कोटा. नगर निगम कोटा दक्षिण की गुरुवार को हुई बजट बोर्ड बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गई. बोर्ड की बैठक में जैसे ही नगर निगम कोटा दक्षिण का बजट पेश किया गया, जहां भाजपा पार्षदों ने नगर निगम बोर्ड की कई कमियों को उजागर करते हंगामा किया. भाजपा के कुछ पार्षद हंगामा करते हुए बैठक की अध्यक्षता कर रहे महापौर राजीव अग्रवाल के नजदीक पहुंच गए. जिस पर कांग्रेस के पार्षदों ने भी आपत्ति जताई.
हालांकि, काफी देर तक गहमागहमी चलती रही और पूरी बोर्ड की बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गई. भाजपा पार्षदों ने महापौर राजीव अग्रवाल और बोर्ड पर कई भ्रष्टाचार के आरोप लगाए. जिसको लेकर कांग्रेसी पार्षद भी हंगामा करने लगे और उन्होंने भाजपा पार्षदों के द्वारा महापौर का अपमान करने का आरोप लगा दिया. इसके साथ ही भाजपा के पार्षद गोपाल राम मंडा को बर्खास्त करने की मांग कर दी. भाजपा पार्षदों ने राहुल व सोनिया गांधी तो कांग्रेसियों ने पीएम मोदी के खिलाफ नारेबाजी (BJP protest in Kota North Nagar Nigam budget meeting) की.
नगर निगम की बोर्ड बैठक में शहर के विकास सफाई सीवरेज और सड़कों के साथ-साथ नालों के रखरखाव को लेकर चर्चा होनी थी, लेकिन इसकी जगह पर भाजपा और कांग्रेस दोनों के पार्षद नेताओं के खिलाफ और समर्थन में नारेबाजी करने लगे. दोनों पक्षों से हो रहे हंगामे के दौरान ही भाजपा के पार्षद सभागार के बीच में आकर बैठ गए. एक तरफ जहां भाजपा पार्षद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की जय जयकार कर रहे थे. कांग्रेस पार्षदों ने भी कांग्रेस नेताओं के समर्थन में और भाजपा नेताओं के खिलाफ नारेबाजी की.
यूडी टैक्स पर सभी सहमत हुए, नहीं देंगे निजी फर्म को: पार्षद ओम गुंजल ने निजी फर्म को यूडी टैक्स रिकवरी का काम देने का विरोध किया. उन्होंने कहा कि इस तरह से निजी फर्म अगर यूडी टैक्स वसूले की तो शहर में गुंडागर्दी होगी. निजी फर्म किसी भी व्यक्ति को तंग करने पहुंच जाएगी. ऐसे में यह काम नगर निगम को ही करना चाहिए. सभी पार्षद एकजुट होकर निजी फर्म को यूडी टैक्स का काम नहीं सौंपने की मांग उठाने लगे. इस पर सभी की एक राय होने से इसे निजी फर्म को सौंपने का फैसला टाल दिया गया है. महापौर राजीव अग्रवाल ने कहा कि सभी वार्ड़ों में 5-5 सफाईकर्मी बढ़ाने का निर्णय लिया गया है.
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नगर निगम में कांग्रेस का बोर्ड है, लेकिन भाजपा और कांग्रेस दोनों के पार्षदों के निशाने पर ही अधिकारी रहे हैं. यहां तक कि महापौर राजीव अग्रवाल और उपमहापौर पवन मीणा ने भी अधिकारियों पर ही निशाना साधा. उनका कहना है कि बोर्ड में सब पार्षद मिलजुल कर काम करवाना चाहते हैं, लेकिन अधिकारी बिना वजह ही कामों को अटकाए रखे हैं. इसके चलते शहर में सफाई व्यवस्था से लेकर विकास कार्य भी नहीं हो रहे हैं. उपमहापौर पवन मीणा का कहना है कि 1 साल से ज्यादा समय हो गया. आम जनता की शिकायतें हमारे पास भी आती हैं. सफाई से लेकर अतिक्रमण और सुचारू पानी की व्यवस्था के मुद्दे हैं. अधिकारियों की हठधर्मिता और फाइलों में काम को उलझाने के मामले दुर्भाग्यपूर्ण हैं.
विपक्ष ने बताया नाथी का बाड़ा: विपक्षी पार्षद गोपालराम मंडा ने बोर्ड की बैठक को नाथी का बाड़ा बता दिया और बजट को काल्पनिक बताया. उन्होंने नगर निगम बोर्ड पर ही भ्रष्टाचार का आरोप लगा दिया. उनका कहना है कि नगर निगम यूडी टैक्स को निजी फर्म को सौंपना चाहती थी, जबकि कई पार्षद इस काम को लेने के लिए मौका तलाश रहे थे. यूनीपोल में गड़बड़ी चल रही है. हमारे समय 7 करोड़ रुपए का ठेका था, अब 5 करोड़ रह गया. जबकि कमाई 10 लाख की ही हुई है.