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Smart City का हथौड़ा: UIT कोटा की बड़ी कार्रवाई, 40 से ज्यादा मकान-दुकान जमींदोज

कोटा के नगर विकास न्यास (Urban Improvement Trust, Kota ) की सुबह सवेरे हुई कार्रवाई से सब हैरान हैं. लोग रविवार सुबह उठे, तो उन्हें स्मार्ट सिटी प्लान के तहत सरेंडर करने वालों के मकानों और दुकानों पर अतिक्रमण निरोधक दस्ते का प्रहार होते दिखा. 40 से ज्यादा मकान और दुकान धूल में मिलते दिखे.

Demolition
उजड़ गया आशियाना
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Published : Sep 5, 2021, 9:52 AM IST

Updated : Sep 5, 2021, 11:07 AM IST

कोटा: यूआईटी (Urban Improvement Trust, Kota ) ने रविवार सुबह लोगों की आंख खुलने से पहले ही अपना हथौड़ा चला दिया. ट्रस्ट ने अतिक्रमण निरोधक दस्ते के साथ गोबरिया बावड़ी में बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया. इसमें करीब 40 से ज्यादा मकानों को ध्वस्त कर दिया गया. किसी विरोध या अनहोनी की आशंका को देखते हुए करीब 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी और यूआईटी (UIT) के कार्मिक मौके पर पहुंचे. जिन्होंने गोबरिया बावड़ी चौराहे के नजदीक पहले से चिन्हित आबादी के मकानों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया.

Smart City का चला हथौड़ा

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नगर विकास न्यास की औचक कार्रवाई ने सबको हैरान कर दिया. लोग जैसे ही रविवार सुबह उठे उम्मीद से उलट उन्हें अतिक्रमण निरोधक दस्ते का प्रहार देखने को मिला. उन लोगों के ही मकान और दुकानों पर कार्रवाई की गई है, जिन्होंने सहमति से इन्हें सरेंडर कर दिया था.

कार्रवाई के दौरान ट्रस्ट और पुलिस प्रशासन का पूरा अमला मौके पर था. कोटा शहर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीण जैन, सभी डिप्टी एसपी, कई थानाधिकारी, नगर विकास न्यास के उप सचिव चंदन दुबे, मोहनलाल प्रतिहार, डिप्टी जसवीर मीणा और सीआई आशीष भार्गव मौजूद रहे. हालांकि पुलिस अधिकारियों के मुताबिक उन्हें किसी भी तरह के विरोध का सामना नहीं करना पड़ा.

क्यों हुई कार्रवाई?

आपको बता दें कि नगर विकास न्यास ने स्मार्ट सिटी के तहत 25 करोड़ रुपए की लागत से गोबरिया बावड़ी चौराहे पर अंडरपास और चौराहे का निर्माण करवाया है. इसके चलते चौराहा पहले से ज्यादा चौड़ा हो गया. ऐसे में पास के लेन निर्माण के लिए मकानों और दुकानों का अधिग्रहण की योजना बनाई गई. कई लोगों ने इसके लिए असहमति जताई तो कुछ ने सहमति. नगर विकास न्यास की रविवार सुबह की कार्रवाई केवल सहमति वाले लोगों की प्रॉपर्टी पर चली.

भारी मशीनरी पहुंची, बिजली सप्लाई बंद करा दी

नगर विकास न्यास के जाब्ते ने पहुंचते ही सबसे पहले एरिया की बिजली सप्लाई कटवा दी. साथ ही इस इलाके में आने वाले सभी रास्तों पर पुलिस बल तैनात कर बैरिकेडिंग लगा दी गई. कार्रवाई स्थल को पूरी तरह सील कर, रास्ता बंद कर दिया गया. इसके बाद ही मकानों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू की गई. जिन भी लोगों के मकान और दुकान तोड़ा गया. उन्हें पहले ही खाली करने के लिए नोटिस थमा दिया गया था. ऐसे में सभी मकान खाली थे. इन्हें बड़े-बड़े बुलडोजर के जरिए गिराया गया . करीब 40 से ज्यादा पक्के निर्माणों को इसमें ध्वस्त किया गया है.

30 फ़ीसदी अभी असहमत, मांग रहे मुआवजा राशि

गोबरिया बावड़ी व्यापार संघ के चेतन पांडे का कहना है कि इस पूरे इलाके के करीब 70 फीसदी लोगों ने अपने मकान और दुकान को देने के लिए सहमति जता दी थी. जबकि अभी भी 30 फीसदी लोग असहमत है. वे पुनर्वास योजना के तहत मिले मकान और दुकान के अलावा मुआवजा राशि की मांग भी कर रहे हैं. जो भी लोग सहमत हो गए हैं, उनको विश्वकर्मा सर्किल के नजदीक 10 गुणा 10 की दुकान दी गई है.

