रामगंजमंडी (कोटा). कोटा के रामगंजमंडी में लगभग 15 करोड़ की लागत से तैयार हुआ स्पाइस पार्क युवाओं को उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सका. 18 कंपनियों के आने के दावों के बीच की बातें अब निस्तेज हैं. धनिया और लहसुन के बूते प्रोसेसिंग यूनिट को खींच लेने और क्षेत्र के विकास को पंख लगाने के सपने अभी भी फिलहाल धुंधले ही हैं. वजह है की यूनिट के आवेदन तो पूरे आए लेकिन सरकार व प्रशासन ने स्पाइस पार्क को आवंटित भूमि का कुछ हिस्सा उपलब्ध नहीं करवाया. इसलिए आवेदक कंपनियों ने यहां आने में कोई रुचि नहीं दिखाई.
दरअसल, क्षेत्र में सितंबर, 2010 में निमाणा के समीप स्पाइस पार्क की स्वीकृत किया गया था. पार्क के लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को 12.14 हेक्टेयर भूमि ग्राम पंचायत पिपाखेड़ी के निमाणा गांव समीप आवंटित की थी. यहां पर करीब 15 करोड़ की लागत से स्पाइस पार्क को डिवेलप किया गया. इस पार्क में एक्सपोर्टर्स को आवंटित करने के लिए कुल 18 भूखंड भी किए गए हैं. जानकारों के मुताबिक अगर सभी यूनिट स्पाइस पार्क में शुरू होते हैं तो लगभग ढाई से 3 हजार बेरोजगारों को यहां रोजगार मिल सकता है.
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रामगंजमंडी स्पाइस पार्क
- 15 करोड़ की लागत से बना है स्पाइइ पार्क
- 12.14 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैली है पार्क की भूमि
- 18 निर्यातक कंपनियों को लगानी है स्पाइसेस पार्क में यूनिट
- अभी तक एक यूनिट ही पार्क में है संचालित
- लगभग 2500 बेरोजगारों को मिलेगा स्पाइस पार्क से रोजगार
आपको बता दें कि निमाणा मार्ग स्थित तत्कालीन केंद्रीय उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने रामगंजमंडी में स्पाइस पार्क की घोषणा कर बजट का आवंटन किया था. मई 2010 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्पाइसेस पार्क का शिलान्यास किया था. वहीं 2016 में लगभग यह पार्क बनकर तैयार हो गया था. जिसका उद्घाटन 20 फरवरी 2018 को तत्कालीन केन्दीय वाणिज्य उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु द्वारा किया गया था. 18 कंपनियों के स्पाइस पार्क प्रशासन की तरफ से गोदाम प्रोसेसिंग यूनिट कार्यालय संचालन के लिए भवन ऑफिस बैंक के लिए करीब 15 करोड़ खर्च हुए.
जून 2017 में केंद्र सरकार ने एक यूनिट संचालन का जिम्मा लिया और केरल की मसाला निर्यात कंपनी ईस्टर्न कॅन्टोमेंट प्राइवेट लिमिटेड की यूनिट लगवाई. कंपनी ने 100 से 120 बेरोजगारों को रोजगार से जोड़ दिया. बस इसके बाद से ही बेरोजगार अन्य कंपनियों के आने की बांट जोह रहे हैं. मसाला बोर्ड द्वारा नियम अनुसार पार्क में संचालित होने वाली यूनिट के लिए 30 साल का लीज एग्रीमेंट किया जाता है. निर्यातक कंपनी के नाम की भूखंड रजिस्ट्री करवाई जाती है.
युवाओं ने बताया कि अगर क्षेत्र का स्पाइस पार्क में जल्द ही नई यूनिट शुरू होती है तो यहां कई बेरोजगारों को रोजगार मिलने के आसार हैं. वहीं सरकार को इस पर संज्ञान लेते हुए जल्दी इसको शुरू किया जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने बताया कि क्षेत्र में कई बेरोजगार रोजगार को तलाश में यहां से पलायन कर चुके हैं. अगर रोजगार नहीं खुला तो कहीं परिवार अपने रोजगार के लिए दूसरे देश में जाने को मजबूर हो जाएंगे.
वहीं निर्यात संवर्धन अधिकारी स्पाइसेस पार्क ने बताया कि स्पाईस पार्क की जो सीमाव्रती एरिया पड़ता है. जो जमीन प्रशासन द्वारा दी गई है वह कम है. जिसकी वजह से नई कंपनी का अभी अलॉटमेंट नहीं हो पा रहा है. क्योकि वह जमीन उनको कम पड़ रही है. एसडीएम कार्यालय में अप्रोच किया है. वहीं आश्वासन दिया है जांच पड़ताल करके जो जमीन होगी उपलब्ध करवा दी जाएगी. वही सीपीडब्ल्यूडी को बाउंड्रीवॉल कार्य स्वीकृति मिल जाएगी तो निर्माणकर जल्दी ही बाउंड्रीवाल बना देंगे. तभी सभी कंपनी को सूचना देंगे तभी कंपनियां यहां आ पाएगी.
पूरे मामले में उपखण्ड अधिकारी रामगंजमंडी चिमनलाल मीणा ने बताया कि जमीन का सीमाज्ञान के लिये तहसीलदार को अवगत करवाया जा चुका है. जल्द ही सीमाज्ञान करवा कर जमीन को पार्क को दे दी जाएगी और जल्द ही यहां नई कंपनीयों की यूनिट आ जायेगी तो कई बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा.