कोटा. पूरे देश में लॉकडाउन लगने के कारण आमजन दूसरे राज्यों में फंसे हुए है. इनमें मजदूर वर्ग का एक बड़ा तबका भी शामिल है, हालांकि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही बसों और ट्रेनों से लोगों को एयरलिफ्ट करवाया जा रहा है. लेकिन अभी भी हजारों की संख्या में मजदूर वर्ग पैदल ही अपने घरों की तरफ कूच कर रहे है.
इसी कड़ी में एक मजदूर परिवार का कुनबा जोधपुर से 400 किलोमीटर की यात्रा करते हुए कोटा पहुंचा है. जिनमें 2 महिलाएं सहित 15 लोग है. सबसे बड़ी बात इसमें छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल है, जिनकी उम्र महज 3 साल से लेकर 5 साल तक की है. शहर से पैदल जा रहे मजदूरों को जिला प्रशासन कलेक्ट्रेट लेकर गाया, जहां पर उनकी पहले तो स्क्रीनिंग की गई इसके साथ ही उन्हें बोरखंडी स्थित सरकारी स्कूल में ले जाया गया. जहां पर मजदूरों को रुकवाया गया.
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बता दें, कि मजदूर परिवार के लोगों ने कहा, कि वे अपने साथ राशन की सामग्री भी लेकर चले थे, क्योंकि रास्ते में कहीं भोजन नहीं मिले तो वह बनाकर खा लें. हालांकि कुछ जगह पर खाना उन्हें मिला, लेकिन जहां नहीं मिलता था वहां पर भी खुद बना भी लेते थे. वह अपने साथ सामान भी ले कर जा रहे हैं. हालांकि कोटा जिला प्रशासन ने इन सभी मजदूरों को कोटा में ही रुकवा दिया है.
थक जाते हैं बच्चे...
इन्हीं में से एक महिला ने बताया, कि उनका एक छोटा बच्चा है. छोटे बच्चे चल नहीं पाते और काफी परेशान हो जाते थे. ऐसे में दिन में करीब 18 से 20 किलोमीटर ही हम चल पाए, जिसमें भी दो बार हमें खाना बनाने के लिए रुकना पड़ा है. महिलाओं का कहना था, कि बच्चों को किस तरह से हम पैदल लेकर आए हैं, यह हम ही जानते हैं.