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SPECIAL: पटाखे बैन हैं तो क्या, कोटा में बन रही पटाखा मिठाई..सुतली बम से लेकर अनार, चकरी तक तैयार

सरकार ने पटाखों पर बैन लगा दिया है, सिर्फ ग्रीन पटाखे चलाने की छूट दी गई है. कोटा में मिठाई बनाने वाले कारीगरों ने मिठाई को ही पटाखों की शेप दे दी है. यह पटाखा मिठाई 2 दर्जन से भी ज्यादा वैरायटी में उपलब्ध है. इसमें सनफ्लावर, चकरी, सुतली बम, अनार, छोटा पटाखा, मिर्ची पटाखा लड़, माचिस, दीपक, काजू बोट, व ड्राई फूड आइसक्रीम शामिल हैं. ये मिठाइयां काफी महंगी हैं. अधिकांश मिठाई ड्राय फ्रूट से बन रही है.

कोटा की पटाखा शेप मिठाई
कोटा की पटाखा शेप मिठाई
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Published : Nov 1, 2021, 3:48 PM IST

Updated : Nov 1, 2021, 10:52 PM IST

कोटा. सरकार ने दिवाली पर केवल ग्रीन पटाखे जलाने पर ही छूट दी है. लेकिन कोटा के मिठाई व्यवसायी ने पटाखों के आकार की मिठाई बनाकर पटाखों की कमी पूर्ति करने की कोशिश की है. हर साल दिवाली के अवसर पर ये व्यवसायी लाखों रुपए की फैंसी मिठाइयां बना कर बेचते हैं.

कोटा के मिठाई व्यवसायी ने इस बार कुछ अलग करने के लिए अपने कारीगरों की मदद से पटाखों के आकार की मिठाइयां बनाई हैं. इन मिठाइयों को खासा पसंद किया जा रहा है. हालांकि इनके दाम ऊंचे हैं. 1 किलो पटाखा मिठाई का दाम 1200 रुपये से शुरू होता है. अधिकांश मिठाई ड्राय फ्रूट की ही बन रही हैं. मिठाई व्यवसायी केवल आर्डर पर ही ये मिठाइयां उपलब्ध करवा रहे हैं.

कोटा में पटाखा मिठाई

कोटा के पटाखा मिठाई विक्रेता सचिन माहेश्वरी ने बताया कि पटाखा मिठाई 2 दर्जन से भी ज्यादा वैरायटी में उपलब्ध है. ये फैंसी मिठाई हैं. इसमें सनफ्लावर, चकरी, सुतली बम, अनार, छोटा पटाखा, मिर्ची पटाखा लड़, माचिस, दीपक, काजू बोट व ड्राई फूड आइसक्रीम शामिल हैं.

पटाखे बैन, तो बना दी पटाखा मिठाई

सचिन माहेश्वरी का कहना है कि हर साल वे कुछ नया प्रयोग करते हैं. इस बार पटाखों पर बैन लगा तो सोचा कि क्यूं न पटाखा मिठाई ही बनाई जाए. लोग पटाखे चला नहीं सकते तो क्या, पटाखे खा तो सकते हैं. यह सोचकर उन्होंने पटाखा मिठाई बनाई. बकौल सचिन इस प्रयोग में वे काफी हद तक सफल रहे हैं.

कोटा की पटाखा शेप मिठाई
सुतली बम शेप मिठाई

पढ़ें- SPECIAL : कलाकंद के शहर अलवर को बदनाम कर रही मिलावटखोरी..परंपरागत हलवाई भी परेशान

शुगर फ्री है पटाखा मिठाई, कलर-एसेंस भी नहीं

पटाखा मिठाई को लेकर संदेह पैदा होता है कि इसमें हानिकारक कलर या एसेंस होंगे. लेकिन मिठाई विक्रेता इसे खारिज करते हैं. सचिन का कहना है कि पटाखा मिठाई शुगर फ्री है और हाईजेनिक तरीके से बनाई गई है. इसमें किसी भी तरह के केमिकल, कलर या एसेंस नहीं डाले गए हैं. यह फैंसी मिठाई को बनाने के लिए पिस्ता, ड्राई फ्रूट और केसर का उपयोग किया है. साथ ही मिठाई बनाने में शहद का इस्तेमाल किया है. वे आश्वस्त करते हुए कहते हैं कि इस मिठाई के लिए खास पश्चिम बंगाल के कारीगर हैं जो पूरी शुद्धता से यह काम कर रहे हैं.

कोटा की पटाखा शेप मिठाई
पटाखा मिठाई

सैम्पल पर तैयार होता है ऑर्डर

पटाखा मिठाई तैयार करवा रही एक फर्म के प्रतिनिधि पुनीत जैन का कहना है कि वे यह मिठाई 1200 रुपए प्रति किलो के आसपास सप्लाई कर रहे हैं. पटाखा मिठाई के सैंपल तैयार किये गये हैं. ग्राहक को सैंपल पसंद आते हैं तो वे डिमांड करते हैं या ऑर्डर देते हैं तभी मिठाई तैयार की जाती है. मिठाई पसंद आने पर वे चंद घंटों में ही ऑर्डर तैयार कर देते हैं. पुनीत का कहना है पुराने कस्टमर हर साल इस तरह की मिठाई तैयार करवाते हैं.

