा है. चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ प्रशासन और सरकार भी कोरोना से जंग लड़ रहे है. इस जंग में सबसे बड़ी परेशानी अस्पतालों में ऑक्सीजन और बेड की कमी के रूप में सामने आ रही है. जहां जिले में यह कमी अभी तक उस विकराल रूप में सामने नहीं आई है, जितनी प्रदेश के बाकी इलाकों में दिखाई दे रही है. इसका श्रेय जिला कलेक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी और उनकी टीम को दिया जाना चाहिए, जो पूरे 24 घंटे अपना प्रयास कर रही है.

नागौर अस्पताल में ऑक्सीजन बेड की कमी

हालांकि अब कहीं-कहीं यह समस्या नजर आने लगी है, किसी अस्पताल में ऑक्सीजन का स्टॉक खत्म होने के कगार पर है, तो किस अस्पताल में नए आने वाले मरीजों के लिए जगह ही नहीं है. जिले भर की बात करे तो जिले के 7 बड़े अस्पताल में 737 कुल बेड है, जिनमें से 423 बेड कोविड-19 संक्रमित मरीजों के लिए आरक्षित है. उन 423 में से सिर्फ 214 बेड ही ऑक्सीजन सपोर्टेड है. सरकारी और निजी चिकित्सालयों की बात करे तो जिलेभर में 315 बेड राजकीय अस्पताल में, वहीं 108 बेड निजी चिकित्सालयों में है.

जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर चौधरीं को जिला कलेक्टर डॉ. जीतेन्द्र कुमार सोनी ने बेड और ऑक्सीजन व्यवस्था का नोडल अधिकारी बनाया है. वे जिलेभर में बेड और ऑक्सीजन की उपलब्धता की मॉनिटरिंग कर रहे है. आरएएस जवाहर चौधरीं ने बताया कि सरकार के निर्देशों के मुताबिक दिन में 3 बार पोर्टल पर और व्हाट्सएप्प ग्रुप पर जिलेभर के अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की स्थिति को अपडेट किया जा रहा है. आज के हालात के मुताबिक जिले भर में सिर्फ 4 बेड ही खाली है.

उन्होंने बताया कि अस्पतालों में आगामी 24 से 36 घंटे का ऑक्सीजन का स्टॉक लेकर चल रहे हैं, नागौर जिले के जेएलएन अस्पताल और डीडवाना के बांगड़ चिकित्सालय में ही ऑक्सीजन प्लांट है, बाकी जगह सिलेंडर आधारित व्यवस्था है. जयपुर, चित्तौड़गढ़, बीकानेर और राजसमंद क्षेत्रों से भी जिले में ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति हुई है और कोशिश की जा रही है कि ऑक्सीजन की कमी जिले के किसी अस्पताल में ना हो. इसके लिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की व्यवस्था भी की जा रही है.

पढ़ें- बैंकों से निकलकर RBI पहुंचे 100 और 50 रुपए के नकली नोट, FIR दर्ज

इस मशीन के जरिए ऑक्सीजन जनरेट होती है और सिलेंडर की जरूरत नहीं रहती है. नागौर जिला कलेक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी, नागौर एसपी सहित नोडल अधिकारी जवाहर चौधरी, ADM मनोज कुमार, ADM रिछपाल सिंह और उनकी टीम जिले भर में कोरोना से दो-दो हाथ कर रही हैं. वहीं दूसरी ओर जिले की 10 विधानसभाओं के जनप्रतिनिधियों का इसमें सहयोग कुछ खास नहीं रहा है. हालांकि डीडवाना विधायक चेतन डूडी ने अपने कोष से 10 लाख रुपए देकर डीडवाना में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन की खरीद की स्वीकृति दी है और लाडनू विधायक मुकेश भाकर ने 15 लाख रुपये के ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन की अनुशंषा की है.

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