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काली कमाई का ऐसा 'भूत' कि खुद के खर्चे पर गार्ड लगवाकर अवैध वसूली करवाता था परिवहन निरीक्षक - परिवहन निरीक्षक रिश्वत लेते गिरफ्तार

परिवहन विभाग ने निजी सुरक्षा गार्डों को नहीं लगाने के लिए साफ तौर पर निर्देश जारी किए हुए हैं. इसके लिए बाकायदा विभाग ने एक सर्कुलर भी जारी किया था. इसके बावजूद परिवहन निरीक्षक विक्रम सिंह गिल ने निजी सुरक्षा गार्ड लगाकर ट्रक चालकों से अवैध वसूली कर रहे थे, यह बात एसीबी के शिकंजे में आए परिवहन निरीक्षक से पूछताछ दौरान सामने आई है.

Kota ACB trap case, कोटा में एसीबी ट्रैप, कोटा में घूसखोरी मामला, परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार
Kota ACB trap case, कोटा में एसीबी ट्रैप, कोटा में घूसखोरी मामला, परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार
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Published : Jan 12, 2021, 10:44 AM IST

कोटा. झालावाड़ जिले में मध्य प्रदेश की सीमा के नजदीक तीन धार चौराहे के पहले ट्रक चालकों से अवैध वसूली के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कोटा ग्रामीण की टीम ने एसीबी कोर्ट में चालान पेश किया है. इस मामले में एसीबी ने अपनी जांच में 7 आरोपियों को दोषी माना है. जिनमें परिवहन निरीक्षक विक्रम सिंह गिल, संविदा कर्मी बृजराज सिंह और तेजकरण ही अवैध वसूली का नेटवर्क संचालित कर रहे थे.

उजागर हुआ अवैध वसूली का खेल

एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रेरणा शेखावत ने बताया कि परिवहन विभाग ने निजी सुरक्षा गार्डों को नहीं लगाने के लिए साफ तौर पर निर्देश जारी किए हुए हैं. इसके लिए बाकायदा विभाग ने एक सर्कुलर भी जारी किया था. इसके बावजूद परिवहन निरीक्षक विक्रम सिंह गिल ने निजी सुरक्षा गार्ड लगाकर ट्रक चालकों से अवैध वसूली कर रहे थे, यह उनकी जांच में सामने आया है.

थ ही उन्होंने बताया कि इस मामले में नागौर निवासी बनवारी ने 2017 फरवरी में सिटी चौकी में परिवाद दिया था. जिसमें रिश्वत के इस मामले का जिक्र किया था. साथ ही उसने जनवरी 2017 से अक्टूबर 2017 के बीच की पूरी रिकॉर्डिंग भी एसीबी को उपलब्ध करवाई थी. जिसमें 500 रुपए लेकर ही ट्रक को जाने दिया जाता था. इसके बाद एसीबी ने कार्रवाई करते हुए 4 सुरक्षा गार्डों को अक्टूबर 2017 में रिश्वत लेते हुए ट्रैप कर लिया था.

पढ़ेंः डकैती की साजिश रचते धरे गए 6 शातिर बदमाश, कब्जे से लग्जरी कार और मिर्ची पाउडर बरामद

इस मामले में चारों सुरक्षा गार्ड आरटीओ के अधिकारियों ने वसूली के लिए लगा रखे थे. कार्रवाई के बाद इस मामले की जांच एसीबी ग्रामीण को सौंप दी गई थी. इसके जांच में सामने आया है कि परिवहन निरीक्षक विक्रम सिंह गिल, संविदा कार्मिक बृजराज और तेजकरण भी दोषी है. उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था. जिसके बाद आज आरोप पत्र दाखिल किया है.

कोटा. झालावाड़ जिले में मध्य प्रदेश की सीमा के नजदीक तीन धार चौराहे के पहले ट्रक चालकों से अवैध वसूली के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कोटा ग्रामीण की टीम ने एसीबी कोर्ट में चालान पेश किया है. इस मामले में एसीबी ने अपनी जांच में 7 आरोपियों को दोषी माना है. जिनमें परिवहन निरीक्षक विक्रम सिंह गिल, संविदा कर्मी बृजराज सिंह और तेजकरण ही अवैध वसूली का नेटवर्क संचालित कर रहे थे.

उजागर हुआ अवैध वसूली का खेल

एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रेरणा शेखावत ने बताया कि परिवहन विभाग ने निजी सुरक्षा गार्डों को नहीं लगाने के लिए साफ तौर पर निर्देश जारी किए हुए हैं. इसके लिए बाकायदा विभाग ने एक सर्कुलर भी जारी किया था. इसके बावजूद परिवहन निरीक्षक विक्रम सिंह गिल ने निजी सुरक्षा गार्ड लगाकर ट्रक चालकों से अवैध वसूली कर रहे थे, यह उनकी जांच में सामने आया है.

थ ही उन्होंने बताया कि इस मामले में नागौर निवासी बनवारी ने 2017 फरवरी में सिटी चौकी में परिवाद दिया था. जिसमें रिश्वत के इस मामले का जिक्र किया था. साथ ही उसने जनवरी 2017 से अक्टूबर 2017 के बीच की पूरी रिकॉर्डिंग भी एसीबी को उपलब्ध करवाई थी. जिसमें 500 रुपए लेकर ही ट्रक को जाने दिया जाता था. इसके बाद एसीबी ने कार्रवाई करते हुए 4 सुरक्षा गार्डों को अक्टूबर 2017 में रिश्वत लेते हुए ट्रैप कर लिया था.

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इस मामले में चारों सुरक्षा गार्ड आरटीओ के अधिकारियों ने वसूली के लिए लगा रखे थे. कार्रवाई के बाद इस मामले की जांच एसीबी ग्रामीण को सौंप दी गई थी. इसके जांच में सामने आया है कि परिवहन निरीक्षक विक्रम सिंह गिल, संविदा कार्मिक बृजराज और तेजकरण भी दोषी है. उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था. जिसके बाद आज आरोप पत्र दाखिल किया है.

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