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खुद की पहचान पाने को तरस रहे आजादी की लड़ाई लड़ने वाले नयनूराम, अंग्रेजों के गिरोह ने की थी बेरहमी से हत्या - रामगंजमंडी की खबर

कोटा के स्वतंत्रता सेनानी पंडित नयनूराम जी शर्मा की 14 अक्टूबर को पुण्यतिथि मनाई गई. लेकिन अब भी नयनूराम को वह पहचान नहीं मिल पाई जिसके वह हकदार हैं. बता दें कि अंग्रेजों की एक अज्ञात गिरोह ने उनकी हत्या की थी.

कोटा के स्वतंत्रता सेनानी पंडित नयनूराम जी शर्मा, Kota freedom fighter Pandit Nayanuram ji Sharma
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Published : Oct 16, 2019, 8:15 PM IST

रामगंजमंडी (कोटा). उपखण्ड के स्वतंत्रता सेनानी पंडित नयनूराम जी शर्मा की 14 अक्टूबर पुण्यतिथि मनाई गई. इस पुण्यतिथि पर स्वतंत्रता सेनानी नयनूराम जी शर्मा का परिवार श्रद्धासुमन श्रद्धांजलि अर्पित करने वर्तमान में स्थित शहीद स्मारक स्थान पर आते हैं. स्वतंत्रता सेनानी नयनूराम शर्मा रामगंजमंडी तहसील के निमाणा गांव निवासी थे. नयनूराम आजादी के वक्त कोटा प्रजामंडल में सक्रियता से आगे बढ़ रहे थे. भारत की आजादी में नयनूराम शर्मा ने भी अपना अहम योगदान दिया था. बता दें कि खैराबाद में बैठक से लौटते समय नयनूराम शर्मा रामगंजमंडी होते हुए निमाणा गांव आ रहे थे, तभी आते वक्त रास्ते में 14 अक्टूबर 1941 को अपने गांव निमाणा जाते समय पंडित नानूराम शर्मा की अज्ञात अंग्रेजों के गिरोह ने बेरहमी से हत्या कर दी.

देश को आजादी दिलाने वाले नयनूराम खुद की पहचान पाने को तरस रहे

पढ़ेंः जम्मू-कश्मीर में ट्रक चालक की मौत का मामला, चश्मदीद गवाह ने बताई आपबीती

आज भी जिले के जेके लोन अस्पताल चौराहे पर शहीद स्मारक बना हुआ है, लेकिन वह अपने ही उपखण्ड क्षेत्र में अपनी पहचान को तरसता दिखाई दे रहा है. उनका शहीद स्थल जहां है वहां एक मात्र चबूतरा बना हुआ है. हैरानी की बात यह है कि आज तक क्षेत्र में प्रशासन या राजनेताओ ने उपखण्ड में कही नयनूराम शर्मा का स्मारक नहीं बना पाए. आपको बता दें कि स्वत्रंता सेनानी नयनूराम शर्मा के सुपौत्र वीरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया नयनुराम शर्मा महात्मा गांधी जी के भी साथ आंदोलन में थे.

पढ़ेंः 3 दिनों से घर के आंगन में पड़ा बेटे का शव, परिजनों का आरोप- ये हत्या है, पुलिस बता रही एक्सीडेंट...

जब महात्मा गांधी भारत भ्रमण पर निकले थे तब नयनूराम शर्मा ने रामगंजमंडी की धरती पर आदर सत्कार कर चाय भेट की थी. वह जगह आज गांधी चौक के नाम से उपखण्ड में जानी जाती है. लेकिन स्वतंत्रता सेनानी नयनूराम को आज भी उपखण्ड में कही सेनानी का दर्जा नहीं दिया गया. वीरेन्द्र शर्मा ने बताया कि सन 1941 में जब नयनूराम की हत्या की गई थी तो उसके बाद सन1942 में राजस्थान के कई स्वतंत्रता सेनानियों की तरफ से कार्यक्रम चलाया गया था. जिसमे नेता विजय सिंह पथिक, मानिक लाल जी वर्मा शामिल थे.

