नागौर. यदि आपका रोजगार कोरोना वायरस ने छीन लिया है और आप बेरोजगार हो गए और खाने-पीने का संकट आ खड़ा हुआ है तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है. राशन के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि राज्य सरकार ने कोरोना वायरस को हराने के लिए आगामी कुछ महीनों तक 36 श्रेणियों के बेरोजगार के परिवारों को राशन देने की तैयारी कर ली है. नागौर जिले में 29902 से भी ज्यादा लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराते हुए पूरे प्रदेश में अव्वल रहा है. जनाधार के जरिए सरकार सर्वे की मुहिम शुरू कर दी है.
नागौर जिला रसद अधिकारी पार्थ सारथी ने बताया कि नागौर जिले में 29 हजार 902 लोगों का सर्वे किया गया है, जो कि पूरे प्रदेश में नागौर अव्वल रहा है. इनमें से 25227 लोग ग्रामीण क्षेत्र के है और 4675 शहरी क्षेत्र के है. ईमित्र से रजिस्ट्रेशन होने वाले 27884 शामिल है. वहीं SSO फैमिली रजिस्ट्रेशन से 2018 रजिस्टर्ड हुए. बाहरी राज्यों से आए प्रवासी मजदूरों ने 4863 लोगों ने सर्वे सूची में अपना नाम दर्ज कराया है.
कोरोना की वजह से जारी लॉकडाउन में कई परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया था. ऐसे में खाद्य सुरक्षा योजना के दायरे में नहीं आने वालों को राशन नहीं दिया जा रहा था. सरकारी दावों की मानें तो मई और जून 5 किलो प्रति यूनिट गेहूं दिया जाएगा. इस योजना के लिए जारी होने वाले संशोधित आदेश में जनप्रतिनिधियों की सहभागिता के साथ अन्य श्रेणियों को भी शामिल किया गया है.
सूची में ये भी शामिल
सरकार ने खाद्यान्न सहायता के लिए 36 श्रेणियों घोषित किए इसमें नाई की दुकान, धोबी, मोची, भिखारी, रिक्शा चालक, ऑटो चालक, पान की दुकान वाला, रेस्टोरेंट में कार्य वेटर, रद्दी वाला निर्माण मजदूर ,कोरोना वायरस से बंद उद्योगों में कार्यरत मजदूर, होटल में कार्यरत मजदूर, निजी बस के चालक परिचालक, बस स्टैंड पर जूते पॉलिश करने वाले, मंदिर में पूजा करने वाले पंडित, मैरिज गार्डन में काम करने वाले मजदूर, सिनेमा हॉल में काम करने वाले मजदूर, कोचिंग संस्थाओं में साफ-सफाई कर्मी, बैंड वादक, घोड़ी वादक, कैटरीन, आरा मशीन के श्रमिकों सहित 36 को रोजगार के दायरे में लिया गया है.
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राज्य सरकार के निर्देशानुसार नागौर जिला रसद विभाग ने जन आधार डाटा उपलब्ध करवाया है. गैर एन एफ एस ए परिवारों का शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के हिसाब से डाटा शीट तैयार की गई है. नागौर जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव के निर्देश अनुसार आपदा प्रबंधक के लिए गठित समिति और बीएलओ के जरिए सर्वे करवाया गया है. ग्रामीण क्षेत्रों की सूची 30 मई तक राज्य सरकार को भेजी जानी प्रस्तावित है.