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SPECIAL: लॉकडाउन में रोजगार छूटा तो अब मास्क बनाने से मिली राहत, पुलिस परिवार की महिलाओं ने की मदद

कोटा में पुलिसकर्मियों की पत्नियां भी कोरोना संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में जुट गई हैं. ट्रैफिक इंस्पेक्टर नीरज गुप्ता की पत्नी निधि और सिपाही चंद्रशेखर की पत्नी चंद्रावती ने कोरोना से बचाव के लिए मास्क बनाने की शुरुआत की है. करीब 25 महिलाओं को जोड़कर वो एक दिन में 1 हजार से ज्यादा मास्क बना लेती हैं.

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Published : Apr 10, 2020, 9:10 PM IST

wives of policemen, कोरोना के खिलाफ लड़ाई
पुलिस परिवार की महिलाएं बना रही हैं मास्क

कोटा. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पुलिस, प्रशासन और चिकित्सा महकमे के साथ बराबर प्रयास कर रही है. कोरोना के खिलाफ इस युद्ध में पुलिसकर्मियों की पत्नियां भी उतर आई हैं. शहर के एक सीआई और पांच कांस्टेबलों की पत्नियों ने मिलकर कोरोना से बचाव के लिए मास्क बनाने का बीड़ा उठाया है. इसकी पहल ट्रैफिक इंस्पेक्टर नीरज गुप्ता की पत्नी निधि और सिपाही चंद्रशेखर की पत्नी चंद्रावती ने की है. दोनों ने पहले मास्क बनाने शुरू किए और अब इनके साथ मिथलेश, सपना और शीला समेत 5 से 7 सिपाहियों की पत्नियां जुड़ चुकी हैं. मास्क बनाना घर से शुरू हुआ, धीरे-धीरे यह कारवां बढ़ता गया.

पुलिस परिवार की महिलाएं बना रही हैं मास्क

लॉकडाउन में रोजगार छूटा तो यहां से मिली मदद

पुलिस निरीक्षक यातायात नीरज गुप्ता की पत्नी निधि गुप्ता भी समाज सेवा से जुड़ी हुई हैं. लायंस क्लब टेक्नो की सचिव भी हैं. उन्होंने कहा कि घरों में काम करने वाली बाईओं का लॉकडाउन में रोजगार छूट गया था. ऐसे में उन्होंने पहले एक-दो ऐसी महिलाओं के साथ मास्क बनवाने के काम में जोड़ा. अब करीब 25 घरों पर काम करने वाली महिलाओं ने साथ में इस कार्य की शुरुआत कर दी है. अब उन महिलाओं को 3 रुपये प्रति मास्क बनाने का मिल रहा है. इसके लिए कपड़ा और धागा भी उन्हें निःशुल्क मुहैया करवाया जा रहा है.

wives of policemen, कोरोना के खिलाफ लड़ाई
25 घरों पर काम करने वाली महिलाओं को भी जोड़ा

पढ़ें- SPECIAL: Corona महामारी पर बोले दादाजी, नहीं देखा किसी भी बीमारी का ऐसा प्रकोप

तैयार हो रहे हैं 1000 से अधिक मास्क

पुलिस परिवार की महिलाएं और अन्य लोगों की मदद से रोज एक हजार से ज्यादा मास्क तैयार हो रहे हैं. ये महिलाएं जिन घरों में मास्क को तैयार करने में जुटी हुई हैं, वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जा रहा है. महिलाओं को घरों पर जाकर ही कपड़ा और जरूरी सामान दिया जाता है, फिर 2 दिन में मास्क कलेक्ट कर लिए जाते हैं. भामाशाह भी इसके लिए मदद कर रहे हैं. कोई कपड़ा उपलब्ध करा रहा है तो कोई धागा दे रहा है.

wives of policemen, कोरोना के खिलाफ लड़ाई
तैयार हो रहे हैं 1000 से अधिक मास्क

निशुल्क वितरण किए जा रहे हैं मास्क

निधि गुप्ता का कहना है कि अब तक 5000 से ज्यादा मास्क बनकर तैयार हो चुके हैं और इन सब का निशुल्क वितरण किया जा रहा है. इन्हें पुलिसकर्मियों और चिकित्सा विभाग में काम कर रहे लोगों के साथ अन्य को भी निःशुल्क बांटा जा रहा है. एक मास्क को 6 घंटे यूज करना है. ऐसे में सभी को दो-दो मास्क उपलब्ध करवाए जा रहे हैं, ताकि 12 घंटे की ड्यूटी पूरी की जा सके. इसके लिए उन्हें समाज के लोगों से राशि मिली है. साथ ही उन्होंने कुछ पैसा अपने पास से भी इसके लिए मिलाया है.

