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FMGE Exam: रूस-यूक्रेन युद्ध से प्रभावित मेडिकल स्टूडेंट्स को राहत, ऐसे विद्यार्थी होंगे एफएमजीई में शामिल

नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने रूस-यूक्रेन युद्ध से प्रभावित विदेशों में अध्ययनरत मेडिकल विद्यार्थियों को राहत दी (Russia Ukraine war affected Indian students) है. एनएमसी ने नोटिफिकेशन जारी कर कहा है कि 30 जून, 2022 से पहले जिन विद्यार्थियों को कोर्स कंपलीशन सर्टिफिकेट जारी हो चुका है, वे फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएशन एग्जामिनेशन (FMGE) परीक्षा में शामिल हो सकते हैं. साथ ही इस परीक्षा में सफल विद्यार्थियों को 2 वर्षीय कंपलसरी रोटेटिंग मेडिकल इंटर्नशिप पूरी करनी होगी.

Russia Ukraine war affected Indian students can appear in FMGE exam
रूस-यूक्रेन युद्ध से प्रभावित मेडिकल स्टूडेंट्स को राहत, ऐसे विद्यार्थी होंगे एफएमजी में शामिल
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Published : Jul 29, 2022, 8:47 PM IST

कोटा. सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना करते हुए नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने रूस-यूक्रेन युद्ध से प्रभावित विदेशों में अध्ययनरत मेडिकल विद्यार्थियों के हित में निर्णय लिया है. इस संबंध में एक नोटिफिकेशन कमीशन की ऑफिशियल वेबसाइट पर जारी किया गया (Notification for FMGE exam) है.

एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि नोटिफिकेशन के अनुसार विदेशों में मेडिकल अंडरग्रेजुएट कोर्स के अंतिम वर्ष में अध्ययनरत विद्यार्थी जिन्हें संबंधित मेडिकल संस्थान की ओर से 30 जून, 2022 व इससे पूर्व कोर्स कंपलीशन सर्टिफिकेट जारी किया जा चुका है. वे सभी अब फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएशन एग्जामिनेशन (FMGE) में सम्मिलित होने के लिए पात्र होंगे. शर्मा ने बताया कि नोटिफिकेशन में साफ किया गया है कि फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जामिनेशन में सफल विद्यार्थियों को 2 वर्षीय कंपलसरी रोटेटिंग मेडिकल इंटर्नशिप (CRMI) पूरी करनी होगी.

पढ़ें: Admission in Engineering College : 12वीं बोर्ड के रिजल्ट पर कई इंजीनियरिंग कॉलेज में मिल सकता है एडमिशन, देखें सूची

इस इंटर्नशिप को नियमानुसार पूरी करने के बाद ही विदेशों से मेडिकल शिक्षा लेने वाले ये विद्यार्थी भारत में मेडिकल प्रैक्टिस करने के योग्य घोषित किए जाएंगे. विदेशों से एमबीबीएस करने वाले ये विद्यार्थी क्लीनिकल ट्रेनिंग व फिजिकली अटेंड नहीं कर पाएं हैं. ऐसी स्थिति में क्लिनिकल ट्रेनिंग का पर्याप्त एक्स्पोजर देने के लिए 2 वर्षीय इंटर्नशिप की व्यवस्था की गई है. आपको बता दें कि स्वदेशी विद्यार्थियों के लिए कंपलसरी रोटेटिंग मेडिकल इंटर्नशिप एक साल ही होती है.

कोटा. सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना करते हुए नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने रूस-यूक्रेन युद्ध से प्रभावित विदेशों में अध्ययनरत मेडिकल विद्यार्थियों के हित में निर्णय लिया है. इस संबंध में एक नोटिफिकेशन कमीशन की ऑफिशियल वेबसाइट पर जारी किया गया (Notification for FMGE exam) है.

एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि नोटिफिकेशन के अनुसार विदेशों में मेडिकल अंडरग्रेजुएट कोर्स के अंतिम वर्ष में अध्ययनरत विद्यार्थी जिन्हें संबंधित मेडिकल संस्थान की ओर से 30 जून, 2022 व इससे पूर्व कोर्स कंपलीशन सर्टिफिकेट जारी किया जा चुका है. वे सभी अब फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएशन एग्जामिनेशन (FMGE) में सम्मिलित होने के लिए पात्र होंगे. शर्मा ने बताया कि नोटिफिकेशन में साफ किया गया है कि फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जामिनेशन में सफल विद्यार्थियों को 2 वर्षीय कंपलसरी रोटेटिंग मेडिकल इंटर्नशिप (CRMI) पूरी करनी होगी.

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इस इंटर्नशिप को नियमानुसार पूरी करने के बाद ही विदेशों से मेडिकल शिक्षा लेने वाले ये विद्यार्थी भारत में मेडिकल प्रैक्टिस करने के योग्य घोषित किए जाएंगे. विदेशों से एमबीबीएस करने वाले ये विद्यार्थी क्लीनिकल ट्रेनिंग व फिजिकली अटेंड नहीं कर पाएं हैं. ऐसी स्थिति में क्लिनिकल ट्रेनिंग का पर्याप्त एक्स्पोजर देने के लिए 2 वर्षीय इंटर्नशिप की व्यवस्था की गई है. आपको बता दें कि स्वदेशी विद्यार्थियों के लिए कंपलसरी रोटेटिंग मेडिकल इंटर्नशिप एक साल ही होती है.

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