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कोटा पानी-पानी : निचली बस्ती के सैकड़ों घर जलमग्न, लोगों के सामने खाने-पीने का संकट

चंबल नदी के कोटा बैराज से छोड़ा जा रहा पानी कोटा शहर की कई निचली बस्तियों में पहुंच गया है. हालात ऐसे हैं कि सैकड़ों घर जलमग्न हो गए है. इनमें से 1-1 मंजिल पानी डूब गया है. ऐसे में इन लोगों ने छतों पर जाकर शरण ली है और अपने सामानों को भी छतों पर शिफ्ट किया है. साथ ही खाने-पीने का संकट भी इन लोगों पर आ गया है.

kota slums near barrage, चंबल नदी कोटा बैराज
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Published : Sep 9, 2019, 9:01 PM IST

कोटा. चंबल नदी पर बने मध्य प्रदेश के गांधी सागर बांध से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है. इससे चंबल नदी में पानी की आवक हो रही है. लगातार पानी छोड़ने से कोटा बैराज से भी पानी की निकासी की जा रही है. जिससे नयापुरा, कुन्हाड़ी, बालिता व गावड़ी क्षेत्र की निचली बस्तियों में पानी भर गया है. हालात ऐसे हैं कि सैकड़ों घर पूरी तरह जलमग्न हो गए है. इनमें से एक-एक मंजिल के मकान पूरी तरह से पानी में डूब गए हैं.

कोटा बैराज से छोड़ा जा रहा पानी निचली बस्ती के सैकड़ों घरों में घुसा

जल संसाधन विभाग के कोटा बैराज अभियंता हरीश तिवाड़ी ने बताया कि चंबल नदी में लगातार पानी की आवक हो रही है. गांधी सागर बांध से भी पानी छोड़ा जा रहा है. ऐसे में कोटा बैराज से 340 फ़ीट गेट खोल कर 357000 क्यूसेक पानी कोटा बैराज से छोड़ा जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रशासन से पहले ही निचली बस्तियों में अलर्ट जारी करवा दिया था.

पढ़ेंः जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर सरकार ने ठीक किया : संघ

हालांकि बैराज से छोड़ा जा रहा पानी कई बस्तियों में घुस गया है. ऐसे में इन लोगों ने छतों पर जाकर शरण ली है और अपने सामानों को भी छतों पर शिफ्ट किया है. साथ ही खाने-पीने का संकट भी इन लोगों पर आ गया है. एक मंजिल डूब जाने के चलते उनके खाने-पीने और राशन का संकट पैदा हो गया है.

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बस्ती में रहने वाले लोगों ने आरोप लगाया कि प्रशासन के लोग उनके समस्या सुनने भी नहीं पहुंचे हैं. साथ ही उनके खाने पीने के लिए कोई इंतजाम नहीं किया है. केवल आस-पड़ोस के लोगों से ही जुगाड़ कर में खाने-पीने का इंतजाम कर रहे हैं. साथ ही लोगों ने यह भी कहा कि उन्होंने छत पर शरण ली हुई है और कोटा में बारिश होने के बाद उनकी और समस्या बढ़ जाएगी.

कोटा. चंबल नदी पर बने मध्य प्रदेश के गांधी सागर बांध से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है. इससे चंबल नदी में पानी की आवक हो रही है. लगातार पानी छोड़ने से कोटा बैराज से भी पानी की निकासी की जा रही है. जिससे नयापुरा, कुन्हाड़ी, बालिता व गावड़ी क्षेत्र की निचली बस्तियों में पानी भर गया है. हालात ऐसे हैं कि सैकड़ों घर पूरी तरह जलमग्न हो गए है. इनमें से एक-एक मंजिल के मकान पूरी तरह से पानी में डूब गए हैं.

कोटा बैराज से छोड़ा जा रहा पानी निचली बस्ती के सैकड़ों घरों में घुसा

जल संसाधन विभाग के कोटा बैराज अभियंता हरीश तिवाड़ी ने बताया कि चंबल नदी में लगातार पानी की आवक हो रही है. गांधी सागर बांध से भी पानी छोड़ा जा रहा है. ऐसे में कोटा बैराज से 340 फ़ीट गेट खोल कर 357000 क्यूसेक पानी कोटा बैराज से छोड़ा जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रशासन से पहले ही निचली बस्तियों में अलर्ट जारी करवा दिया था.