कोटा. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पुलिस, प्रशासन और चिकित्सा महकमे के साथ बराबर प्रयास कर रही है. कोरोना के खिलाफ इस युद्ध में पुलिसकर्मियों की पत्नियां भी उतर आई हैं. शहर के एक सीआई और पांच कांस्टेबलों की पत्नियों ने मिलकर कोरोना से बचाव के लिए मास्क बनाने का बीड़ा उठाया है. इसकी पहल ट्रैफिक इंस्पेक्टर नीरज गुप्ता की पत्नी निधि और सिपाही चंद्रशेखर की पत्नी चंद्रावती ने की है. दोनों ने पहले मास्क बनाने शुरू किए और अब इनके साथ मिथलेश, सपना और शीला समेत 5 से 7 सिपाहियों की पत्नियां जुड़ चुकी हैं. मास्क बनाना घर से शुरू हुआ, धीरे-धीरे यह कारवां बढ़ता गया.

पुलिस परिवार की महिलाएं बना रही हैं मास्क

लॉकडाउन में रोजगार छूटा तो यहां से मिली मदद

पुलिस निरीक्षक यातायात नीरज गुप्ता की पत्नी निधि गुप्ता भी समाज सेवा से जुड़ी हुई हैं. लायंस क्लब टेक्नो की सचिव भी हैं. उन्होंने कहा कि घरों में काम करने वाली बाईओं का लॉकडाउन में रोजगार छूट गया था. ऐसे में उन्होंने पहले एक-दो ऐसी महिलाओं के साथ मास्क बनवाने के काम में जोड़ा. अब करीब 25 घरों पर काम करने वाली महिलाओं ने साथ में इस कार्य की शुरुआत कर दी है. अब उन महिलाओं को 3 रुपये प्रति मास्क बनाने का मिल रहा है. इसके लिए कपड़ा और धागा भी उन्हें निःशुल्क मुहैया करवाया जा रहा है.

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25 घरों पर काम करने वाली महिलाओं को भी जोड़ा

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तैयार हो रहे हैं 1000 से अधिक मास्क

पुलिस परिवार की महिलाएं और अन्य लोगों की मदद से रोज एक हजार से ज्यादा मास्क तैयार हो रहे हैं. ये महिलाएं जिन घरों में मास्क को तैयार करने में जुटी हुई हैं, वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जा रहा है. महिलाओं को घरों पर जाकर ही कपड़ा और जरूरी सामान दिया जाता है, फिर 2 दिन में मास्क कलेक्ट कर लिए जाते हैं. भामाशाह भी इसके लिए मदद कर रहे हैं. कोई कपड़ा उपलब्ध करा रहा है तो कोई धागा दे रहा है.

wives of policemen, कोरोना के खिलाफ लड़ाई
तैयार हो रहे हैं 1000 से अधिक मास्क

निशुल्क वितरण किए जा रहे हैं मास्क

निधि गुप्ता का कहना है कि अब तक 5000 से ज्यादा मास्क बनकर तैयार हो चुके हैं और इन सब का निशुल्क वितरण किया जा रहा है. इन्हें पुलिसकर्मियों और चिकित्सा विभाग में काम कर रहे लोगों के साथ अन्य को भी निःशुल्क बांटा जा रहा है. एक मास्क को 6 घंटे यूज करना है. ऐसे में सभी को दो-दो मास्क उपलब्ध करवाए जा रहे हैं, ताकि 12 घंटे की ड्यूटी पूरी की जा सके. इसके लिए उन्हें समाज के लोगों से राशि मिली है. साथ ही उन्होंने कुछ पैसा अपने पास से भी इसके लिए मिलाया है.

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