कोटा. कोविड-19 की वजह से असमय ही लोगों की मृत्यु हो रही है. यहां तक कि एक घर में 1 से ज्यादा लोगों की मौत भी इस महामारी के चलते हुई है. आवागमन के साधन भी बंद हैं. इसके चलते अस्थि विसर्जन के लिए अधिकांश लोग हरिद्वार नहीं जा पा रहे हैं. ऐसे में जो मुक्तिधामों पर अस्थि रखने के लिए लॉकर होते हैं. वह पहले ही फुल हो गए थे. इसके अलावा वहां पर पीते और प्लास्टिक की बाल्टियों में भी अस्थियां रखी जा रही थी.
लगातार अस्थियों की संख्या बढ़ने के साथ ही करीब 500 अस्थियों को विसर्जन का इंतजार कर रही हैं. यह अस्थियां किशोरपुरा मुक्तिधाम व अन्य शहर के मुक्तिधाम पर ही रखी हुई हैं. जिनको कपड़े की थैली में भी रखा गया है. इस समस्या के चलते कोटा नगर निगम दक्षिण के 3 पार्षदों ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से बातचीत की और उनकी पहल पर ही अस्थि संग्रहण केंद्र शुरू किया गया है. जिसकी महावीर नगर द्वितीय स्थित गुरुनानक सामुदायिक भवन पर शुरू किया गया है.
जहां पर लॉकर वाली अलमारियों को रखा गया है. भाजपा पार्षद विवेक राजवंशी का कहना है कि लोगों को लगातार परेशानी आ रही थी. इसे देखते हुए उन्होंने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की पहल पर अस्थि बैंक की स्थापना की. शहर भर के सभी मुक्तिधाम से जो भी व्यक्ति यहां पर अपने परिजन की अस्थियां रखना चाहता है, वह आ सकता है. उनको मोबाइल नंबर पर अस्थियां रखने के पहले डिटेल व्हाट्सएप करनी होगी. केवल मोबाइल नंबर और अन्य जानकारियां देने के बाद वह यहां पर अस्थियां रखकर जा सकता है.
भाजपा पार्षद गोपालराम मंडा कहना है कि अस्थि संग्रहण केंद्र की पूरी मॉनिटरिंग कैमरों के जरिए की जा रही है. ताकि किसी की अस्थियों के साथ छेड़छाड़ नहीं हो. इसके अलावा जो व्यक्ति यहां पर अस्थियों रखने आएगा वह या तो अपना ताला ला सकता है या फिर उसे केंद्र पर से ही ताला उपलब्ध करा दिया जाएगा. इस मुहिम में उनके साथ निर्दलीय पार्षद भानु प्रताप गौड़ भी शामिल हैं. साथ ही इन लोगों का कहना है कि अस्थियों का संचय सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक किया जाएगा.
इस समय के बीच कोई भी व्यक्ति आ सकता है. उसे किसी तरह की कोई कागजी खानापूर्ति नहीं करनी होगी. इस केंद्र की क्षमता वर्तमान में 250 अस्थियां रखने की है, लेकिन इसे बढ़ाकर 5000 तक किया जा सकता है. पार्षद भानु प्रताप गौड़ का यह भी कहना है कि अस्थियों को कहीं बाहर नहीं रखा जा सकता है. ऐसे में उनके चोरी होने का डर रहता है. साथ ही गांव में तो इसे पेड़ पर बांध दिया जाता है, लेकिन शहरों में यह समस्या आती है. अस्थि संचय के लिए 8118861992 और 6376906823 नम्बरों पर सम्पर्क किया जा सकता है.