कोटा. जिले के सांगोद सीट से विधायक भरत सिंह (Bharat Singh) ने कोटा में एडीएम सिटी पद पर पदस्थापित RAS अधिकारी आरडी मीणा के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है. इस संबंध में उन्होंने जिला कलेक्टर से बीते दिनों मुलाकात की थी. साथ ही मांग की थी कि उन्हें कोटा से नहीं हटाया गया तो 8 जुलाई को उनके कार्यालय के बाहर ही प्रदर्शन किया जाएगा.
मुख्य सचिव से की शिकायत
इसी बीच इस मामले को लेकर भरत सिंह ने एक पत्र जिला कलेक्टर उज्जवल राठौड़ को लिखा है. जिसमें उन्होंने आईडी मीणा के खिलाफ पद के दुरुपयोग की जांच करवाने की मांग की है. साथ ही इसकी प्रतिलिपि मुख्य सचिव निरंजन आर्य को भी भेजी है.
विधायक भरत सिंह ने लिखा है कि RAS आरडी मीणा सरकारी आवास केआर 36 में निवास नहीं करते हैं. इनका लड़का विनायक कृष्ण मीणा जो बैंक कर्मचारी है, इस आवास में रहता है और वह इस आवास का उपयोग करने के लिए अधिकृत भी नहीं है. इस आवास में काम करने के लिए सिविल डिफेंस के स्वयंसेवकों को नियुक्त किया गया है, जिनका खर्चा सरकार उठाती है. जबकि ये एडीएम सिटी आरडी मीणा के पुत्र विनायक कृष्ण मीणा की चाकरी में जुटे हुए हैं.
चुनाव आयोग के पैसे का दुरुपयोग
भरत सिंह (Bharat Singh) ने पत्र में लिखा है कि आरडी मीणा ने चुनाव आयोग की गाड़ी को अपने पुत्र का सामान लाने ले जाने के लिए उपयोग किया. इसके अलावा सिविल डिफेंस के कर्मचारियों को प्रयोग में लिया है. यह चुनाव आयोग के पैसे का भी दुरुपयोग है.
पद का दुरुपयोग
उन्होंने सभी प्रकरण में जांच के लिए दस्तावेज भी भेजी है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि एडीएम सिटी आरडी मीणा ने दो जगहों पर अपने और परिवार के नाम दर्ज करवा रखे हैं, जबकि कोटा सिटी में वे खुद रिटर्निंग ऑफिसर रहे हैं. ऐसे में यह पद के दुरुपयोग और अपराध की श्रेणी में आता है.
लाइसेंस के लिए दिया है गलत पता
भरत सिंह (Bharat Singh) ने पत्र में लिखा कि आरडी मीणा ने अपने पुत्र का 2 महीने में पिस्टल का लाइसेंस बनवा दिया, जबकि कई सालों से चक्कर काटने वाले आम लोगों के लाइसेंस नहीं बन रहे हैं. साथ ही उन्होंने लिखा है कि आरडी मीणा के बेटे विनायक कृष्ण मीणा का स्थाई पता ड्यूटी तहसील अटरू जिला बारां है, जबकि उन्होंने अपने पुत्र के लिए जो लाइसेंस लिया है उसमें सरकारी बंगले केआर- 36 का गलत पता दे रखा है.
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क्या है पूरा मामला
विधायक भरत सिंह ने आरोप लगाया था कि आरडी मीणा सिटी मजिस्ट्रेट की कुर्सी पर बैठने लायक नहीं हैं. आरडी मीणा ने 2 महीने में अपने बेटे के हथियार का लाइसेंस बनवा लिया था. कोटा के पूर्व कमिश्नर के नाम भी 2 महीने में हथियार का लाइसेंस तैयार हो गया था, लेकिन एक आम आदमी लाइसेंस बनवाने के लिए वर्षों तक चक्कर लगाता रहता है. कार्यालय में काफी ज्यादा भ्रष्टाचार हो गया है.
वहीं, विधायक भरत सिंह की शिकायत के बाद ही एडीएम से लाइसेंस का काम वापस ले लिया गया था और बाबू को भी कार्यालय से हटा दिया गया है. लेकिन ADM सिटी को नहीं हटाया गया. भरत सिंह ने इसकी शिकायत सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) से भी की थी.