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हालांकि बैराज से छोड़ा जा रहा पानी कई बस्तियों में घुस गया है. ऐसे में इन लोगों ने छतों पर जाकर शरण ली है और अपने सामानों को भी छतों पर शिफ्ट किया है. साथ ही खाने-पीने का संकट भी इन लोगों पर आ गया है. एक मंजिल डूब जाने के चलते उनके खाने-पीने और राशन का संकट पैदा हो गया है.

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बस्ती में रहने वाले लोगों ने आरोप लगाया कि प्रशासन के लोग उनके समस्या सुनने भी नहीं पहुंचे हैं. साथ ही उनके खाने पीने के लिए कोई इंतजाम नहीं किया है. केवल आस-पड़ोस के लोगों से ही जुगाड़ कर में खाने-पीने का इंतजाम कर रहे हैं. साथ ही लोगों ने यह भी कहा कि उन्होंने छत पर शरण ली हुई है और कोटा में बारिश होने के बाद उनकी और समस्या बढ़ जाएगी.

Intro:वर्तमान में 357000 क्यूसेक पानी कोटा बैराज से छोड़ा जा रहा है. जिससे कोटा शहर की कई निचली बस्तियों में पानी भर गया है. हालात ऐसे हैं कि सैकड़ों घर जलमग्न हो गए है. इनमें से 1-1 मंजिल पानी डूब गया है. ऐसे में इन लोगों ने छतों पर जाकर शरण ली है और अपने सामानों को भी छतों पर शिफ्ट किया है. साथ ही खाने-पीने का संकट भी इन लोगों पर आ गया है.


Body:कोटा.
चंबल नदी पर बने सबसे बांध मध्य प्रदेश स्थित गांधी सागर में से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है. इससे चंबल नदी में पानी की आवक हो रही है. लगातार पानी छोड़ने से कोटा बैराज से भी पानी की निकासी की जा रही है. जिससे नयापुरा, कुन्हाड़ी, बालिता व गावड़ी क्षेत्र की निचली बस्तियों में पानी भर गया है. हालात ऐसे हैं कि सैकड़ों घर पूरी तरह जलमग्न हो गए है. इनमें से 1-1 मंजिल पानी डूब गया है.

जानकारी के अनुसार जल संसाधन विभाग के कोटा बैराज अभियंता हरीश तिवाड़ी ने बताया कि चंबल नदी में लगातार पानी की आवक हो रही है. गांधी सागर बांध से भी पानी छोड़ा जा रहा है. ऐसे में कोटा बैराज से 340 फ़ीट गेट खोल कर 357000 क्यूसेक पानी कोटा बैराज से छोड़ा जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रशासन से पहले ही निचली बस्तियों में अलर्ट जारी करवा दिया था.
हालांकि बैराज से छोड़ा जा रहा पानी कई बस्तियों में घुस गया है. ऐसे में इन लोगों ने छतों पर जाकर शरण ली है और अपने सामानों को भी छतों पर शिफ्ट किया है. साथ ही खाने-पीने का संकट भी इन लोगों पर आ गया है. एक मंजिल डूब जाने के चलते उनके खाने-पीने और राशन का संकट पैदा हो गया है.


Conclusion:इन लोगों ने आरोप लगाया कि प्रशासन के लोग उनके समस्या सुनने भी नहीं पहुंचे हैं. साथ ही उनके खाने पीने के लिए कोई इंतजाम नहीं किया है. केवल आस-पड़ोस के लोगों से ही जुगाड़ कर में खाने-पीने का इंतजाम कर रहे हैं. साथ ही लोगों ने यह भी कहा कि उन्होंने छत पर शरण ली हुई है और कोटा में बारिश होने के बाद उनकी और समस्या बढ़ जाएगी.

बाइट का क्रम
बाइट-- प्रह्लाद तेजी, स्थानीय निवासी
बाइट-- प्रदीप कुमार, स्थानीय युवक
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