कोटा. राज्य सरकार ने प्रदेश के स्कूल और कोचिंग संस्थानों को 18 जनवरी से खोलने के आदेश दे दिए हैं. इसके बाद बुधवार को कोटा में जमकर ढोल नगाड़े बजे. छात्रों और हॉस्टल संचालकों ने जमकर आतिशबाजी की और कोचिंग खुलने की खुशियां मनाई. बीते 10 महीनों से कोरोना के चलते कोचिंग संस्थान बंद हैं. छात्र-छात्राओं सहित बड़ी संख्या में हॉस्टल संचालक और कोचिंग संस्थानों में काम करने वाले लोगों ने भी सरकार के निर्णय पर खुशी जताई और जमकर जश्न मनाया.
कोचिंग करने वाले छात्रों ने कहा कि वो ऑफलाइन कोचिंग का इंतजार कर रहे थे. क्योंकि ऑनलाइन कोचिंग में उन्हें चीजों को समझने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. छात्रों ने कहा कि ऑफलाइन क्लासेज से उनको काफी फायदा मिलेगा. ऑफलाइन क्लासेज में वो टीचर से सॉल्यूशन हाथों-हाथ पता कर सकेंगे. जबकि ऑनलाइन में उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था.
पढ़ें: weather update : राजधानी में छाया घना कोहरा, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
पश्चिम बंगाल से कोटा में कोचिंग करने आए एक स्टूडेंट ने कहा कि घर पर पढ़ाई का माहौल नहीं बन रहा था, लेकिन अब सरकार ने कोचिंग खोलने की अनुमति दे दी है तो उनकी पढ़ाई फिर से शुरू हो जाएगी और वो अपने डाउट्स तुरंत क्लासरूम में क्लीयर कर लेंगे. छात्रों का कहना है कि मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश के लिए कोटा सबसे मुफीद जगह है. यहां पर जो फैकल्टी पढ़ाती है, उससे काफी फायदा मिलता है. साथ ही यहां कंपटीशन और पढ़ाई का भी माहौल रहता है.
हॉस्टल संचालकों ने भी कोचिंग खुलने के फैसले पर खुशी जताई. उन्होंने कहा कि पिछले 10 महीने से उनका कारोबार ठप पड़ा था. क्योंकि कोचिंग बंद होने से सभी छात्र अपने घरों को लौट गए अब वो वापस कोटा लौटेंगे. हॉस्टल संचालकों ने कहा कि वो कोरोना में बच्चों की पूरी तरह से केयर करेंगे. हॉस्टल संचालकों और छात्रों ने सरकार का धन्यवाद दिया. बता दें कि कोटा में कोरोना के बाद कोचिंग बंद होने से 50 हजार छात्र घर चले गए थे.