पढ़ेंः ट्रैफिक पुलिसकर्मियों द्वारा फूड डिलेवरी बॉय को भद्दे-भद्दे आपत्तिजनक गालियों का VIDEO VIRAL

तत्कालीन समय में स्वतंत्रता सेनानी भेरुलाल जी यहां सक्रिय रूप से कार्य करके उन्होंने इस स्थल पर मेला भरकर कार्यक्रम की शुरुआत कि थी. उन्होंने बतायता कि मेले में कई स्वतंत्रता सेनानी आकर यहां स्वतंत्रता सेनानी नयनूराम शर्मा जी को श्रद्धांजलि दिया करते थे. इस स्थान पर आज भी उस समय का सभा स्थल के रूप में चबूतरा बना हुआ है. इस स्थल पर कवि सम्मेलन भी करवाये गए.

वहीं, स्वतंत्रता सेनानियों ने पैसा एकत्रित करके यहां पर कुआं खुदवाया था, जिससे मेले में आए लोगों को पानी पिलाया जाता था. उस कुएं को भी प्रशासन ने भरवा दिया है. नयनूराम शर्मा के सुपौत्र ने बताया कि उपखण्ड के पास में बने हुए कॉलेज का काम जब शुरू किया था तब मांग की गई थी कि कॉलेज स्वतंत्रता सेनानी नयनूराम जी के नाम से नाम रखा जाए, लेकिन राजनीतिक द्वेषता के कारण आज भी इनको इनकी उपखण्ड में पहचान नही मिली है. कुछ समाजसेवी आज भी इस स्थल पर आकर श्रद्धांजलि अर्पित करते है.

पढ़ेंः कोटा : सुनवाई नहीं होने से आहत युवक पहुंचा SP ऑफिस, कहा- मैं जहर खा कर आया हूं...और गश खाकर गिर गया

वहीं, स्वतंत्रता सेनानी परिवार के सदस्यों ने यह भी बताया कि इनका नाम उपखंड स्तर में कोई नहीं पहचानता क्योंकि इनका अपने उपखंड में कोई स्मारक नहीं बना हुआ है. पालिका इनका स्मारक बनाए तो रामगंजमंडी कि आने वाली पीढ़ी उपखंड क्षेत्र में शहीद होने वाले स्वतंत्रता सेनानी नयनूराम शर्मा को पहचान पाएगी. वहीं समाजसेवी महेंद्र सामरिया ने अपनी राय रखते हुए कहा कि राजस्थान सरकार को इस स्थल पर गार्डन बनाकर नयनूराम का भव्य समारक बनाना चाहिए.

पढ़ेंः कोटा के सांगोद में पहले बरसात और अब खराब रास्ते ने तोड़ी किसानों की कमर

समाजसेवी नितिन शर्मा ने बताया कि देश के लिये शहीद स्वतंत्रता सेनानी की पुण्यतिथि पर प्रशासन को आकर सम्मान देना चाहिए. 14 अक्टूबर को पूर्व पालिका अध्यक्ष विजय गौत्तम, महाविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष विष्णु कुमार, सहित कई छात्रों ने स्वतंत्रता सेनानी नयनूराम को श्रद्धांजलि अर्पित की.

रामगंजमंडी (कोटा). उपखण्ड के स्वतंत्रता सेनानी पंडित नयनूराम जी शर्मा की 14 अक्टूबर पुण्यतिथि मनाई गई. इस पुण्यतिथि पर स्वतंत्रता सेनानी नयनूराम जी शर्मा का परिवार श्रद्धासुमन श्रद्धांजलि अर्पित करने वर्तमान में स्थित शहीद स्मारक स्थान पर आते हैं. स्वतंत्रता सेनानी नयनूराम शर्मा रामगंजमंडी तहसील के निमाणा गांव निवासी थे. नयनूराम आजादी के वक्त कोटा प्रजामंडल में सक्रियता से आगे बढ़ रहे थे. भारत की आजादी में नयनूराम शर्मा ने भी अपना अहम योगदान दिया था. बता दें कि खैराबाद में बैठक से लौटते समय नयनूराम शर्मा रामगंजमंडी होते हुए निमाणा गांव आ रहे थे, तभी आते वक्त रास्ते में 14 अक्टूबर 1941 को अपने गांव निमाणा जाते समय पंडित नानूराम शर्मा की अज्ञात अंग्रेजों के गिरोह ने बेरहमी से हत्या कर दी.

देश को आजादी दिलाने वाले नयनूराम खुद की पहचान पाने को तरस रहे

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आज भी जिले के जेके लोन अस्पताल चौराहे पर शहीद स्मारक बना हुआ है, लेकिन वह अपने ही उपखण्ड क्षेत्र में अपनी पहचान को तरसता दिखाई दे रहा है. उनका शहीद स्थल जहां है वहां एक मात्र चबूतरा बना हुआ है. हैरानी की बात यह है कि आज तक क्षेत्र में प्रशासन या राजनेताओ ने उपखण्ड में कही नयनूराम शर्मा का स्मारक नहीं बना पाए. आपको बता दें कि स्वत्रंता सेनानी नयनूराम शर्मा के सुपौत्र वीरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया नयनुराम शर्मा महात्मा गांधी जी के भी साथ आंदोलन में थे.

पढ़ेंः 3 दिनों से घर के आंगन में पड़ा बेटे का शव, परिजनों का आरोप- ये हत्या है, पुलिस बता रही एक्सीडेंट...

जब महात्मा गांधी भारत भ्रमण पर निकले थे तब नयनूराम शर्मा ने रामगंजमंडी की धरती पर आदर सत्कार कर चाय भेट की थी. वह जगह आज गांधी चौक के नाम से उपखण्ड में जानी जाती है. लेकिन स्वतंत्रता सेनानी नयनूराम को आज भी उपखण्ड में कही सेनानी का दर्जा नहीं दिया गया. वीरेन्द्र शर्मा ने बताया कि सन 1941 में जब नयनूराम की हत्या की गई थी तो उसके बाद सन1942 में राजस्थान के कई स्वतंत्रता सेनानियों की तरफ से कार्यक्रम चलाया गया था. जिसमे नेता विजय सिंह पथिक, मानिक लाल जी वर्मा शामिल थे.

पढ़ेंः ट्रैफिक पुलिसकर्मियों द्वारा फूड डिलेवरी बॉय को भद्दे-भद्दे आपत्तिजनक गालियों का VIDEO VIRAL

तत्कालीन समय में स्वतंत्रता सेनानी भेरुलाल जी यहां सक्रिय रूप से कार्य करके उन्होंने इस स्थल पर मेला भरकर कार्यक्रम की शुरुआत कि थी. उन्होंने बतायता कि मेले में कई स्वतंत्रता सेनानी आकर यहां स्वतंत्रता सेनानी नयनूराम शर्मा जी को श्रद्धांजलि दिया करते थे. इस स्थान पर आज भी उस समय का सभा स्थल के रूप में चबूतरा बना हुआ है. इस स्थल पर कवि सम्मेलन भी करवाये गए.

वहीं, स्वतंत्रता सेनानियों ने पैसा एकत्रित करके यहां पर कुआं खुदवाया था, जिससे मेले में आए लोगों को पानी पिलाया जाता था. उस कुएं को भी प्रशासन ने भरवा दिया है. नयनूराम शर्मा के सुपौत्र ने बताया कि उपखण्ड के पास में बने हुए कॉलेज का काम जब शुरू किया था तब मांग की गई थी कि कॉलेज स्वतंत्रता सेनानी नयनूराम जी के नाम से नाम रखा जाए, लेकिन राजनीतिक द्वेषता के कारण आज भी इनको इनकी उपखण्ड में पहचान नही मिली है. कुछ समाजसेवी आज भी इस स्थल पर आकर श्रद्धांजलि अर्पित करते है.

पढ़ेंः कोटा : सुनवाई नहीं होने से आहत युवक पहुंचा SP ऑफिस, कहा- मैं जहर खा कर आया हूं...और गश खाकर गिर गया

वहीं, स्वतंत्रता सेनानी परिवार के सदस्यों ने यह भी बताया कि इनका नाम उपखंड स्तर में कोई नहीं पहचानता क्योंकि इनका अपने उपखंड में कोई स्मारक नहीं बना हुआ है. पालिका इनका स्मारक बनाए तो रामगंजमंडी कि आने वाली पीढ़ी उपखंड क्षेत्र में शहीद होने वाले स्वतंत्रता सेनानी नयनूराम शर्मा को पहचान पाएगी. वहीं समाजसेवी महेंद्र सामरिया ने अपनी राय रखते हुए कहा कि राजस्थान सरकार को इस स्थल पर गार्डन बनाकर नयनूराम का भव्य समारक बनाना चाहिए.

पढ़ेंः कोटा के सांगोद में पहले बरसात और अब खराब रास्ते ने तोड़ी किसानों की कमर

समाजसेवी नितिन शर्मा ने बताया कि देश के लिये शहीद स्वतंत्रता सेनानी की पुण्यतिथि पर प्रशासन को आकर सम्मान देना चाहिए. 14 अक्टूबर को पूर्व पालिका अध्यक्ष विजय गौत्तम, महाविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष विष्णु कुमार, सहित कई छात्रों ने स्वतंत्रता सेनानी नयनूराम को श्रद्धांजलि अर्पित की.

Intro:रामगंजमण्डी /कोटा
स्वतंत्रता सेनानी को पहचान दिलाने के लिये डेक्स द्वारा उनके प्रेतक गांव मकान की विज्ववल मांगे गए थे।
स्वतंत्रता सेनानी व सन 1978 से 1980 तक जनता पार्टी सरकार में आयुर्वेद राज्य मंत्री भैरव लाल 'काला बादल' के जीवन पर लिखी बुक का विमोचन में स्वतंत्रता सेनानी पंडित नयनुराम जी शर्मा को अपना गुरु का दर्जा दिया । वही उनके सुपौत्र ने जानकारियां देते हुए की सालो पहले अखबारों में स्वतंत्रता सेनानी की गाथा को छापा गया है ।
Body:रामगंजमण्डी /कोटा
स्वतंत्रता सेनानी को पहचान दिलाने के लिये डेक्स द्वारा उनके प्रेतक गांव मकान की विज्ववल मांगे गए थे।
स्वतंत्रता सेनानी व सन 1978 से 1980 तक जनता पार्टी सरकार में आयुर्वेद राज्य मंत्री भैरव लाल 'काला बादल' के जीवन पर लिखी बुक का विमोचन में स्वतंत्रता सेनानी पंडित नयनुराम जी शर्मा को अपना गुरु का दर्जा दिया । वही उनके सुपौत्र ने जानकारियां देते हुए की सालो पहले अखबारों में स्वतंत्रता सेनानी की गाथा को छापा गया है ।
Conclusion:रामगंजमण्डी /कोटा
स्वतंत्रता सेनानी को पहचान दिलाने के लिये डेक्स द्वारा उनके प्रेतक गांव मकान की विज्ववल मांगे गए थे।
स्वतंत्रता सेनानी व सन 1978 से 1980 तक जनता पार्टी सरकार में आयुर्वेद राज्य मंत्री भैरव लाल 'काला बादल' के जीवन पर लिखी बुक का विमोचन में स्वतंत्रता सेनानी पंडित नयनुराम जी शर्मा को अपना गुरु का दर्जा दिया । वही उनके सुपौत्र ने जानकारियां देते हुए की सालो पहले अखबारों में स्वतंत्रता सेनानी की गाथा को छापा गया है ।
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