कोटा. ज्यादातर मेडिकल कॉलेजों में आधे-आधे थिएटर ब्लॉक कर ऑपरेशन किए जाते हैं. जैसे कि आधे ओटी उपयोग में ले लिए जाते हैं, लेकिन कोटा में तो एक साथ ही सारे ऑपरेशन थिएटर बंद कर दिए जाते हैं.
कोटा मेडिकल कॉलेज में सालाना मेंटेनेंस के लिए ऑपरेशन थियेटरों को बंद करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं.
इस दौरान सार्वजनिक निर्माण विभाग की तरफ से रंग रोगन, इलेक्ट्रिक, रिपेयरिंग, दीवारों और छत की मरम्मत की जाती है. इसके बाद इन सभी ऑपरेशन थिएटर को संक्रमण रोकथाम के लिए (Routine Surgery in Kota New Medical College) फ्यूमिगेशन करके बंद किया जाता है, जिन्हें नए साल में खोला जाता है.
एक ऑपरेशन थिएटर बीते 2 साल से बंद...
एमबीएस अस्पताल के मेन ऑपरेशन थिएटर ब्लॉक में छोटी है, जिसमें से एक बी नंबर का ओटी बीते 2 सालों से बंद है. क्योंकि उसकी एनएसथीसिया वर्क स्टेशन बंद हो गया, जिसके बाद अब तो ओटी टेबल भी उपयोग में नहीं आ रही है. इससे वह भी खराब हो गई है, जिसको दुरुस्त नहीं करवाया जा सका है. इसके अलावा न्यूरो सर्जरी और नेत्र रोग का अलग ऑपरेशन थिएटर है. मेन ऑपरेशन थिएटर में दो ऑर्थोपेडिक के लिए रिजर्व है. इसके अलावा चालू 3 ऑपरेशन थिएटर में ईएनटी, जनरल सर्जरी और यूरोलॉजी के ऑपरेशन किए जाते हैं. अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. समीर टंडन का कहना है कि उन्होंने सभी चिकित्सकों को निर्देशित किया है कि जिस मरीज का ऑपरेशन टाला नहीं जा सकता है, उसका इमरजेंसी ऑपरेशन थिएटर में ऑपरेशन किया जाए.
पढ़ें : गहलोत सरकार के 3 साल : वसुंधरा राजे का कटाक्ष - झूठे वादों से बनी सरकार जनता की परीक्षा में रही फेल
एमबीएस में रोज हो रही 35 से 40 सर्जरी...
एमबीएस अस्पताल के मेन ऑपरेशन थिएटर, आई और न्यूरो सर्जरी के तीनों के ऑपरेशन थिएटर मिलाकर रोज करीब 35 से 40 ऑपरेशन किए जाते हैं. जबकि इमरजेंसी में दो ही ऑपरेशन थिएटर हैं, जिनमें पर्याप्त मशीनरी भी मौजूद नहीं है. कुछ स्पेशल उपकरण यूरोलॉजी के ऑपरेशन थिएटर में उपयोग में लिए जाते हैं. यह इमरजेंसी ऑपरेशन थिएटर में मौजूद भी नहीं है, जिसके चलते प्लांट ऑपरेशन में जरूरत पड़ने पर इमरजेंसी ऑपरेशन थिएटर का उपयोग नहीं किया जा सकता है. इमरजेंसी के मरीज से रूटीन के प्लांड ऑपरेशन वाले मरीज को संक्रमण का खतरा भी ज्यादा होता है.
नए अस्पताल में उपयोग ले सकते हैं एसएसबी के ओटी ?
मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में भी ऑपरेशन थिएटर 12 हैं, जिनमें से आठ ही उपयोग में ले जाते हैं, चार का उपयोग नहीं होता है. हालांकि, इस पूरे ब्लॉक में ही मेंटेनेंस का कार्य करवाया जाएगा. इसके चलते सर्जरी या बंद रहेगी. इनकी जगह पर नए अस्पताल के नजदीक ही सुपर स्पेशयिलिटी ब्लॉक के ऑपरेशन थियेटरों का भी उपयोग लिया जा सकता है, ताकि मरीजों को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा और उनको छुट्टियों के दौरान ही प्लांड सर्जरी करवा सकें. अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सुशील का कहना है कि वह सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में बने छह ऑपरेशन थियेटरों का इमरजेंसी में उपयोग लेंगे. इसके लिए स्टाफ और डॉक्टर को भी कह दिया गया है, ताकि मरीजों को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़े.