जिसमें कि उनसे एक लाख 30 हजार रुपए की राशि भी जमा करवाई है. इसी तरह से जिन लोगों के मकान तोड़े गए हैं और उन्होंने सहमति दे दी थी. उन्हें अजय अहूजा नगर ट्रक यूनियन के पीछे 16 गुना 30 का मकान दिया गया है. इसके लिए उन्हें दो लाख 32 हजार रुपए जमा करवाने होंगे.

कोटा: यूआईटी (Urban Improvement Trust, Kota ) ने रविवार सुबह लोगों की आंख खुलने से पहले ही अपना हथौड़ा चला दिया. ट्रस्ट ने अतिक्रमण निरोधक दस्ते के साथ गोबरिया बावड़ी में बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया. इसमें करीब 40 से ज्यादा मकानों को ध्वस्त कर दिया गया. किसी विरोध या अनहोनी की आशंका को देखते हुए करीब 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी और यूआईटी (UIT) के कार्मिक मौके पर पहुंचे. जिन्होंने गोबरिया बावड़ी चौराहे के नजदीक पहले से चिन्हित आबादी के मकानों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया.

Smart City का चला हथौड़ा

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नगर विकास न्यास की औचक कार्रवाई ने सबको हैरान कर दिया. लोग जैसे ही रविवार सुबह उठे उम्मीद से उलट उन्हें अतिक्रमण निरोधक दस्ते का प्रहार देखने को मिला. उन लोगों के ही मकान और दुकानों पर कार्रवाई की गई है, जिन्होंने सहमति से इन्हें सरेंडर कर दिया था.

कार्रवाई के दौरान ट्रस्ट और पुलिस प्रशासन का पूरा अमला मौके पर था. कोटा शहर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीण जैन, सभी डिप्टी एसपी, कई थानाधिकारी, नगर विकास न्यास के उप सचिव चंदन दुबे, मोहनलाल प्रतिहार, डिप्टी जसवीर मीणा और सीआई आशीष भार्गव मौजूद रहे. हालांकि पुलिस अधिकारियों के मुताबिक उन्हें किसी भी तरह के विरोध का सामना नहीं करना पड़ा.

क्यों हुई कार्रवाई?

आपको बता दें कि नगर विकास न्यास ने स्मार्ट सिटी के तहत 25 करोड़ रुपए की लागत से गोबरिया बावड़ी चौराहे पर अंडरपास और चौराहे का निर्माण करवाया है. इसके चलते चौराहा पहले से ज्यादा चौड़ा हो गया. ऐसे में पास के लेन निर्माण के लिए मकानों और दुकानों का अधिग्रहण की योजना बनाई गई. कई लोगों ने इसके लिए असहमति जताई तो कुछ ने सहमति. नगर विकास न्यास की रविवार सुबह की कार्रवाई केवल सहमति वाले लोगों की प्रॉपर्टी पर चली.

भारी मशीनरी पहुंची, बिजली सप्लाई बंद करा दी

नगर विकास न्यास के जाब्ते ने पहुंचते ही सबसे पहले एरिया की बिजली सप्लाई कटवा दी. साथ ही इस इलाके में आने वाले सभी रास्तों पर पुलिस बल तैनात कर बैरिकेडिंग लगा दी गई. कार्रवाई स्थल को पूरी तरह सील कर, रास्ता बंद कर दिया गया. इसके बाद ही मकानों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू की गई. जिन भी लोगों के मकान और दुकान तोड़ा गया. उन्हें पहले ही खाली करने के लिए नोटिस थमा दिया गया था. ऐसे में सभी मकान खाली थे. इन्हें बड़े-बड़े बुलडोजर के जरिए गिराया गया . करीब 40 से ज्यादा पक्के निर्माणों को इसमें ध्वस्त किया गया है.

30 फ़ीसदी अभी असहमत, मांग रहे मुआवजा राशि

गोबरिया बावड़ी व्यापार संघ के चेतन पांडे का कहना है कि इस पूरे इलाके के करीब 70 फीसदी लोगों ने अपने मकान और दुकान को देने के लिए सहमति जता दी थी. जबकि अभी भी 30 फीसदी लोग असहमत है. वे पुनर्वास योजना के तहत मिले मकान और दुकान के अलावा मुआवजा राशि की मांग भी कर रहे हैं. जो भी लोग सहमत हो गए हैं, उनको विश्वकर्मा सर्किल के नजदीक 10 गुणा 10 की दुकान दी गई है.

जिसमें कि उनसे एक लाख 30 हजार रुपए की राशि भी जमा करवाई है. इसी तरह से जिन लोगों के मकान तोड़े गए हैं और उन्होंने सहमति दे दी थी. उन्हें अजय अहूजा नगर ट्रक यूनियन के पीछे 16 गुना 30 का मकान दिया गया है. इसके लिए उन्हें दो लाख 32 हजार रुपए जमा करवाने होंगे.

Last Updated : Sep 5, 2021, 11:07 AM IST
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