कोटा. कोटा उत्तर नगर निगम की पहली बोर्ड बैठक आयोजित की गई. बोर्ड गठन के करीब दो महीने बाद नगर निगम बोर्ड की पहली बैठक में बीजेपी पार्षदों और बीजेपी समर्थित निर्दलीय पार्षदों ने संयुक्त रूप से बोर्ड बैठक की शुरूआत में नगर निगम प्रशासन पर सफाई कर्मचारियों के बंटवारे में भेदभाव का गंभीर आरोप लगाया है.
बीजेपी और बीजेपी समर्थित निर्दलीय पार्षदों ने निगम प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें कम संख्या में सफाई कर्मचारी दिए गए हैं. इस कारण वार्डों में गंदगी का आलम है. ऐसे में सभी 70 वार्डों में बिना भेदभाव किए बराबर-बराबर संख्या में सफाई कर्मचारी लगाए जाएं. इधर, बोर्ड बैठक में हंगामा देखकर महापौर मंजू मेहरा ने स्थिति को कंट्रोल करने की कोशिश की. वहीं कांग्रेस पार्षदों ने हंगामे को लेकर बीजेपी पार्षदों और बीजेपी समर्थित निर्दलीय पार्षदों से कहा कि यह बोर्ड की बैठक पार्षदों के परिचय के लेकर है. पार्षदों को किसी तरह की समस्या है तो वे लिखित में अपनी समस्या निगम प्रशासन को दें. बाद में मामला शांत हुआ.
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इधर, कोटा उत्तर नगर निगम की पहली बोर्ड की बैठक में कोरोना गाइड की पालना देखने को मिली. सभी पार्षदों को मास्क के साथ बैठक में प्रवेश दिया गया. साथ ही पार्षदों को सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए दूर-दूर बैठाया गया. बैठक की शुरूआत वंदे मातरम गान के साथ हुई. लेकिन इस बैठक में बीजेपी और बीजेपी समर्थित निर्दलीय पार्षदों ने अपने वार्ड में अपना परिचय देते हुए सफाई कर्मचारियों की जरूरत के मुताबिक कमी की समस्या बताई. इस पर महापौर मंजू मेहरा ने सभी के कार्य पूरे करने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि सभी पार्षदों के जितने भी कार्य हैं, उन्हें पूरे किए जाएंगे.