कोटा. अफीम तस्करों के साथ सांठगांठ कर नेक्सेस चलाने का मुख्य अभियुक्त चित्तौड़गढ़ नारकोटिक्स ब्यूरो अधीक्षक सुधीर यादव ने आज अचानक कोटा एसीबी के ऑफिस पहुंच कर सरेंडर कर दिया. यादव घूसखोरी के मामले में 4 माह से फरार चल रहे थे.
कोटा एसीबी एडिशनल एसपी ठाकुर चंद्रशील कुमार ने बताया कि मंगलवार दोपहर बाद अचानक सुधीर यादव ऑफिस पहुंचा और बोला कि मुझे गिरफ्तार कर लो. इस फरारी अवधि में आरोपी अधीक्षक सुधीर यादव राजस्थान और हरियाणा में कई जगह छुपा है. नारकोटिक्स ब्यूरो ने उसे निलंबित कर दिया था और निलंबित काल के दौरान उसे नीमच में उपस्थिति देनी थी. ऐसे में वह एक दो दिन पहले ही नीमच में भी उपस्थिति देकर आया है.
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एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ठाकुर चंद्रशील कुमार ने बताया कि जिस समय चित्तौड़गढ़ नारकोटिक्स ब्यूरो कार्यालय में यादव अधीक्षक के पद पर तैनात था, उस समय एसीबी को शिकायत मिली थी कि अफीम किसानों को अफीम के पट्टों से लेकर अफीम तुलाई, अप्रूटिंग में भारी घालमेल किया जा रहा है. अफीम के रिकॉर्ड में हेराफेरी करके तस्करों के जरिए अफीम को बाहर बाजार में बेचा जा रहा है. जिसमे नारकोटिक्स ब्यूरो के कई अधिकारी शामिल है. यह अधिकारी डोडा चूरा को नष्ट नहीं कर पाते थे और उसे तस्करी के लिए भेज दिया जाता था.
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जिस पर अधिकरियों और अफीम दलालों के नम्बर सर्विलांस पर रखे गए थे, जिसमें एसीबी को कई चौकाने वाली बातें सामने आई थी. जिस पर जाल बिछाते हुए कोटा एसीबी ने दलाल दलाल छगन जाट, नारकोटिक्स ब्यूरो हवलदार प्रवीण सिंह और भानुप्रताप को पूर्व में गिरफ्तार कर लिया था. अब 4 माह से मुख्य अभियुक्त सुधीर यादव फरार चल रहा था. पिछले 4 माह से एसीबी लगातार यादव की तलाश में जुटी हुई थी. जिसने आज कोटा एसीबी ऑफिस में सरेंडर कर दिया. आरोपी यादव को बुधवार के दिन उदयपुर कोर्ट में पेश किया जाएगा.