कोटा. शहर में बीते 2 सालों में करीब डेढ़ दर्जन लोग मवेशियों की चपेट में आने से हादसों का शिकार होकर मौत के मुंह में समा चुके हैं. अब नगर विकास न्यास ने कोटा से पशु बाड़ों को हटाने और सड़कों पर आवारा जानवर नजर नहीं आए, इसके लिए तैयारी कर रहा है. शहर के बाहर करीब 15 किलोमीटर दूर बंधा धर्मपुरा के नजदीक पशुपालकों को बसाने की तैयारी भी शुरू कर दी है. इस देवनारायण योजना की डीपीआर नगर विकास न्यास बनवा रहा है. यह करीब 100 हेक्टेयर में बनने वाली योजना है. जिसमें 1100 से ज्यादा प्लॉट पशुपालकों को सस्ती दरों पर आवंटित किए जाएंगे, ताकि शहर की सड़कों घूम रहे आवारा जानवर और पशु से लोगों के निजात मिल सके.
कोटा शहर में सैकड़ों जगह पशु पालन लोग कर रहे हैं. अधिकांश जगह पर अतिक्रमण कर पशु पालन किया जा रहा है. इसमें बेशकीमती न्यास और नगर निगम की जमीन भी शामिल है. यही नहीं नगर निगम के दशहरा मैदान में ही पशुपालक जमे हुए हैं. इसके साथ शहर के जवाहर नगर एरिया में भी खाली पड़ी जमीन पर अतिक्रमणकारियों ने पशुपालन शुरू कर दिया है. वहीं शहर के बीच से गुजर रहे नाले के आसपास भी यह पशुपालक अपना डेरा जमाए हुए हैं.
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नहीं कर पाएंगे दूसरा काम:
न्यास सचिव पालावत का कहना है कि वर्तमान में जो पशुपालक शहर की सीमा में अपने निजी या अतिक्रमण करके पशु पालन कर रहे हैं. उनको योजना शुरू होने के बाद में शहरी क्षेत्र में पशुपालन की अनुमति नहीं होगी. उन्हें अपनी निजी भूमि पर पशुपालन के अलावा अन्य कार्य करना पड़ेगा. साथ ही जो लोग अतिक्रमण करके पशुपालन कर रहे हैं. उन्हें तो न्यास अतिक्रमण से मुक्त कराएगा और भूमि को अपने कब्जे में लेगा.
यहां लगता है पशुओं का जमावाड़ा:
कोटा शहर के शिवपुरा, सीएडी सर्किल, छावनी, डीसीएम रोड, घोड़े वाले बाबा चौराहा, नयापुरा, नाग नागिन मंदिर, 80 फिट रोड, कुन्हाड़ी मेन रोड और घटोत्कच सर्किल के पास सड़कों पर आवारा जानवर आसानी से नजर आ जाएंगे आपको. करीब 5 से 7 हजार पशु रोज शहर की सड़कों पर घूमते मिलते हैं.
अब तक 300 घायल, 18 लोगों की मौतें:
कोटा शहर में आवारा जानवरों का काफी प्रकोप है. पिछले 2 साल में करीब 300 लोगों को आवारा जानवर चोटिल कर चुके हैं. इन जानवालों का ज्यादातक शिकार बुजुर्गों हो रहे हैं. पिछले दो सालों में आवारा जानवरों की चपेट में आकर 18 लोगों की मौत हो चुकी है.
स्कूल अस्पताल सहित मिलेंगी कई सुविधाएं:
न्यास के सचिव भवानी सिंह पालावत का कहना है कि वे पशुपालकों को जहां पर बसाने जा रहे हैं, उस जगह पर सभी तरह की व्यवस्था उनके लिए करेंगे. इस कॉलोनी में स्कूल और अस्पताल भी होगा. साथ ही गोबर गैस का एक बड़ा संयंत्र भी लगाने की प्लानिंग चल रही है. यह प्रोजेक्ट अभी पाइपलाइन में लिया हुआ है.