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कनाडा: ट्रूडो को चुनाव प्रक्रिया नहीं बदल पाने का रह गया मलाल - TRUDEAU ONE REGRET

भारत से लगातार पंगा लेने के चलते कनाडाई प्रधानमंत्री को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा.

Justin Trudeau
कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो (AP)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 7, 2025, 1:59 PM IST

ओटावा: कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने अपने पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा. अपने कार्यकाल के दौरान की उपलब्धियों पर उन्होंने गर्व किया लेकिन एक बात का मलाल रह गया. जस्टिन ट्रूडो ने अपनी उपलब्धियों के साथ अफसोस भी जताया. उन्होंने कहा कि वह चुनाव की प्रक्रिया बेहतर बनाना चाहते थे.

जस्टिन ट्रूडो करीब एक दशक तक कनाडा के प्रधानमंत्री के पद पर रहे. ट्रूडो सोमवार को अपने इस्तीफे का ऐलान किया. इस दौरान उन्होंने अफसोस जताया कि उन्हें चुनाव से पहले की पद छोड़ना पड़ा. उन्होंने भारी मन से कहा कि उन्हें इस बात का भी अफसोस है कि वह चुनाव प्रक्रिया में बदलाव नहीं ला सके. वह चाहते थे कि चुनाव के तरीके बदले जाए.

वह चाहते थे कि एक बैलट पेपर पर लोगों को दो से तीन विकल्पों को चुनने का मौका मिले. उन्होंने पार्टी के भीतर की लड़ाई को भी उजागर किया. ट्रूडो ने कहा कि पार्टी के कई नेताओं के बीच असंतोष है. ट्रूडो के इस्तीफे के बाद अब कनाडा का अगला पीएम कौन बनेगा इसे लेकर चर्चा तेज हो गई है. इसके साथ ही कनाडा का भारत के संबंधों को लेकर भी अटकलें लगाई जाने लगी है.

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी उनके इस्तीफे पर टिप्पणी करते हुए उन्हें अपने देश का गवर्नर बनने की बात कह दी. उनके इस्तीफे के बाद भारत में भी लोग जमकर प्रतिक्रिया दे रहे हैं. कनाडा में पिछले कुछ महीने में उनके खिलाफ माहौल तैयार हो गया था. उनके अपने दी दल के नता इस्तीफे की मांग को लेकर दबाव बनाने लगे और आखिरकार उन्हें इस्तीफा देना पड़ा.

इस घटनाक्रम में कनाडा के अगले पीएम को लेकर कई दावेदारों के नाम सामने आने लगे हैं. इसमें भारतीय मूल के नेता भी शामिल हैं. पिछले कुछ समय में कनाडा में कंजर्वेटिव पार्टी के पियरे पोलीवरे की लोकप्रियता बढ़ी है. पियरे आर्थिक, सामाजिक समेत कई मुद्दों पर ट्रूडो के कट्टर आलोचक रहे हैं.

ये भी पढ़ें- कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने इस्तीफा दिया, देश में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ने के संकेत! - JUSTIN TRUDEAU RESIGNS

ओटावा: कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने अपने पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा. अपने कार्यकाल के दौरान की उपलब्धियों पर उन्होंने गर्व किया लेकिन एक बात का मलाल रह गया. जस्टिन ट्रूडो ने अपनी उपलब्धियों के साथ अफसोस भी जताया. उन्होंने कहा कि वह चुनाव की प्रक्रिया बेहतर बनाना चाहते थे.

जस्टिन ट्रूडो करीब एक दशक तक कनाडा के प्रधानमंत्री के पद पर रहे. ट्रूडो सोमवार को अपने इस्तीफे का ऐलान किया. इस दौरान उन्होंने अफसोस जताया कि उन्हें चुनाव से पहले की पद छोड़ना पड़ा. उन्होंने भारी मन से कहा कि उन्हें इस बात का भी अफसोस है कि वह चुनाव प्रक्रिया में बदलाव नहीं ला सके. वह चाहते थे कि चुनाव के तरीके बदले जाए.

वह चाहते थे कि एक बैलट पेपर पर लोगों को दो से तीन विकल्पों को चुनने का मौका मिले. उन्होंने पार्टी के भीतर की लड़ाई को भी उजागर किया. ट्रूडो ने कहा कि पार्टी के कई नेताओं के बीच असंतोष है. ट्रूडो के इस्तीफे के बाद अब कनाडा का अगला पीएम कौन बनेगा इसे लेकर चर्चा तेज हो गई है. इसके साथ ही कनाडा का भारत के संबंधों को लेकर भी अटकलें लगाई जाने लगी है.

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी उनके इस्तीफे पर टिप्पणी करते हुए उन्हें अपने देश का गवर्नर बनने की बात कह दी. उनके इस्तीफे के बाद भारत में भी लोग जमकर प्रतिक्रिया दे रहे हैं. कनाडा में पिछले कुछ महीने में उनके खिलाफ माहौल तैयार हो गया था. उनके अपने दी दल के नता इस्तीफे की मांग को लेकर दबाव बनाने लगे और आखिरकार उन्हें इस्तीफा देना पड़ा.

इस घटनाक्रम में कनाडा के अगले पीएम को लेकर कई दावेदारों के नाम सामने आने लगे हैं. इसमें भारतीय मूल के नेता भी शामिल हैं. पिछले कुछ समय में कनाडा में कंजर्वेटिव पार्टी के पियरे पोलीवरे की लोकप्रियता बढ़ी है. पियरे आर्थिक, सामाजिक समेत कई मुद्दों पर ट्रूडो के कट्टर आलोचक रहे हैं.

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