ट्रेंड बदलने के लिए बना रहे ऐसी मिठाई

मिठाई बनाने वाले कारीगर कोलकाता निवासी आकाश का कहना है कि देश के अलग-अलग हिस्से में अलग-अलग तरह की मिठाई प्रसिद्ध है. लेकिन राजस्थान में मिठाइयों में एक जैसा ही ट्रेंड बना हुआ है. हम मिठाइयों को मॉडिफाई करके फैंसी बनाते हैं. उनकी टीम इस काम में माहिर है. सभी ने मिलकर नए डिजाइन की कई फैंसी ड्राई फ्रूट स्वीट्स तैयार की हैं. इसमें मिल्क केक के अलावा ड्राई फ्रूट मिल्ककेक और फैंसी मैंगो रोल व मैंगो बॉल भी शामिल है.

बच्चों को पसंद आ रही पटाखा मिठाई

इंद्रविहार निवासी रमेश जैन मिठाई लेने के लिए पहुंचे थे. पटाखा मिठाई देखकर उन्हें सुखद हैरानी हुई. इसके बाद वे बच्चों के लिए मिठाई लेकर गए हैं. जैन का कहना है कि इस तरह की मिठाई को देखकर बच्चे भी काफी खुश हुए हैं. अलग-अलग तरह के रंग बिरंगी आतिशबाजी की तरह की यह मिठाई बच्चों को पसंद आ रही है. साथ ही उन्होंने जब अपने पड़ोस में रहने वाले केबी शर्मा को भी बताया और मिठाई के फोटो दिखाए तो उन्हें भी अचरज हुआ. अब वे भी इस तरह की मिठाई को लेने के लिए जाने की बात कह रहे हैं.

कोटा की पटाखा शेप मिठाई
दीपक मिठाई

चलाने की नहीं, खाने की आतिशबाजी

बूंदी से भी मिठाई खरीदने के लिए कोटा पहुंचे विनोद न्याति का कहना है कि पहली बार ही उन्होंने इस तरह की मिठाई देखी है. आतिशबाजी चलाने की अलग होती है, लेकिन यह खाने की आतिशबाजी है. ऐसे में उन्होंने भी मिठाई खरीदी है. ताकि बच्चे इसे देखकर खुश हो सकें. उन्होंने कहा कि बच्चे पटाखों से खुश होते हैं, जाहिर है कि वे पटाखा मिठाई से भी खुश होंगे.

साथ ही व्यवसायी सचिन माहेश्वरी का भी कहना है कि सैकड़ों की संख्या में ऑर्डर पटाखा मिठाई के मिले हैं. हालांकि इस मिठाई को वे तैयार करके नहीं रखते हैं, लेकिन जैसे ही उन्हें आर्डर मिल रहे हैं, वे मिठाई तैयार कराकर लोगों तक पहुंचा रहे हैं.

कोटा. सरकार ने दिवाली पर केवल ग्रीन पटाखे जलाने पर ही छूट दी है. लेकिन कोटा के मिठाई व्यवसायी ने पटाखों के आकार की मिठाई बनाकर पटाखों की कमी पूर्ति करने की कोशिश की है. हर साल दिवाली के अवसर पर ये व्यवसायी लाखों रुपए की फैंसी मिठाइयां बना कर बेचते हैं.

कोटा के मिठाई व्यवसायी ने इस बार कुछ अलग करने के लिए अपने कारीगरों की मदद से पटाखों के आकार की मिठाइयां बनाई हैं. इन मिठाइयों को खासा पसंद किया जा रहा है. हालांकि इनके दाम ऊंचे हैं. 1 किलो पटाखा मिठाई का दाम 1200 रुपये से शुरू होता है. अधिकांश मिठाई ड्राय फ्रूट की ही बन रही हैं. मिठाई व्यवसायी केवल आर्डर पर ही ये मिठाइयां उपलब्ध करवा रहे हैं.

कोटा में पटाखा मिठाई

कोटा के पटाखा मिठाई विक्रेता सचिन माहेश्वरी ने बताया कि पटाखा मिठाई 2 दर्जन से भी ज्यादा वैरायटी में उपलब्ध है. ये फैंसी मिठाई हैं. इसमें सनफ्लावर, चकरी, सुतली बम, अनार, छोटा पटाखा, मिर्ची पटाखा लड़, माचिस, दीपक, काजू बोट व ड्राई फूड आइसक्रीम शामिल हैं.

पटाखे बैन, तो बना दी पटाखा मिठाई

सचिन माहेश्वरी का कहना है कि हर साल वे कुछ नया प्रयोग करते हैं. इस बार पटाखों पर बैन लगा तो सोचा कि क्यूं न पटाखा मिठाई ही बनाई जाए. लोग पटाखे चला नहीं सकते तो क्या, पटाखे खा तो सकते हैं. यह सोचकर उन्होंने पटाखा मिठाई बनाई. बकौल सचिन इस प्रयोग में वे काफी हद तक सफल रहे हैं.

