अजमेर: अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेले के विधिवत आगाज के दूसरे दिन रविवार को रेगिस्तान के जहाज कहे जाने वाले ऊंट के नृत्य और श्रृंगार की प्रतियोगिता आयोजित की गई. सजे-धजे ऊंटों और उनके नृत्य को देखने के लिए मेला ग्राउंड पर देसी-विदेशी पर्यटकों का जमावड़ा लगा. प्रतियोगिता का पर्यटकों ने जमकर आनंद लिया.
विश्व विख्यात पुष्कर पशु मेला रेगिस्तान के जहाज ऊंटों के लिए भी काफी प्रसिद्ध है. मेले में बड़ी संख्या में आने वाले ऊंट विदेशी पर्यटकों को हमेशा से आकर्षित करते आए हैं. यही वजह है कि पशुपालन विभाग और पर्यटन विभाग ने भी विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए मेले में ऊंट नृत्य और श्रृंगार प्रतियोगिता रखी. रविवार को पुष्कर मेला ग्राउंड पर पशुपालकों ने अपने प्रशिक्षित ऊंटों से नृत्य पेश करवाया. प्रतियोगिता में आठ प्रतिभागियों ने भाग लिया. वहीं, ऊंट श्रृंगार प्रतियोगिता में 7 प्रतिभागियों ने प्रतियोगिता में हिस्सा लिया.
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ढोल की थाप पर थिरके ऊंट : पुष्कर के मेला मैदान में ऊंट नृत्य प्रतियोगिता में प्रशिक्षित ऊंटों ने ढोल और झालर की आवाज पर शानदार नृत्य पेश किया. किसी ऊंट ने आगे के दोनों पैर हवा में उठाए तो किसी ने कदम ताल कर लुभाया. किसी ने बैठकर आगे के पैरों को ऊपर उठाया. एक ऊंट ने तो मुंह से माला उठाकर अपने मालिक को पहनाई.
ढोल की आवाज पर जमकर थिरके ऊंटों देख देसी-विदेशी पर्यटक भी हैरान रह गए. सांस्कृतिक एवं खेलकूद प्रतियोगिता समिति के सचिव डॉ. कुलदीप अग्रवाल ने बताया कि ऊंट नृत्य प्रतियोगिता में कुचामन सिटी के पोकर राम ने प्रथम स्थान हासिल किया. वहीं, डीडवाना कुचामन के झाड़ोल निवासी प्रभु सिंह द्वितीय और सीकर के सेंदड़ा निवासी विजेंद्र सिंह तीसरे स्थान पर रहे, रेगिस्तान में चलने वाले ऊंट को नाचते देख विदेशी पर्यटक भी दंग रह गए.
ऊंटों ने अपनी खूबसूरती से किया आकर्षित : मेले में ऊंट श्रृंगार प्रतियोगिता में ऊंट को सिर से लेकर पैर तक सजाया गया. कई घंटों का वक्त ऊंट को सजाने में लगता है. ऊंट पालक इसके लिए प्रशिक्षित ऊंट को ही सजाते हैं, ताकि प्रतियोगिता के बीच ऊंट शांत रहे और निर्देशों का पालन करे. ऊंट प्रतियोगिता में भी यह सामंजस्य से ऊंट पालक और ऊंट के बीच देखा गया. प्रतियोगिता में आठों प्रतिभागियों ने अपने ऊंटों को शानदार सजाया. डॉ. अग्रवाल ने बताया कि ऊंट श्रृंगार प्रतियोगिता में सीकर के पलसाना गांव के निवासी शिशुपाल सिंह ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है, जबकि दूसरे स्थान पर सीकर के ही सेवदा गांव निवासी विजेंद्र सिंह द्वितीय स्थान पर और तृतीय स्थान पर पुष्कर के अशोक टांक रहे.