कोटा की पटाखा शेप मिठाई
सुतली बम शेप मिठाई

पढ़ें- SPECIAL : कलाकंद के शहर अलवर को बदनाम कर रही मिलावटखोरी..परंपरागत हलवाई भी परेशान

शुगर फ्री है पटाखा मिठाई, कलर-एसेंस भी नहीं

पटाखा मिठाई को लेकर संदेह पैदा होता है कि इसमें हानिकारक कलर या एसेंस होंगे. लेकिन मिठाई विक्रेता इसे खारिज करते हैं. सचिन का कहना है कि पटाखा मिठाई शुगर फ्री है और हाईजेनिक तरीके से बनाई गई है. इसमें किसी भी तरह के केमिकल, कलर या एसेंस नहीं डाले गए हैं. यह फैंसी मिठाई को बनाने के लिए पिस्ता, ड्राई फ्रूट और केसर का उपयोग किया है. साथ ही मिठाई बनाने में शहद का इस्तेमाल किया है. वे आश्वस्त करते हुए कहते हैं कि इस मिठाई के लिए खास पश्चिम बंगाल के कारीगर हैं जो पूरी शुद्धता से यह काम कर रहे हैं.

कोटा की पटाखा शेप मिठाई
पटाखा मिठाई

सैम्पल पर तैयार होता है ऑर्डर

पटाखा मिठाई तैयार करवा रही एक फर्म के प्रतिनिधि पुनीत जैन का कहना है कि वे यह मिठाई 1200 रुपए प्रति किलो के आसपास सप्लाई कर रहे हैं. पटाखा मिठाई के सैंपल तैयार किये गये हैं. ग्राहक को सैंपल पसंद आते हैं तो वे डिमांड करते हैं या ऑर्डर देते हैं तभी मिठाई तैयार की जाती है. मिठाई पसंद आने पर वे चंद घंटों में ही ऑर्डर तैयार कर देते हैं. पुनीत का कहना है पुराने कस्टमर हर साल इस तरह की मिठाई तैयार करवाते हैं.

ट्रेंड बदलने के लिए बना रहे ऐसी मिठाई

मिठाई बनाने वाले कारीगर कोलकाता निवासी आकाश का कहना है कि देश के अलग-अलग हिस्से में अलग-अलग तरह की मिठाई प्रसिद्ध है. लेकिन राजस्थान में मिठाइयों में एक जैसा ही ट्रेंड बना हुआ है. हम मिठाइयों को मॉडिफाई करके फैंसी बनाते हैं. उनकी टीम इस काम में माहिर है. सभी ने मिलकर नए डिजाइन की कई फैंसी ड्राई फ्रूट स्वीट्स तैयार की हैं. इसमें मिल्क केक के अलावा ड्राई फ्रूट मिल्ककेक और फैंसी मैंगो रोल व मैंगो बॉल भी शामिल है.

बच्चों को पसंद आ रही पटाखा मिठाई

इंद्रविहार निवासी रमेश जैन मिठाई लेने के लिए पहुंचे थे. पटाखा मिठाई देखकर उन्हें सुखद हैरानी हुई. इसके बाद वे बच्चों के लिए मिठाई लेकर गए हैं. जैन का कहना है कि इस तरह की मिठाई को देखकर बच्चे भी काफी खुश हुए हैं. अलग-अलग तरह के रंग बिरंगी आतिशबाजी की तरह की यह मिठाई बच्चों को पसंद आ रही है. साथ ही उन्होंने जब अपने पड़ोस में रहने वाले केबी शर्मा को भी बताया और मिठाई के फोटो दिखाए तो उन्हें भी अचरज हुआ. अब वे भी इस तरह की मिठाई को लेने के लिए जाने की बात कह रहे हैं.

कोटा की पटाखा शेप मिठाई
दीपक मिठाई

चलाने की नहीं, खाने की आतिशबाजी

बूंदी से भी मिठाई खरीदने के लिए कोटा पहुंचे विनोद न्याति का कहना है कि पहली बार ही उन्होंने इस तरह की मिठाई देखी है. आतिशबाजी चलाने की अलग होती है, लेकिन यह खाने की आतिशबाजी है. ऐसे में उन्होंने भी मिठाई खरीदी है. ताकि बच्चे इसे देखकर खुश हो सकें. उन्होंने कहा कि बच्चे पटाखों से खुश होते हैं, जाहिर है कि वे पटाखा मिठाई से भी खुश होंगे.

साथ ही व्यवसायी सचिन माहेश्वरी का भी कहना है कि सैकड़ों की संख्या में ऑर्डर पटाखा मिठाई के मिले हैं. हालांकि इस मिठाई को वे तैयार करके नहीं रखते हैं, लेकिन जैसे ही उन्हें आर्डर मिल रहे हैं, वे मिठाई तैयार कराकर लोगों तक पहुंचा रहे हैं.

Last Updated : Nov 1, 2021, 10:52 PM IST
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